हेल्प इन सफरिंग में खुला नया ट्रॉमा सेंटर

अत्याधुनिक फोस्टर सेंटर में जानवरों और पक्षियों को मिलेगी गहन देखभाल

जयपुर स्थित 41 वर्ष पुराना संगठन— हैल्प इन सफरिंग (एचआईएस), जो कि छोड़े गए जानवरों का इलाज, देखभाल और पुनर्वास करता है, ने अत्याधुनिक फोस्टर सेंटर का निर्माण कराया है। यह एक ट्रॉमा सेंटर है जहां उन जानवरों और पक्षियों को रखा जाएगा जिन्हें गहन देखभाल की आवश्यकता है। ट्रॉमा सेंटर का उद्घाटन कॉट-टन्स जयपुर के संस्थापक और हेल्प इन सफ़रिंग के मित्र बेहरोज़ सिंह ने किया। उद्घाटन कार्यक्रम में ट्रस्टी, मित्र, समर्थक और पशु प्रेमी शामिल हुए।

शेल्टर में लाए गए पशुओं में अधिकांश पिल्ले, बिल्ली के बच्चे और चिडियां हैं। जिन्हें निरंतर देखभाल और ध्यान देने की जरूरत है। 820 वर्ग फुट का फोस्टर रूम इस उद्देश्य के लिए सुसज्जित है और चौबीसों घंटे खुला है।

इस फोस्टर रूम को जयपुर की युवा और होनहार आर्किटेक्ट भव्या गौड़ ने डिजाइन किया है। एचआईएस के पशु चिकित्सक, केयर टीम और प्रबंधकों ने फोस्टर सेंटर के कार्यों में योगदान दिया। जेएमसी प्रोजेक्ट लिमिटेड, मुंबई और प्रीति सेठ ने अपने स्वर्गीय पति ओंकार नाथ सेठ की स्मृति में भवन के निर्माण के लिए फंड दिया है।

हमें अत्यंत खुशी है कि पशुओं के छोटे बच्चों के लिए अत्याधुनिक फोस्टर रूम की सुविधा प्रदान कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें इलाज से ज्यादा देखभाल और प्यार की जरूरत है। यहां उन्हें जो देखभाल और ध्यान मिलेगा वह एक मां के प्यार के अनुरूप होगा।

मैनेजिंग ट्रस्टी, टिम्मी कुमार ने कहा कि इस फोस्टर रूम में उन बच्चों को एक तनाव मुक्त वातावरण मिलेगा, जहां किसी भी प्रजाति के बच्चों की तरह वे चंचल और शरारती हो सकेंगे।

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