निर्मला सीतारमण ने जी20 के वित्त मंत्रि‍यों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों की बैठक में भाग लिया

निर्मला सीतारमण,nirmala sitharaman
निर्मला सीतारमण,nirmala sitharaman

नई दिल्ली । केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोविड-19 महामारी के गहराते संकट के बीच वैश्विक आर्थिक दृष्टिकोण पर चर्चा करने के लिए आज सऊदी अरब की अध्‍यक्षता में आयोजित जी20 के वित्त मंत्रि‍यों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों (एफएमसीबीजी) की दूसरी बैठक के वर्चुअल सत्र में भाग लिया।

वित्त मंत्री ने कोविड-19 से निपटने हेतु विशेषकर ‘जी20 कार्य योजना’ तैयार करने के लिए असाधारण लीडर्स शिखर सम्मेलन के दौरान जी20 के नेताओं द्वारा निर्दिष्‍ट किए गए परिणाम देने हेतु अथक प्रयास करने के लिए सऊदी अरब की अध्‍यक्षता की सराहना की।

निर्मला सीतारमण ने जी20 की दूसरी बैठक के सत्र में भाग लिया

सीतारमण ने 31 मार्च, 2020 को आयोजित जी20 के वित्त मंत्रि‍यों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों (एफएमसीबीजी) की दूसरी असाधारण वर्चुअल बैठक  में भारत का प्रतिनिधित्व किया था जिसमें उन्‍होंने अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और पारस्‍परिक समन्‍वय से उठाए जाने वाले कदमों के विशेष महत्व के बारे में चर्चा की थी, ताकि वित्तीय प्रणाली द्वारा निरंतर आवश्‍यक सहायता देकर वैश्विक अर्थव्यवस्था में जल्द-से-जल्‍द नई जान फूंकना सुनिश्चित किया जा सके।  

Nirmala Sitharaman attended the meeting of G20 finance ministers and governors of central banks

आज अपने वक्‍तव्‍य में वित्त मंत्री श्रीमती सीतारमण ने सतत रूप से व्यापक आर्थिक स्थिरता को बरकरार रखते हुए लोगों के जीवन एवं आजीविका की रक्षा करने में वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की भूमिका पर फोकस किया।

उन्‍होंने समाज के कमजोर तबकों को त्वरित, समय पर और लक्षित सहायता प्रदान करने के लिए भारत सरकार द्वारा किए गए विभिन्‍न महत्‍वपूर्ण उपायों को अपने जी20 समकक्षों के साथ साझा किया।

यह भी पढ़ें-जी-20 के ऊर्जा मंत्रियों की विशेष बैठक, यह है वजह

उन्होंने यह भी बताया कि अब तक सिर्फ दो हफ्तों में ही भारत ने डिजिटल प्रौद्योगिकी के माध्यम से प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण पर फोकस करते हुए 320 मिलियन से भी अधिक लोगों को 3.9 अरब अमेरिकी डॉलर की वित्तीय सहायता राशि वितरित की है, ताकि सार्वजनिक स्थानों पर लाभार्थियों के आगमन को कम से कम किया जा सके।

निर्मला सीतारमण ने कहा ऋण प्रवाह बढ़ाने में काफी मदद की

उन्होंने वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों को यह जानकारी दी कि भारत को अब वित्तीय समावेश के दूरदर्शी कदमों का लाभ मिल रहा है जो हमारे प्रधानमंत्री के अनेक पथप्रदर्शक एवं अभिनव सुधारों का अहम हिस्सा हैं।

सीतारमण ने यह भी कहा कि भारत सरकार, भारतीय रिजर्व बैंक और अन्य नियामकों द्वारा किए गए मौद्रिक नीति संबंधी उपायों ने बाजार को निरंतर नई गति प्रदान करने एवं ऋण प्रवाह बढ़ाने में काफी मदद की है।

इन उपायों में 50 अरब अमेरिकी डालर की तरलता (लिक्विडिटी) सहायता, कर्ज में सुगमता के लिए नियामकीय एवं पर्यवेक्षी उपाय, सावधि ऋणों (टर्म लोन) की किस्तों के स्थगन के माध्यम से कर्ज अदायगी में राहत देना, कार्यशील पूंजी के वित्तपोषण को आसान बनाना और इस तरह के वित्तपोषण पर ब्याज भुगतान को स्थगित करना शामिल हैं।  

जीवन की रक्षा करने, लोगों की नौकरियों एवं आय की रक्षा करने, विश्वास बहाल करने, वित्तीय स्थिरता को बनाए रखने, विकास में नई जान फूंकने एवं काफी तेजी से पुन: विकास पथ पर अग्रसर होने, सहायता की आवश्यकता वाले देशों को मदद देने, सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं वित्तीय उपायों पर समन्वय करने और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला (सप्‍लाई चेन) में आए व्यवधान को कम करने के लिए जी20 के नेताओं द्वारा दिए गए निर्देशों पर जी20 के सदस्य देशों द्वारा एक कार्य योजना तैयार की गई है।

इस कार्य योजना के बारे में चर्चा करते हुए माननीया केंद्रीय मंत्री ने इसे सही दिशा में एक उल्‍लेखनीय कदम बताया और इसके साथ ही कहा कि यह दस्तावेज लघु एवं मध्यम अवधि में कोविड-19 महामारी से निपटने में जी20 के सदस्य देशों द्वारा व्यक्तिगत और सामूहिक कदम उठाने में मार्गदर्शन करेगा।

उन्होंने उम्मीद जताई कि वैश्विक समुदाय जल्द ही इस संकट से उबर जाएगा। उन्‍होंने कहा कि इस महामारी में सीखे गए सबक हमें भविष्य में इस तरह के किसी भी संकट से निपटने के लिए विवेकपूर्ण नीतिगत उपाय करने में समर्थ बनाएंगे।