अब राज्य सरकारें सांसदों और विधायकों पर चल रहे क्रिमिनल केस वापस नहीं ले सकेंगी

अब राज्य सरकारें सांसदों और विधायकों पर चल रहे क्रिमिनल केस वापस नहीं ले सकेंगी। इसके लिए संबंधित राज्य के हाईकोर्ट की मंजूरी जरूरी होगी। आपराधिक मामलों में सजा पाने वाले सांसदों और विधायकों को हमेशा के लिए चुनाव लडऩे से रोकने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यह बात कही। कोर्ट ने सितंबर 2020 के बाद सांसदों-विधायकों के वापस लिए गए केस दोबारा खोलने को भी कहा है।

सुप्रीम कोर्ट के वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय ने यह पिटीशन दाखिल की थी। इसमें सांसदों-विधायकों के केस के जल्दी निपटारे के लिए स्पेशल कोर्ट बनाने की भी मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट की 3 जजों की बेंच ने इस मामले में सुनवाई की। इसमें चीफ जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस विनीत सरन शामिल थे।

सुप्रीम कोर्ट ने अजीत बनाम केरल सरकार केस में आए फैसले का हवाला देते हुए सभी स्टेट हाईकोर्ट से अपील की है कि वे सितंबर 2020 और उसके बाद सांसदों-विधायकों के खिलाफ वापस लिए गए सभी मामलों की फिर से जांच करें। सीजेआई ने सभी हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को पेंडिंग केस और निपटाए गए केस का चार्ट पेश करने का आदेश भी दिया।

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