वेद लक्षणा गो महिमा सत्संग सभा 19 को, स्वामी दत्तशरणानंद देंगे गोसेवा का संदेश, तैयारियों में जुटे गोसेवा समिति पदाधिकारी

हनुमानगढ़। जंक्शन स्थित गोविंद गोधाम गोशाला में श्री गोशाला सेवा समिति के तत्वावधान में 19 अक्टूबर को सुबह 11 बजे से वेद लक्षणा गो महिमा सत्संग सभा होगी। सत्संग सभा में पथमेड़ा गोधाम महातीर्थ के गो ऋषि स्वामी दत्तशरणानंद महाराज गो सेवा का संदेश देंगे। यह जानकारी गोशाला विकास समिति व राजस्थान गोसेवा समिति एवं जिला श्री गोशाला सेवा समिति के पदाधिकारियों ने शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस में दी।

उन्होंने बताया कि स्वामी दत्तशरणानंद महाराज के सानिध्य में गो संदेश यात्रा 18 अक्टूबर जिले में प्रवेश करेगी। शाम 6 बजे कोहला स्थित गोशाला में यात्रा का स्वागत किया जाएगा। उसके पश्चात जंक्शन में अबोहर रोड पर गोविंद गोधाम गोशाला में स्वामी दत्त शरणानंद गोसेवकों की संगोष्ठी को संबोधित करेंगे। 19 अक्टूबर को सुबह 11 गो महिमा सत्संग सभा होगी। सत्संग से पहले गोशाला में नंदीशाला का शिलान्यास किया जाएगा।

इस मौके पर जिला गोशाला सेवा समिति के अध्यक्ष अभयपाल ऐचरा, इंद्र हिसारिया, शिवरतन खडग़ावत, विजय रौंता, मनोहर लाल बंसल, विनोद पारीक, महेश शर्मा, श्रवण सहारण, रामकुमार गोदारा आदि मौजूद रहे। नंदीशाला के लिए सरकार जगह उपलब्ध करवाए तो सहयोग को तैयार: प्रेस कांफ्रेंस में गोशाला समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि नंदीशाला के लिए सरकार जगह उपलब्ध करवाए तो हम सहयोग के लिए तैयार हैं।

उन्होंने कहा कि आमजन को भी जागरूक होना होगा कि कोई भी गोवंश सड़क पर न आए। अगर कोई गाय दुधारू नहीं है और पालक रखने में सक्षम नहीं है तो वे गोशाला में सार-संभाल के लिए छोड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी गोवंश न तो आवारा होता और न ही निराश्रित।

दुख-सुख का संबंध बाहरी भोग्य पदार्थों से नहीं आत्मा से होता है : कमलानंद

जंक्शन में सेक्टर 6 स्थित शिव शक्ति मंदिर कल्याण धाम में प्रवचन कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इसमें महामंडलेश्वर स्वामी कमलानंद गिरि ने कहा व्यक्ति सुख और दुख की कल्पना बाहर के भौतिक साधन से करता है। दुख और सुख का संबंध बाहरी भोग्य पदार्थों से नहीं आत्मा से है। बाहर के नाशवान पदार्थों से इंद्रियों को प्रसन्न करने की बहुत चेष्टा की लेकिन इंद्रियां कभी संतुष्ट नहीं हुई।

हमें इंद्रियों ने अपना दास बना लिया और जैसा इंद्रियां चाहती है मन इंद्रियों के इशारे पर चल रहा है। उन्होंने श्रीराम के वनवास काल में अत्रि ऋषि की भेंट के बारे में बताते हुए कहा अत्रि ऋषि महान तपस्वी थे। उन्होंने इंद्रियों का निग्रह किया था, उनसे मिलने स्वयं भगवान पैदल चलकर आश्रम में आए। उन्होंने कहा कि धर्म रक्षा के लिए भारत में जितनी कुर्बानी हुई है दुनिया के किसी इतिहास में पढऩे और सुनने को नहीं मिलता।

रविंद्र डालमिया और राजकुमार भाटिया ने बताया कि महामंडलेश्वर स्वामी कमलानंद गिरि का हनुमानगढ़ प्रवास दो दिन और बढ़ाया गया है। 17 अक्टूबर को संक्रांति का पवित्र पर्व है। इसके बाद स्वामी मुक्तसर के लिए प्रस्थान करेंगे। इस मौके पर गोविंद राम शर्मा, मुरारीलाल वर्मा, ओपी सिंह शेखावत, रतन सिंह, शरणदास राजदेव, रमेश रहेजा, शिवनारायण गोदारा, पवन अग्रवाल आदि मौजूद रहे।

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