पवन बंसल ने लिया नामांकन पत्र, गहलोत की स्थिति साफ नहींं

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नई दिल्ली। राजस्थान में जहां सीएम पद को लेकर भारी घमासान मचा हुआ है, वहीं कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव पर सियासत तेज हो गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर के नामांकन लिए जाने के बाद मंगलवार को पवन कुमार बंसल ने नामांकन लिया है। पवन कुमार इस वक्त पार्टी मेंं कोषाध्यक्ष के पद पर काबिज हैं। बताया जा रहा है कि दोनों नेता आगामी 30 सितम्बर को नामांकन दाखिल करेंगे। इधर, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लेकर स्थिति फिलहाल साफ नहीं है। इस बीच कांग्रेस के निर्वाचन अधिकारी मदुसूदन मिस्त्री ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की है। इस मुलाकात के बाद उन्होंने बताया, अभी तक दो लोगों ने नामांकन पत्र लिया है।

30 सितंबर तक चलेगी नामांकन प्रक्रिया

कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए घोषित कार्यक्रम के अनुसार, अधिसूचना 22 सितंबर को जारी की गई और नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया 24 से आरम्भ हुई जो 30 सितंबर तक चलेगी। नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि आठ अक्टूबर है। एक से अधिक उम्मीदवार होने पर 17 अक्टूबर को मतदान होगा और नतीजे 19 अक्टूबर को घोषित किये जाएंगे।

राजस्थान सीएम को लेकर सियासत तेज

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को कांग्रेस हाईकमान नया राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाना चाहता था। इसके लिए गहलोत की जगह किसी दूसरे को राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाना था। नए नेता के चुनाव के लिए सोनिया गांधी ने वरिष्ठ नेता अजय माकन और मल्लिकार्जुन खडग़े को पर्यवेक्षक बनाकर रविवार को राजस्थान भेजा। रविवार शाम कांग्रेस विधायक दल की बैठक होनी थी। इसमें पर्यवेक्षक एक-एक करके सारे विधायकों से मिलने वाले थे। बैठक से पहले अशोक गहलोत खेमे के विधायकों ने बागी रूख अख्तियार कर लिया।

विधायक दल की बैठक की बजाय गहलोत समर्थक विधायक मंत्री शांति धारीवाल के घर पहुंच गए। इसके बाद सभी विधायकों ने स्पीकार से मुलाकात कर अपना इस्तीफा सौंप दिया। हालांकि, ये इस्तीफा अभी तक स्पीकर ने मंजूर नहीं किया है। ये विधायक सचिन पायलट या उनके खेमे से किसी को मुख्यमंत्री नहीं बनने देना चाहते हैं। इन विधायकों की संख्या 82 बताई जा रही है।

विधायकों के रुख के चलते माकन और खडग़े को बिना बैठक के ही सोमवार को वापस दिल्ली आना पड़ा। दिल्ली पहुंचकर माकन और खडग़े ने सोनिया गांधी से पूरी स्थिति के बारे में जानकारी दी और गहलोत खेमे के अनुशासनहीनता को लेकर भी नाराजगी प्रकट की।

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