पदमिनी-प्रताप के जयकारे लगे, जवानों-शहीदों का सम्मान, बताया मेवाड़ इंफेंट्री का इतिहास

चित्तौडग़ढ़। पहली बार वीर धरा को नमन करने आई भारतीय सेना की 9 ग्रेनेडियर बटालियन के सम्मान में जौहर भवन में समारोह हुआ। जिसमें इसके जवानों के साथ जिले के तीन शहीदों की पत्नियों का सम्मान भी किया गया। जौहर स्मृति संस्थान के महामंत्री मंगलसिंह खंगारोत ने स्वागत करते हुए बताया कि सेना की यह टुकड़ी मेवाड़ स्टेट के समय में मेवाड़ इन्फेंट्री के नाम से काम करती थी।

स्वतंत्रता के बाद यह भारतीय सेना में मर्ज होकर 9 ग्रेनेडियर मेवाड़ नाम से बटालियन बनी। आज पहली बार चित्तौड़ आगमन पर स्वागत किया गया। पाकिस्तान पर 1971 में विजय के 50 वर्ष पर यह बटालियन स्वर्णिम विजय वर्ष मना रही है। इसी के तहत मेवाड़ ट्रेल पर है।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि इसी टुकडी के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल दिलीपसिंह राठौड़, विशिष्ट अतिथि सूबेदार मेजर प्रभातसिंह, सूबेदार मेजर जुगलसिंह राठोड, कर्नल उदयसिंह सोलंकी, ग्रुप कैप्टन गजेंद्र सिंह शक्तावत, विधायक चंद्रभान सिंह आक्या, कर्नल रणधीर सिंह चुंडावत बस्सी थे।

दल में शामिल 70 योद्धाओं के जौहर भवन पहुंचने पर ढोल, जयकारों व दुपट्टा पहना कर स्वागत किया गया। महाराणा प्रताप के चित्र पर पुष्पांजलि के साथ कार्यक्रम शुभारंभ हुआ। अध्यक्षता करते हुए संस्थान अध्यक्ष सेवानिवृत डिप्टी कमांडेंट सीआरपीएफ तख्तसिंह सोलंकी ने कहा कि इस टुकडी के प्रथम आगमन पर हम गर्वित महसूस कर रहे हैं।

प्रो लोकेंद्रसिंह चूंडावत ने कहा कि मेवाड़ के प्रथम व प्रतापी शासक बप्पा रावल ने अपनी फौज की बदौलत अखंड भारत के एक चौथाई हिस्से पर एकाधिकार किया। महाराणा सांगा की फौज भी दो लाख सैनिकों की थी। इसे बाद में सज्जन इंफेंट्री और भूपाल इंफेंट्री बनाया गया तो मेवाड़ भील कौर भी मेवाड़ में ही बनी।

कार्यक्रम में जिले के शहीदों की पत्नी क्रमश: लीलाकंवर चौहान गंठेडी, कलादेवी वैष्णव मातृकुंडिया व मानकंवर दुर्ग का भी सम्मान किया। राष्ट्रीय कवि अब्दुल जब्बार ने देशभक्ति रचनाएं पेश की। विधायक चंद्रभानसिंह आक्या ने कहा कि इस धरा ने जौहर और बलिदान से देशभक्ति का संदेश दिया था। सेना की इस बटालियन ने भी देश के लिए कई कार्य किए है।

मुख्य अतिथि सीईओ कर्नल दिलीपसिंह ने डेजर्ट कोर ने कहा कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य जवानों को मेवाड़ के शौर्य से और लोगों को भी यह बताना है कि मेवाड़ की सेना आज भी मौजूद है। कैप्टन सुमन लांबा, कैप्टन रेडडी, लेफ्टिनेंट कर्नल मान्याराज, लेफ्टिनेंट कर्नल अटल सूडन का भी सम्मान किया गया।

संचालन कोषाध्यक्ष नरपतसिंह भाटी ने दिया। अब्दुल जब्बार, चावंडसिंह व कानसिंह सुवावा ने इतिहास लिखी पुस्तकें भेंट की। आभार शक्तसिंह मुरलिया ने जताया। अध्यक्ष तख्तसिंह सोलंकी, उपाध्यक्ष शक्तिसिंह मुरलिया, संयुक्त मंत्री गजराज सिंह बराड़ा, कोषाध्यक्ष नरपतसिंह भाटी, कर्नल साहब रणधीर सिंह बस्सी, क्षत्रिय महासंघ के अध्यक्ष कानसिंह सुवावा, भंवरसिंह नेतावल, चावंडसिंह दांतड़ा, समर्थसिंह शेखावत, दलपत सिंह तिलौली, महिला उपाध्यक्ष भगवतीदेवी झाला व नगर भाजपा महामंत्री अनिल इनाणी आदि ने स्वागत किया।

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