ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनका की कोरोना वैक्सीन का चौथे चरण का परीक्षण जल्द

ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनका की कोरोना वैक्सीन का चौथे चरण का परीक्षण हो सकता है। इसके CEO पास्कल सोरियोत ने यह संकेत दिए हैं। कंपनी के ट्रायल पर कुछ सवाल उठ रहे हैं और माना जा रहा है कि इसी के मद्देनजर वैक्सीन के एडिशनल ट्रायल करने पर विचार कर रही है ताकि शंकाओं का समाधान किया जा सके। पास्कल के बयान से माना जा रहा है कि एक और परीक्षण के बावजूद यह वैक्सीन दिसंबर अंत तक ही उपयोग के लिए उपलब्ध हो जाएगी। अन्य सभी वैक्सीन अमूमन तीन चरणों के परीक्षण से ही गुजर रही हैं।

उधर, ब्रिटेन सरकार ने अपने हेल्थ रेगुलेटर से एस्ट्राजेनिका वैक्सीन को अप्रूवल देने के लिए इसकी स्टडी करने को कहा है।

दरअसल, कुछ दिन पहले ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनका ने अपनी वैक्सीन के तीसरे चरण के परीक्षण के शुरुआती नतीजे जारी किए थे। इनमें यह 90 फीसदी तक असरदार बताई गई। लेकिन इसके साथ यह तथ्य भी सामने आया कि वैक्सीन को ये नतीजे तीसरे चरण में हुई एक चूक से मिले थे।

शोधकर्ताओं ने गलती से 2,800 लोगों को वैक्सीन की आधी खुराक ही दे दी थी। जबकि करीब 8,900 लोगों को दो टीकों की पूरी खुराक मिली। मगर ये रहा कि जिन्हें पूरी खुराक मिली, उन पर वैक्सीन 62% असरदार रही। जबकि आधी खुराक वालों पर 90%। वहीं वैक्सीन का औसत प्रभाव 70% के करीब रहा। इसी कारण विशेषज्ञों ने इसके परिणामों पर सवाल उठाए हैं। सवाल ये कि अलग-अलग खुराक के असर में इतना अंतर क्यों है? दूसरा- कम खुराक ज्यादा असर कैसे रही?

एक सवाल के जवाब में CEO ने कहा- हमें ये भरोसा है कि नए प्रॉसेस के बावजूद इसके ब्रिटेन और यूरोपीय यूनियन में चल रहे अप्रूवल प्रॉसेस पर फर्क नहीं पड़ेगा। हालांकि, अमेरिका में एफडीए इसे जल्द मंजूरी नहीं देगा। इसकी वजह यह है कि एफडीए किसी दूसरे देश में चल रहे अप्रूवल को अपने यहां मान्यता नहीं देता। खास तौर पर उन हालात में जब वैक्सीन के रिजल्ट्स पर सवाल उठे हों। सोरियोत ने कहा- उम्मीद है कि साल के अंत तक बाकी देशों में मंजूरी मिल जाएगी।