प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने से पहले ही शहबाज ने जताई मोदी से शांति वार्ता की उम्मीद


इस्लामाबाद। पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शपथ लेने से पहले ही भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ शांति वार्ता की उम्मीद जताई है। उन्होंने कहा कि कश्मीर मसले के समाधान से ही शांति की राह खुलेगी और दोनों देशों में खुशहाली भी बढ़ेगी। शहबाज शरीफ ने सोमवार को पाकिस्तान में नेशनल असेंबली में प्रधानमंत्री पद के लिए जरूरी बहुमत जीतने के बाद कहा कि वे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वार्ता की पहल करेंगे। उन्होंने कहा कि हम मिलकर और बातचीत के माध्यम से कश्मीर मसले का समाधान निकालने का प्रयास करेंगे। सीमा के दोनों ओर कश्मीर मसले के समाधान के बाद ही शांति आएगी। इससे दोनों देशों की तरक्की का रास्ता खुलेगा और गरीबी से भी निजात मिलेगी।

पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में आजादी के नारे, कार्यवाहक अध्यक्ष को याद आए नवाज

इस्लामाबाद । पाकिस्तान में प्रधानमंत्री पद के लिए हुए चुनाव में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के बहिष्कार के बाद पाकिस्तान मुस्लिम लीग -नवाज (पीएमएल-एन) के उम्मीदवार शहबाज शरीफ ने नेशनल असेंबली में एकतरफा जीत हासिल की। उन्होंने 174 सांसदों का समर्थन हासिल किया। इससे पहले पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में आजादी आजादी के नारे लगे। कार्यवाहक अध्यक्ष अयाज साजिद को नवाज शरीफ याद आए और एक बार उन्होंने शहबाज शरीफ की जगह नवाज शरीफ के नामांकन की बात कह दी। पाकिस्तान का प्रधानमंत्री चुनने के लिए हुए मतदान में शाहबाज शरीफ को 174 वोट मिले।

इस्तीफे पर पीटीआई में दोफाड़, इमरान छोड़ेंगे नेशनल असेंबली

इस्लामाबाद । पाकिस्तान में राजनीतिक हालात दिन-प्रति-दिन करवट ले रहे हैं। अविश्वास प्रस्ताव के दौरान नेशनल असेंबली का बहिष्कार कर बाहर गए इमरान खान की पार्टी के सांसदों के इस्तीफे पर पार्टी में दोफाड़ की नौबत आ गई है। इमरान ने नेशनल असेंबली से इस्तीफे का ऐलान किया है। वहीं पहले प्रधानमंत्री पद के लिए अपने उम्मीदवार शाह महमूद कुरैशी को जिताने की अपील जारी करने वाली इमरान की पार्टी से प्रधानमंत्री पद के चुनाव का बहिष्कार करने की आवाजें भी उठीं। पाकिस्तान में अविश्वास प्रस्ताव से इमरान खान को प्रधानमंत्री पद से हटाने के बाद रविवार को नया प्रधानमंत्री चुनने की प्रक्रिया शुरू हुई। विपक्ष की ओर से पाकिस्तान मुस्लिम लीग – नवाज (पीएमएल-एन) के नेता और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भाई शहबाज शरीफ ने प्रधानमंत्री पद के लिए नामांकन कराया है।

युद्ध का 46वां दिन : कीव के आसपास मिले 1200 शव, यूक्रेन ने रूस पर लगाया नरसंहार का आरोप

कीव। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध 46वें दिन भी जारी है। यूक्रेन की राजधानी कीव पर रूसी सेना भले ही कब्जा नहीं कर पाई हो, किन्तु कीव के आसपास 1200 शव मिलने से स्थितियां गंभीर हो गयी हैं। यूक्रेन ने रूस पर नरसंहार का आरोप लगाया है। धीरे-धीरे यह युद्ध लगातार आम आदमी पर भारी पड़ता जा रहा है। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध डेढ़ महीने से अधिक पुराना हो चुका है। आए दिन रूसी सेना आक्रामक होती जा रही है। यूक्रेन की राजधानी कीव पर कब्जे की तमाम कोशिशें विफल होने के बाद रूसी सेना ने यूक्रेन पर हमले की रणनीति तो बदली है किन्तु कीव के आसपास रूसी नरसंहार के सबूत सामने आ रहे हैं। बूचा नरसंहार के बाद अब यूक्रेन की सेना ने राजधानी कीव के आसपास के क्षेत्र में 1200 शव मिलने का दावा किया है। यूक्रेन ने इन स्थितियों के लिए रूस को जिम्मेदार ठहराते हुए रूसी सेना पर नरसंहार का आरोप लगाया है। यूक्रेन का कहना है कि रूस के लगातार हमलों के कारण अब तक 45 लाख लोग देश छोड़ चुके हैं। यूक्रेन की अर्थव्यवस्था को भी 45 प्रतिशत से ज्यादा नुकसान होने का दावा किया गया है। इस बीच रूस के चेचन्या गणराज्य के प्रमुख रमजान कादिरोव ने दावा किया है कि रूसी सेना मारियुपोल ही नहीं कीव व अन्य यूक्रेनी शहरों पर भी जल्द जोरदार हमला करेगी।
उन्होंने दावा किया कि यह हमला पहले से कई गुना अधिक भयावह होगा। इसके पीछे यूक्रेन की राजधानी कीव को पूरी तरह कब्जे में लेने की रणनीति को मुख्य कारण बताया जा रहा है। इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा है कि आने वाला सप्ताह युद्ध के लिहाज से महत्वपूर्ण होगा। रूसी सैनिक यूक्रेन के पूर्व में बड़े अभियान चलाएंगे, जिनका यूक्रेनी सेना डटकर मुकाबला करेगी।

पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन होते ही चीन के बदले सुर

बीजिंग । पाकिस्तान में इमरान खान के सत्ता से बेदखल होने के साथ ही चीन ने सुर बदलते हुए कहा है कि चीन और पाकिस्तान के बीच संबंध खान के कार्यकाल के मुकाबले बेहतर हो सकते हैं। माना जा रहा है कि पाकिस्तान के अगले प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ बन सकते हैं। चीनी सरकार द्वारा संचालित ‘ग्लोबल टाइम्सÓ में एक लेख में कहा गया है कि चीनी और पाकिस्तानी विश्लेषकों का मानना है कि चीन-पाकिस्तान संबंध आंतरिक राजनीतिक परिवर्तन से प्रभावित नहीं होंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि चीन के साथ द्विपक्षीय संबंधों की मजबूती के लिए पाकिस्तान में सभी दलों की संयुक्त सहमति है। वहीं एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इमरान खान की जगह शरीफ परिवार आ सकता है जो लंबे समय से चीन और पाकिस्तान संबंधों को मजबूत करने का हिमायती रहा है। चीन के पारंपरिक राजनीतिक दलों के शासन काल में दोनों देशों के बीच रिश्ते मधुर रहे हैं। यही नहीं चीनी विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि इमरान पाकिस्तान के आर्थिक हालात को संभालने में विफल रहे। नवाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार में चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा यानी सीपीईसी का काम बेहतर ढंग से आगे बढ़ा था। उल्लेखनीय है कि चीन को इमरान खान से आपत्ति थी, क्योंकि विपक्ष में रहने के दौरान वह सीपीईसी के कट्टर आलोचक थे, लेकिन साल 2018 में पीएम की कुर्सी संभालते ही वह इस परियोजना के फैन बन गए। सिंघुआ विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय रणनीति संस्थान में अनुसंधान विभाग के निदेशक कियान फेंग कहते हैं कि पाकिस्तान में हुआ हालिया सियासी फेरबदल राजनीतिक दलों के टकराव, मुलक की डांवाडोल अर्थव्यवस्था और बेरोजगारी का नतीजा था। इमरान खान की सरकार कोविड-19 महामारी के चलते देश की पहले से ही खस्ताहाल अर्थव्यवस्था को संभालने में नाकाम रही थी।

श्रीलंका में राष्ट्रपति पर इस्तीफे के लिए बढ़ रहा दबाव, देशभर में व्यापक प्रदर्शन

कोलंबो । श्रीलंका में बिगड़ते आर्थिक हालात के बीच राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे पर इस्तीफा देना का दबाव बढ़ता जा रहा है। उनके विरोध में पूरे देश में प्रदर्शनों का दौर जारी है। श्रीलंका में सरकार विरोधी प्रदर्शनों के तहत 10,000 से अधिक लोगों ने शनिवार को कोलंबो के गाले फेस ग्रीन पार्क में रातभर प्रदर्शन किया। एक प्रदर्शनकारी ने रविवार सुबह छह बजे सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट में कहा, ‘हम अब भी यहां हैं। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जनसमूह ने रातभर प्रदर्शन किया। देश की मुख्य तमिल पार्टी तमिल नेशनल अलायंस (टीएनए) ने रविवार को कहा कि वह राष्ट्रपति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव व महाभियोग के मुद्दे पर विपक्ष का साथ देने के लिए तैयार हैं। मुख्य विपक्षी पार्टी समागी जन बालवेगया (एसजेबी) शुक्रवार को ही गोटाबाया के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का एलान कर चुकी है। विपक्षी नेता साजिथ प्रेमदासा राष्ट्रपति प्रणाली की समाप्ति की मांग कर चुके हैं। 225 सदस्यीय सदन में एसजेबी व टीएनए के कुल 64 सदस्य हैं। चुनाव के समय सत्तारूढ़ श्रीलंका पोडुजाना पेरामुना (एसएलपीपी) गठबंधन के पास 150 मत थे, लेकिन 42 सांसदों ने उससे नाता तोड़ लिया है। उधर, गोटाबाया ने मौजूदा आर्थिक संकट पर चर्चा के लिए एक बैठक बुलाई है, जिसमें गठबंधन के 11 दलों के साथ-साथ 42 निर्दलीय सांसदों को भी आमंत्रित किया गया है। सरकार आर्थिक मदद के लिए सोमवार को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से वार्ता करने वाली है। पूर्व प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने गोटाबाया सरकार पर अक्षम होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि हमारे समय में ऐसा नहीं हुआ, लोगों को जरूरी सामग्री की खरीद के लिए लाइन में नहीं लगना पड़ा। लोग सड़कों पर हैं और इसके लिए गोटाबाया सरकार की अक्षमता जिम्मेदार है। सेंट्रल बैंक आफ श्रीलंका के नवनियुक्त गवर्नर नंदलाल विक्रमसिंघे ने आर्थिक संकट से पार पाने का विश्वास जताते हुए कहा कि इसके लिए सेंट्रल बैंक को स्वतंत्र छोडऩा होगा। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रपति गोटाबाया ने उन्हें स्वतंत्र रूप से बैंक के संचालन का अधिकार देते हुए आर्थिक संकट को दूर करने का उपाय सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।