इस एयर फोर्स स्टेशन पर उतरेंगे राफेल, सैन्‍य बेस पर तैयार

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राफेल लड़ाकू विमानों ने फ्रांस के मेरिग्नैक स्थित दसॉल्ट एविएशन फैसिलिटी से भारत के लिए उड़ान भर भारत पहुंचेंगे। इन पांच विमानों में तीन सिंगल सीटर विमान और दो ट्विन सीटर विमान शामिल हैं।

इन विमानों का आगमन दो चरणों में करने की योजना बनाई गई है। इन विमानों को वहां से लाने की जिम्‍मेदारी भारतीय वायुसेना के पायलटों को दी गई है जिन्होंने इन विमानों को उड़ाने का व्यापक प्रशिक्षण लिया है।

वहां से आगमन के पहले चरण के दौरान हवा से हवा में ईंधन भरने का काम भी यही पायलट करेंगे। फ्रांसीसी वायु सेना द्वारा उपलब्‍ध कराए गए विशेष टैंकर की सहायता से यह काम सफलतापूर्वक किया जाएगा।

राफेल विमानों के 29 जुलाई 2020 को अंबाला स्थित एयर फोर्स स्टेशन पर पहुंचने की संभावना है

इन विमानों के 29 जुलाई 2020 को अंबाला स्थित एयर फोर्स स्टेशन पर पहुंचने की संभावना है। हालांकि, इन विमानों के आगमन के दौरान मौसम को भी ध्‍यान में रखना होगा। नंबर 17 स्क्वाड्रन ‘गोल्डन एरोज’ को राफेल विमानों से लैस इस सैन्‍य बेस पर तैयार किया जा रहा है।

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राफेल विमानों के पहले जत्थे में शामिल पांच विमानों ने संयुक्त अरब अमीरात के अल दफरा हवाई अड्डे पर सुरक्षित लैंड किया। यूएई के अल दफरा एयरपोर्ट पर विमानों की लैंडिंग पायलट्स को आराम देने के लिए हुई है।

ये पांचो राफेल विमान सात हजार किलोमीटर की दूरी तय कर 29 जुलाई को भारत पहुंचेंगे। जहां इन्हें अंबाला में भारतीय वायु सेना के बेड़े में शामिल किया जाना है।

गौरतलब है कि फ्रांस के साथ 36 राफेल विमानों की खरीद के लिए साल 2016 में समझौता हुआ था। इस समझौते के बाद भारत को मिलने वाले राफेल विमानों की यह पहली खेप है। कोरोना के कारण विमानों की डिलीवरी में थोड़ा विलंब हुआ। समझौते के मुताबिक दो साल में भारत को 36 राफेल विमान मिलने है।