अब तक नहीं हुई एईएन के घर बिजली चोरी की जांच

कार्रवाई के बजाए बचाने में जुटे अधीक्षण अभियंता

जयपुर। जयपुर डिस्कॉम सहित अन्य बिजली कंपनियों का प्रबंधन और सरकार बिजली छीजत कम करने में जुटे हैं। बिजली चोरी करने वालों पर जुर्माना लगाया जा रहा है तथा मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है। वहीं जयपुर डिस्कॉम में बड़पीपली सबडिविजन के सहायक अभियंता के पुश्तैनी घर में बिजली चोरी पकडऩे तथा वीसीआर भरने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है। डिस्कॉम के जेपीडीसी अधीक्षण अभियंता हरिओम शर्मा व एक्सईएन एके सिंघल अधीनस्थ एईएन मोहनलाल शर्मा के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाए उसे बचाने में जुटे हैं। अब सवाल यह उठता है कि जब वीसीआर गलत भरी गई है तो जेईएन राजेश मीना के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई। हालांकि डिस्कॉम चेयरमैन अजिताभ शर्मा का कहना है कि मामले को दिखवाया जा रहा है। जेपीडीसी के एक्सईएन एके सिंघल का कहना है कि एईएन पर कार्रवाई आला प्रबंधन ही करेगा। हम से तो रिपोर्ट भी नहीं मांगी।
विभाग के कर्मचारियों का मानना है कि जब इंजीनियर्स के घर में ही बिजली चोरी होगी तो फिर आम जनता को सही मैसेज कैसे दे पाएंगे। यदि जेएईएन ने गलत वीसीआर भरी है तो उसके खिलाफ जांच कर कार्रवाई करनी चाहिए। मामला स्पष्ट होना चाहिए, ताकि आम जनता का भ्रम दूर हो सके।

यह मामला

जयपुर जेपीडीसी के कानोता सबडिविजन के जेईएन राजेश मीना ने पिछले शुक्रवार शाम बस्सी तहसील के फाल्यावास गांव में सेवानिवृत शिक्षक कैलाशचंद्र शर्मा के घर बिजली चोरी पकड़ी और 872 किलोवॉट लोड की वीसीआर भर दी। इसके साथ ही बिजली कनेक्शन काट कर मीटर उतार लिया। यह घर एईएन मोहनलाल शर्मा का है। शर्मा भी जेपीडीसी के बड़पीपली सबडिविजन में तैनात है। एईएन मोहन ने इसे बदले की भावना बताते हुए जेईएन की कार्रवाई को गलत बताया था जबकि जेईएन ने बिजली चोरी बताते हुए कार्रवाई की। अब पूरे मामले पर कोई जांच नहीं की जा रही है।

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