पाकिस्तान में कम हो रही सेना के जवानों की संख्या

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छह माह में आतंकियों ने पास सेना पर किए 434 हमले, 323 जवानों की मौत

पाकिस्तान में सुरक्षा का बुरा हाल है। इस साल के पहले छह माहों में ही सुरक्षा बलों पर 434 आतंकवादी हमले हो चुके हैं। इनमें कम से कम 323 सैनिकों की जान चली गई।
पाकिस्तानी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार पाक गृह मंत्रालय द्वारा संसद के ऊपरी सदन में पेश एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है। रिपोर्ट के अनुसार खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में सुरक्षा बलों पर सबसे ज्यादा आतंकी हमले हुए। चालू वित्त वर्ष के पहले छह माहों में लगभग 247 हमले हुए। इसी तरह बलोचिस्तान में छह माह में 171 आतंकी हमले हुए और सिंध में 12। हालांकि, पंजाब प्रांत में कम हमले हुए। इस राज्य में मात्र एक आतंकी हमला हुआ, जबकि राजधानी इस्लामाबाद में तीन हमले हुए।

हमलों में 718 घायल हुए

पाक संसद में पेश रिपोर्ट में कहा गया है कि सुरक्षा बलों पर हुए हमलों में सुरक्षा बलों और अन्य संस्थानों के कम से कम 323 जवान शहीद हो गए। इस बीच, 718 सैनिक और सुरक्षा बलों और अन्य संगठनों के अधिकारी घायल हो गए।

शांति वार्ता विफल रही

इस बीच, पाकिस्तानी उलमा का एक प्रतिनिधिमंडल प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) को पाकिस्तानी वार्ताकारों के साथ शांति वार्ता में अपना रुख नरम करने के लिए मनाने में विफल रहा। दरअसल, शेख-उल-इस्लाम मुफ्ती तकी उस्मानी के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को सी-130 विमान में काबुल के लिए उड़ान भरी थी। टीटीपी नेतृत्व को अपने रुख में नरमी लाने के लिए अंतिम प्रयास करने के लिए बुधवार तक काबुल में रुकना था।

उलेमा प्रतिनिधिमंडल के एक सूत्र ने बताया कि टीटीपी नेतृत्व ने धैर्यपूर्वक उनकी बात सुनी, लेकिन उनकी मांगों पर ध्यान देने से इनकार कर दिया। इस बीच, पाकिस्तान सरकार टीटीपी के साथ बातचीत करके शांति लाने की कोशिश कर रही है और समूह ने युद्धविराम की भी घोषणा की लेकिन उसके अलग-अलग गुट सुरक्षा बलों को निशाना बना रहे हैं।

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