हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे का पांचवें दिन भी सुराग नहीं

कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर में 2 जुलाई की रात बिकरु गांव में मुठभेड़ में 8 पुलिसवाले मारे गए थे। इसके बाद से ही हिस्ट्रीशीटर और 2.5 लाख का इनामी विकास दुबे फरार है। पुलिस उसे ढूंढने की कोशिश कर रही है।
बताया जा रहा है कि मुठभेड़़ के बाद से ही ग्रामीणों ने चुप्पी साध रखी है। यही वजह है कि पांचवें दिन भी पुलिस के हाथ खाली हैं। पुलिस को जहां सूचना मिल रही है, वहां दबिश दी जा रही है। इसी बीच, पता चला है कि पुलिस से मुठभेड़ से पहले विकास की ओर से शराब पार्टी दी गई थी, इसमें 20 से 25 लोग शामिल हुए थे। वहीं, 10 पुलिसकर्मियों की चौबेपुर थाने में पोस्टिंग की गई है। सभी ने ज्वाइन भी कर लिया है।

एनकाउंटर में मारे गए अतुल के घर में हुई थी पार्टी

मुठभेड़ के बाद शुक्रवार सुबह जब पुलिसवालों ने गांव के एक-एक घर जाकर तलाशी ली तो कई संदिग्ध सामने आए। उसी में अतुल दुबे का नाम भी सामने आया, जिसका शुक्रवार तड़के ही एनकांउटर किया गया था। वह विकास का रिश्तेदार बताया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, अतुल के घर से अंग्रेजी शराब की खाली बोतलें बरामद हुई थीं। कुछ बोतलें भरी हुई भी थीं। गिलास भी घर में रखे मिले।
पुलिस का मानना है कि मुठभेड़ से पहले अतुल के घर में ही शराब पार्टी हुई थी। जिन गुर्गों को विकास ने इक_ा किया था, उनके लिए खास इंतजाम किए गए थे। विकास ने अतुल के घर में शराब और खाने का इंतजाम किया था।

अतुल के परिवार को सालों से गांव वालों ने नहीं देखा

बिकरु गांव के ग्रामीण दबी जुबान में बताते हैं कि अतुल के घर में बाहरी लोगों का बहुत आना-जाना होता था। हमेशा उसी के घर में खाना-पीना लगा रहता है। उसके परिवार को तो गांव में देखे सालों हो गए। हालांकि, यह नहीं मालूम कि अतुल का परिवार रहता कहां है।

विकास का खास गुर्गा था अतुल, घर में बना रखा था देसी जिम

अतुल विकास का खास आदमी था। वह विकास के साथ ही रहता था। यह भी जानकारी मिली है कि विकास खुद तो मोबाइल नहीं रखता था, लेकिन कुछ विशेष फोन कॉल के लिए अतुल के मोबाइल नंबर पर ही बात करता था। अतुल ने अपने घर में देसी जिम बना रखा था। इसे देखकर पुलिसकर्मी अंदर गए। वहां देसी डंबल, पुशअप के लिए देसी जुगाड़ कर रखे थे।

कहां है विकास?

सूत्रों के मुताबिक, विकास की लास्ट लोकेशन औरैया में ही मिली थी। उसके बाद से उसकी कोई लोकेशन ट्रेस नहीं हो पा रही। पुलिस अंधेरे में ही हाथ-पैर मार रही है। अंदेशा यह भी है कि विकास चंबल के रास्ते मध्य प्रदेश में तो प्रवेश नहीं कर गया।

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