शिशु अस्पताल में नहीं बना 20 बेड का पीआईसीयू जयपुर रैफर किए डेंगू व वायरल पीडि़त 102 बच्चे

अलवर। जिले में अगस्त में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को लेकर गीतानंद शिशु अस्पताल में बच्चों के इलाज के लिए 20 बेड का पीआईसीयू अभी धरातल पर नहीं आया है। पीआईसीयू की कमी डेंगू और वायरल के मरीजों के लिए खतरनाक साबित हो रही है। बेकाबू डेंगू व वायरल की लहर में शिशु अस्पताल में साढ़े 3 महीने में 3430 बीमार बच्चे भर्ती हो चुके हैं, जबकि पीआईसीयू की कमी के कारण 102 से अधिक बच्चों को जयपुर रैफर करना पड़ा है।

बीमार भर्ती बच्चों के मुकाबले अस्पताल में बेड़ों की कमी बनी हुई है। यहां 42 बेड पर 85 से अधिक बच्चे भर्ती मिले। घर-घर में बीमार बच्चों के कारण अस्पताल में पिछले 7 दिन में 421 बच्चे भर्ती किए गए हैं। स्थिति 4 अक्टूबर को सबसे विकट रही, जब एक दिन में 80 बीमार बच्चों को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा।

लेकिन अब बीमार बच्चों को गंभीर होते ही जयपुर रैफर किया जा रहा है। क्योंकि अस्पताल में ऑक्सीजन सहित अन्य चिकित्सा सुविधाओं के लिए पीआईसीयू ही नहीं है। चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार अगर मौसमी बीमारियों के दैारान अस्पताल में पीआईसीयू होता तो गंभीर बीमार बच्चों को इलाज के लिए जयपुर रैफर करने की जरूरत ही नहीं पड़ती।

धरातल पर नहीं आया कोरोना की तीसरी लहर का पीआईसीयू

तीसरी लहर की आशंका को लेकर जिला कलेक्टर के निर्देश पर अलवर के एमआईए की डिएगो इंडिया यूनाइटेड स्प्रिटीज लिमिटेड एमआईए की कंपनी ने सीएसआर फंड से अत्याधुनिक 16 बेड का पीआईसीयू बनाकर देने का करार किया।

ये पीआईसीयू कंटेनर में बनाया जाना था, जिसमें ऑक्सीजन पॉइंट, मॉनिटर, वेंटीलेटर, ईसीजी सहित अन्य सभी आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं से सुसज्जित किया जाना था। पीआईसीयू के इस कंटेनर को ही अस्पताल में फाउंडेशन बनाकर सैट किया जाना था। लेकिन कंपनी ने सामान्य आईसीयू देने की सूचना दी तो अस्पताल प्रशासन ने जिला कलेक्टर के माध्यम से कंपनी को उपकरणों की सूची भेज दी। इस पर कंपनी ने आईसीयू देने को लेकर हाथ खड़े कर दिए हैं।

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