कटक
श्रृंखला के आखिरी मैच में नाबाद 39 रन बनाने वाले भारतीय हरफनमौला रविंद्र जडेजा ने कहा कि उन्हें दुनिया को नहीं बल्कि खुद को साबित करना है कि वह वनडे क्रिकेट खेल सकते हैं। जडेजा सीमित ओवरों की टीम का नियमित हिस्सा नहीं थे लेकिन इंग्लैंड में वनडे विश्व कप से पहले योजना का हिस्सा बने। भारत के पूर्व क्रिकेटर और कमेंटेटर संजय मांजरेकर ने उन्हें ‘टुकड़ों टुकड़ों में खेलने वाला खिलाड़ी’ कहा था लेकिन न्यूजीलैंड के खिलाफ विश्व कप सेमीफाइनल में उन्होंने 59 गेंदों में 77 रन बनाकर टीम को जीत के करीब पहुंचा दिया था। जडेजा ने कहा कि मुझे खुद को साबित करना था कि मैं अभी भी सीमित ओवरों का क्रिकेट खेल सकता हूं। मुझे दुनिया में किसी को कुछ साबित नहीं करना था। इंडिज के विरुद्ध अपनी पारी के बारे में उन्होंने कहा कि यह काफी अहम पारी थी क्योंकि यह निर्णायक मैच था। विकेट बल्लेबाजी के लिये उम्दा था। हमें बस गेंद को भांपकर खेलना था। उन्होंने कहा कि मैने इस साल ज्यादा वनडे क्रिकेट नहीं खेला।
टीम को फील्डिंग में करनी होगी मेहनत
छह गेंद में नाबाद 17 रन बनाने वाले शार्दुल ठाकुर के बारे में जडेजा ने कहा कि आखिरी गेंद तक खेलना अहम था। हमें पता था कि हम ही जीतेंगे। जडेजा ने स्वीकार किया कि टीम को फील्डिंग पर मेहनत करनी होगी। उन्होंने कहा कि पूरी श्रृंखला में कई कैच छूटे। हमारी फील्डिंग के स्तर को देखते हुए ऐसा नहीं होना चाहिये था। दूधिया रोशनी में ओस के कारण ऐसा हो जाता है। कैच छूटने का खामियाजा भुगतना पड़ता है। अगली श्रृंखला में इस पहलू पर ध्यान देना होगा।