सीएम अशोक गहलोत ने केंद्रीय गृह मंत्री के सामने रखी कई महत्वपूर्ण मांगे, यहां पढ़ें

केंद्र ईआरसीपी को घोषित करें राष्ट्रीय परियोजना

जयपुर, । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में राजस्थान से जुड़े विभिन्न मुद्दों को रखने के साथ राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं एवं नवाचारों से अवगत कराया।

गहलोत ने अपने संबोधन में भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड में राजस्थान से एक अतिरिक्त पूर्णकालिक सदस्य के पद सृजित करने की मांग की। उन्होंने जल जीवन मिशन के वित्त पोषण में बदलाव करने, पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित कर 13 जिलों को लाभांवित करने और जनता की कड़ी मेहतन की कमाई को लूटने वाली मल्टीस्टेट क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करने की मांग रखी। साथ ही उन्होंने राज्य में क्रियाशील 56 पॉक्सो कोर्ट के जरिए त्वरित न्याय व्यवस्था, मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना, इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना, आई.एम. शक्ति उड़ान योजना सहित अन्य योजनाओं और नवाचारों के बारे में जानकारी दी।

भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड में एक अतिरिक्त पूर्णकालिक सदस्य की मांग

मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य की परिस्थितियों एवं राजस्थान के व्यापक हित में भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड में पूर्णकालिक सदस्य का एक अतिरिक्त पद राजस्थान के लिए सृजित होना चाहिए। श्री गहलोत ने सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं के लिए प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) को प्रभावी तरीके से लागू करने की बात रखी। राज्य में जनाधार पोर्टल के जरिए 1 जुलाई 2022 तक लगभग 116 करोड़ ट्रांजेक्शन से लगभग 56 हजार करोड़ रूपये (संचयी रूप से) के प्रत्यक्ष लाभ तथा वर्ष 2022 के 5 माह में लगभग 6000 करोड़ रूपये के प्रत्यक्ष नकद लाभ हस्तांतरित किए गए हैं।

बैंकों से वंचित 2908 गांवों में खोले शाखाएं

मुख्यमंत्री ने कहा कि बैंक शाखाओं से वंचित 2908 गांवों में बैंक शाखाएं अथवा डाकघर के द्वारा बैंकिंग सुविधाएं प्रदान की जाए। उन्होंने कहा कि राजस्थान में राज्य निधि से वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर 500 आबादी तक के सभी गांवों को सड़कों से जोड़ने का कार्य शुरू कर 535 गांवों को पक्की सड़कों से जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना को वर्ष 2001 की बजाय 2011 की जनगणना के अनुसार लागू करना चाहिए। श्री गहलोत ने बताया कि साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए राजस्थान में तेजी से कार्य किया जा रहा है।

पॉक्सो एक्ट प्रकरणों के निस्तारण के लिए 60 स्पेशल कोर्ट

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में फास्ट ट्रेक स्पेशल कोर्ट योजना से पूर्व ही 56 पॉक्सो कोर्ट संचालित थे। पॉक्सो प्रकरणों के त्वरित निस्तारण के लिए 60 स्पेशल कोर्ट क्रियाशील है। अपराध नियंत्रण एवं परिवादी को न्याय दिलाने के लिए पुलिस थानों में स्वागत कक्ष स्थापित किए गए। प्रदेश में एफ.आई.आर. अनिवार्य करने से पंजीकरण की संख्या तो बढ़ी है, लेकिन न्यायालयों के माध्यम से 156 (3) के तहत दर्ज मामलों की संख्या आधी रह गई। महिलाओं और बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों के मामलों की शीघ्र जांच हो रही है।

जेजेएम में वित्त पोषण पैटर्न 90:10 होना चाहिए

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में भौगोलिक चुनौतियों से जल जीवन मिशन (जेजेएम) में हर घर तक नल से जल पहुंचाने में अधिक समय लग रहा है। मिशन की समय-सीमा 31 मार्च 2026 की जाए और योजनाओं के क्रियान्वयन में वित्त पोषण पैटर्न को 90:10 किया जाना चाहिए।

खाद्य सुरक्षा में बढ़ाए लाभार्थियों की संख्या

मुख्यमंत्री ने पात्र प्रदेशवासियों को खाद्य सुरक्षा का लाभ दिलाने के लिए बात रखी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2021 की अनुमानित जनसंख्या के आधार पर सीलिंग पुनः निर्धारित कर राज्य के लिए लाभार्थियों की वितरण सीमा 4.46 करोड़ से बढ़ाकर 5.24 करोड़ करनी चाहिए।

जीएसटी मुआवजे के 5000 करोड़ रूपये शीघ्र जारी करें केंद्र

गहलोत ने जीएसटी क्षतिपूर्ति की अवधि जून 2022 से बढ़ाकर जून 2027 तक करने के लिए कहा। साथ ही वर्ष 2017-18 से मई 2022 तक राजस्थान को देय जीएसटी मुआवजे के लगभग 5000 करोड़ रूपये की बकाया राशि एकमुश्त जारी करने की मांग रखी।

ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना करें घोषित

गहलोत ने राज्य में जल संबंधित मुद्दों के समाधान की आवश्यकता बताते हुए कहा कि केंद्र सरकार पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करें। ईआरसीपी 37,247 करोड़ रूपये की महत्वाकांक्षी परियोजना है, इससे राज्य के 13 जिले लाभांवित होंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने भी विभिन्न अवसरों पर इस परियोजना के लिए सकारात्मक रूख रखने का वादा किया था। 

मल्टीस्टेट क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों पर सख्त कार्रवाई

मुख्यमंत्री ने कहा कि मल्टीस्टेट क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों ने धोखाधड़ी से राज्य के लाखों लोगों की मेहनत की कमाई का गबन किया है। इन पर सख्त कार्रवाई कर लोगों को राहत प्रदान की जाए। उन्होंने निवेशकों के हित में Banning of Unregulated Deposit Schemes Act, 2019 के प्रावधानों को अधिक कठोर करने की मांग की। उन्होंने कहा कि इन सोसायटियों पर अधिक नियंत्रण करने के लिए एक्ट के तहत राज्य सरकारों को शक्तियां प्रदान की जाएं। उन्होंने कहा कि राजस्थान की तरह केंद्र को भी मल्टीस्टेट को-ऑपरेटिव सोसायटियों का पंजीयन निषेध करना चाहिए।