सीएचसी-पीएचसी के लिए लेंगे एक हजार डॉक्टर्स एवं 25 हजार नर्सिंगकर्मियों की सेवाएं: मुख्यमंत्री

कोरोना प्रबंधन समीक्षा बैठक

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि गांवों में संक्रमण के तेजी से प्रसार को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार उपचार की पुख्ता व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर रही है। उन्होंने निर्देश दिए कि सीएचसी एवं पीएचसी तक कोविड उपचार की माकूल व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए 25 हजार नर्सिंगकर्मियों तथा एक हजार मेडिकल ऑफिसर्स की अस्थायी आधार पर तत्काल सेवाएं ली जाएं। उन्होंने आगामी आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए ब्लॉक स्तर पर कोविड कंसल्टेशन एवं कोविड केयर सेंटर के रूप में विकसित सीएचसी में आईसीयू एवं हाई फ्लो ऑक्सीजन के दस बेड के साथ ही इनमें शिशु गहन चिकित्सा इकाई की भी व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।   

गहलोत रविवार रात को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कोविड संक्रमण, लॉकडाउन तथा संसाधनों की उपलब्धता सहित अन्य संबंधित विषयों पर उच्च स्तरीय समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कोविड रोगियों को स्थानीय स्तर पर ही ऑक्सीजन की सुविधा मिल सके इसके लिए प्रत्येक पीएचसी पर पांच तथा सीएचसी पर 10 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर उपलब्ध कराए जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा पूरा जोर इस बात पर होना चाहिए कि कैसे हम ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को और बेहतर करें। 

गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेशवासियों को इलाज के भारी-भरकम खर्च से मुक्ति दिलाने के लिए मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना प्रारंभ की है। उन्होंने अधिकारियों को इसके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए एक कंट्रोल रूम स्थापित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह कंट्रोल रूम योजना से जुड़ी तमाम शिकायतों का प्रभावी समाधान सुनिश्चित करे। मुख्यमंत्री ने कोविड रोगियों में ब्लैक फंगस के मामले सामने आने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि विशेषज्ञ चिकित्सकों के समूह द्वारा इसका विशेष अध्ययन करवाया जाए। उन्होंने ब्लैक फंगस बीमारी के पैकेज को भी मुख्यमंत्री चिरंजीवी बीमा योजना में शामिल करने के निर्देश दिए। 

मुख्यमंत्री ने गुजरात से आने वाले समुद्री तूफान के मद्देनजर प्रदेशभर में ऑक्सीजन की आपूर्ति सुचारू रखने और बफर स्टॉक तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि तूफान के कारण अस्पतालों को बिजली आपूर्ति में व्यवधान नहीं आए। उन्होंने अस्पतालों में विद्युत जनरेटर की वैकल्पिक व्यवस्था रखने के निर्देश भी दिए। साथ ही आपदा प्रबंधन की टीमों को तूफान से संभावित असर वाले क्षेत्रों में तैनात किए जाने और हर स्थिति पर नजर रखने के निर्देश दिए। 

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि जिन जिलों में संक्रमण का प्रसार अधिक है, वहां पर जांच का दायरा बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। साथ ही वहां दवा किट के वितरण एवं उपचार की व्यवस्थाओं को भी सुदृढ़ किया जा रहा है।  चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए लॉकडाउन की सख्ती से पालना कराने, टेस्टिंग तथा ट्रेसिंग पर और अधिक जोर दिए जाने की जरूरत है। उन्होंने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों को सुदृढ़ करने के लिए सरकारी प्रयासों के साथ-साथ जनसहयोग लेने का भी सुझाव दिया।

मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने गुजरात से आने वाले समुद्री तूफान के कारण जामनगर एवं हजीरा से ऑक्सीजन की आपूर्ति के प्रभावित होने की आशंका के मद्देनजर केंद्र सरकार के उच्चाधिकारियों के साथ किए जा रहे समन्वय से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि सभी जिला कलक्टरों को ऑक्सीजन सप्लाई बाधित न होने के लिए सभी स्तर पर आवश्यक तैयारियां रखने के निर्देश दिए गए हैं। 

पुलिस महानिदेशक श्री एमएल लाठर ने बताया कि समुद्री तूफान को देखते हुए एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ को अलर्ट कर दिया गया है। तूफान के मद्देनजर एसडीआरएफ की 10 टीमें गुजरात रवाना की गई हैं, जोकि सड़क मार्ग से ऑक्सीजन की आपूर्ति सुचारू रखने में मदद करेंगी।  अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुधांश पंत ने जयपुर जिले में कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने की नई रणनीति के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि 1200 टीमें गठित की गई हैं, जोकि आने वाले दस से बारह दिनों में संदिग्ध रोगियों की ट्रेकिंग और ट्रीटमेंट के लिए 11 लाख परिवारों के घर-घर सर्वे का काम करेंगी। इससे अधिक पॉजिटिव केस वाले क्षेत्रों की पहचान कर वहां कंटेनमेंट जोन और नो-मूवमेंट को और अधिक सख्ती से लागू किया जा सकेगा।  

प्रमुख सचिव गृह श्री अभय कुमार ने कंटेनमेंट जोन की व्यवस्था तथा लॉकडाउन की पाबंदियों की पालना के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि जिला कलक्टरों को निर्देश दिए गए हैं कि जहां आर्मी की यूनिट हैं, वहां तूफान से बचाव के लिए उनकी मदद भी ली जा सकती है। प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री अखिल अरोरा ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए योजनाबद्ध रूप से काम किया जा रहा है। इसके लिए वहां ऑक्सीजन बेड, जांच सुविधाओं के विस्तार तथा मानव संसाधन के लिए योजना तैयार कर ली गई है। उन्होंने बताया कि अस्पतालों में ब्लैक फंगस बीमारी के उपचार की दर भी जल्द निर्धारित कर दी जाएगी। प्रमुख सचिव

पीडब्ल्यूडी राजेश यादव एवं प्रमुख सचिव ऊर्जा श्री दिनेश कुमार ने तूफान से बचाव की तैयारियों से अवगत कराया।  उद्योग सचिव श्री आशुतोष एटी ने ऑक्सीजन के उठाव, एयर लिफ्टिंग सेवा पुनः बहाल होने, समुद्री तूफान के कारण ऑक्सीजन के बफर स्टॉक आदि की जानकारी दी। चिकित्सा सचिव श्री सिद्धार्थ महाजन ने बताया कि प्रदेशभर में 345 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को कोविड कंसल्टेशन एवं कोविड केयर सेंटर के रूप में विकसित किया गया है। राज्य में विभिन्न स्रोतों से 6500 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर उपलब्ध हो गए हैं, जिनसे ऑक्सीजन बेड की संख्या बढ़ी है। उन्होंने बताया कि रेमडेसिविर एवं टोसिलिजुमाब दवाओं के आवंटन में सुधार हुआ है। ब्लैक फंगस बीमारी में काम आने वाली दवाओं की खरीद के लिए ग्लोबल ईओआई कर दिया गया है। 

अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुबोध अग्रवाल, प्रमुख आवासीय आयुक्त श्रीमती रोली सिंह, जयपुर विकास प्राधिकरण आयुक्त श्री गौरव गोयल, वाणिज्यिक कर आयुक्त श्री रवि जैन, जयपुर कलक्टर श्री अंतर सिंह नेहरा, आयूएचएस के कुलपति डॉ. राजाबाबू पंवार एवं एसएमएस अस्पताल के प्राचार्य डॉ. सुधीर भंडारी ने भी विचार व्यक्त किए।