12 बोरों में फर्जी डिग्री देख पुलिस को आए चक्कर

पेपर लीक कांड
पेपर लीक कांड

अब उन लोगों की तलाश जिन्होंने इन डिग्रियों से सरकारी नौकरी हासिल की

जयपुर। बीती 24 दिसंबर को सामान्य ज्ञान के पेपर लीक कांड की रोजाना परत दर परत खुलती जा रही है। मंगलवार रात पुलिस तब सन्न रह गई जब उसे पेपर लीक के मास्टर माइंड के घर से छह बोरों में फर्जी डिग्रियां मिलीं। पुलिस ने सभी डिग्रियों को जब्त कर सील कर दिया है। पुलिस को आशंका है कि बड़ी संख्या में लोगों ने इन फर्जी डिग्री के जरिए सरकारी नौकरी हासिल की है। पुलिस ने अब ऐसे लोगों की तलाश शुरू कर दी है।

पेपर लीक कांड
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जानकारी के मुताबिक मंगलवार रात जयपुर कमिश्नरेट पुलिस ने 6 लोगों को देश की बड़ी यूनिवर्सिटी की फर्जी आंसर शीट और डिग्री के साथ गिरफ्तार किया। गिरफ्तार सभी छह लोग पेपर लीक के मास्टर माइंड भूपेंद्र सारण के परिवार के सदस्य और एक उसकी गर्लफ्रेंड हैं। अब तक की पूछताछ में गिरफ्तार परिवार के सदस्यों ने बताया- डिग्रियां बेचकर भूपेंद्र करोड़ों कमा रहा था। आरोपी के मानसरोवर के मकान से 12 बोरियों में भरी इतनी डिग्रियां मिलीं कि पुलिस भी हैरान रह गई। सभी ऑरिजनल जैसी थीं। पुलिस भी दोनों में फर्क नहीं कर पाई। बताया जा रहा है कि इन डिग्रियों के जरिए कई लोग सरकारी नौकरी में लगे हैं।

एडिश्नल पुलिस कमिश्नर अजयपाल लांबा ने बताया कि भूपेंद्र सारण की शह में परिवार के छह लोगों ने धंधा चला रखा था। इनके पास जम्मू-कश्मीर से लेकर राजस्थान तक के कई कॉलेजों और यूनिवर्सिटी की डिग्रियां हैं। जांच अधिकारियों का कहना है कि कुछ डिग्री ऐसी भी मिली हैं, जिसमें नाम, फोटो, सील, मोहर, साइन सब कुछ किया हुआ है। यहां मिले सभी डॉक्युमेंट्स को पुलिस ने जब्त कर लिया है। अधिकारियों का कहना है कि आरोपियों के रिमांड पर लेने के बाद और भी कई चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं।

फर्जी डिग्री लेने वालों पर भी अब एक्शन होगा

लांबा का कहना है कि जिन लोगों ने इन बदमाशों को डिग्री बनाने के लिए पैसा दिया है। उन लोगों की पुलिस एक सूची बना रही है। दोनों ही घरों से मिली फर्जी डिग्रियों से पुलिस को इन लोगों की जानकारी मिल चुकी है।पुलिस इन लोगों को भी गिरफ्तार करेगी। ये लोग इन फर्जी डिग्रियों का इस्तेमाल सरकारी सेवा या यूनिवर्सिटी में आगे बढऩे के लिए करने वाले थे।

डिग्रियों के पैसे फिक्स नहीं थे, जरूरत देखकर पैसा बढ़ाया-घटाया जाता

पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया- डिग्रियों का पैसा फिक्स नहीं था। 10 हजार से लेकर 5 लाख तक डिग्री और मार्कशीट का चार्ज लिया जाता था। सामने वाले की जरूरत सुनने के बाद यह तय किया जाता था कि उससे कितना पैसा चार्ज करना है। आरोपियों ने बताया कि फर्जी डिग्री के लिए लोग मुंह मांगा पैसा दे दिया करते थे। जयपुर कमिश्नरेट पुलिस गिरफ्तार बदमाशों से अब तक जिन लोगों को डिग्री और सर्टिफिकेट दिए गए हैं। उनकी डिटेल खंगाल रही है।

सभी आरोपी पुलिस रिमांड पर

डीसीपी वेस्ट वंदिता राणा ने बताया कि भूपेन्द्र सारण की पत्नी सहित चार लोग 31 तारीख तक पुलिस रिमांड पर हैं। वहीं, भूपेन्द्र सारण की महिला मित्र प्रियंका 8 दिन के पुलिस रिमांड पर है। इन सभी आरोपियों से पुलिस अलग-अलग पूछताछ कर रही हैं। अब तक की जांच में सामने आया है कि भूपेन्द्र की मुलाकात दो साल पहले प्रियंका से हुई थी। इसके बाद वह प्रियंका के साथ मिलकर काम कर रहा था। भूपेन्द्र ने प्रियंका को मानसरोवर में मकान किराए पर दिलाया था। प्रियंका का पूरा खर्चा भूपेन्द्र ही उठाता था। वहीं भूपेन्द्र की पत्नी और अन्य लोग उसकी गैंग के सक्रिय सदस्य हैं, जिनसे भी पूछताछ में कई अहम जानकारी मिली है।

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