बारिश से बेहाल राजस्थान, बाढ़ के हालात

सिरोही
सिरोही जिले के सरूपगंज क्षेत्र में तेज बारिश के बाद नदी-नाले उफान पर हैं। यहां खाखरवाड़ा नदी के बहाव में एक बाइक और दूध से भरा टैंकर फंस गया। टैंकर को काफी मशक्कत के बाद हाइड्रो मशीन से बाहर निकाला गया।

आर्मी ने शुरू किया रेस्क्यू, हजारों लोग बेघर, ज्यादातर डैम के गेट खोले

कोटा। पिछले तीन दिन से राजस्थान में सक्रिय हुए नए वेदर सिस्टम ने प्रदेश को जमकर भिगोया। दो दिन से लगातार हो रही बारिश से राजस्थान के कई हिस्सों में बाढ़ के हालात पैदा हो गए हैंं। कोटा, झालावाड़, टोंक, बांसवाड़ा में हालत खराब है। प्रदेश के ज्यादातर बड़े डैम ओवरफ्लो हो गए हैं। इसके चलते उनके गेट भी खोल दिए हैं। हालात से निपटने के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सेना की टीमें जुटी हुई हैं। उधर, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे आज दोपहर झालावाड़, बारां में बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वे करेंगी।

14 जिलों में लगातार बारिश

राजस्थान
कोटा के नयापुरा में इतना पानी आ गया कि घरों का आधा हिस्सा पानी में डूब गया।

प्रदेश में सोमवार-मंगलवार को 14 जिलों में लगातार बारिश हुई है। झालावाड़ में सबसे अधिक 11.3 इंच बारिश रिकॉर्ड की गई। जयपुर में मंगलवार को दिनभर बारिश होती रही। इन दो दिनों में ही छह बड़े बांधों के गेट खोले गए हैं। प्रदेश के 33 में से 26 जिलों में अब तक औसत से करीब 20 प्रतिशत ज्यादा बारिश हो चुकी है। राजस्थान में 22 बड़े डैम में से तीन बांध तो 100 फीसदी भर चुके हैं। इसमें बांसवाड़ा का हारो, टोंक का गलवा और प्रतापगढ़ का जाखम शामिल हैं। इन डैम में इंच भर भी पानी आसपास के शहर और गांवों के लिए बड़ा संकट बन सकता है। इसके अलावा चित्तौडग़ढ़ के राणा प्रताप सागर बांध में 93.68 प्रतिशत, कोटा बैराज में 95.38 और बूंदी के गुढ़ा डैम में 97.18 प्रतिशत पानी आ चुका है। थोड़ी सी बारिश में ये तीनों बांध भी सौ फीसदी भर जाएंगे।

10 जिले संकट में

राजस्थान
कोटा में जल प्रलय के हालात दिखने लगे हैं। लगातार बारिश के कारण हजारों लोग या तो घरों में फंस गए हैं या फिर ऐसे इलाकों से दूर चले गए हैं।

फिलहाल बाढ़ से राज्य के करीब 10 जिले संकट में हैं। राणा प्रताप सागर बांध से एक ही दिन में चार लाख 66 हजार क्यूसेक छोड़ा गया। कोटा बैराज के 17 गेट खोले जा चुके हैं और इससे भी 4 लाख 97 हजार क्यूसेक पानी निकाला गया। कोटा शहर के निचले इलाकों में लोग घर छोडऩे को मजबूर हैं। स्थिति से निपटने और पानी में फंसे लोगों को बचाने के लिए एनडीआरएफ (नेशनल डिजास्टर रिलीफ फोर्स) और एसडीआरएफ (स्टेट डिजास्टर रिलीफ फोर्स) की टीमें पांच जिलों में तैनात हैं। झालावाड़ में सेना की एक यूनिट भी बुलाई गई है। पार्वती और चंबल नदियां उफान पर हैं। कोटा बैराज से पानी छोड़े जाने के कारण धौलपुर और करौली में स्थिति खराब हो गई। धौलपुर के 25 और करौली के 6 गांव खाली कराने पड़े। लोगों को सुरक्षित जगहों पर भेजा गया।

इन जिलों में संकट

बाढ़

बाढ़वर्तमान में कोटा में हालात सबसे खतरनाक हैं। चित्तौडग़ढ़ में मंगलवार को ही 76.5 एमएम बारिश ने कहर बरपाया है। इसके अलावा बूंदी, टोंक, अजमेर, भीलवाड़ा, सिरोही, अंता (बारां), बांसवाड़ा, डबोक (उदयपुर) में बारिश ने आफत खड़ी कर दी है। उदयपुर में तो दिनभर बादल गरजते और बरसते रहे।

आज 10 जिलों में अलर्ट

मौसम विभाग ने बुधवार को जयपुर, बीकानेर, जैसलमेर, बाडमेर, जालोर, सिरोही, प्रतापगढ़,उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा जिलों और आसपास के क्षेत्रों मे कहीं-कहीं पर गरज के साथ हल्की से मध्यम वर्षा का दौर जारी रहने की संभावना जताई। इस दौरान बाड़मेर, जैसलमेर, में कहीं-कहीं आकाशीय बिजली और तेज बारिश के दौर की संभावना जताई है। चंबल नदी में लगातार हो रही पानी की आवक के नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 12 मीटर ऊपर पहुंच चुका है। नदी के शाम तक खतरे के निशान से 15 मीटर ऊपर पहुंचने की संभावना जताई जा रही है, जो 1996 के रिकॉर्ड को तोडऩे के करीब है। वर्तमान में चंबल नदी का जलस्तर 142.70 मीटर पहुंच चुका है। प्रशासन के मुताबिक आगामी 24 घंटे धौलपुर जिले के लिए भारी हो सकते हैं।

अब आगे क्या?

मौसम विभाग के मुताबिक बुधवार को जैसलमेर, बाड़मेर, जालोर और प्रतापगढ़ में बारिश हो सकती है। गुरुवार को प्रतापगढ़ में बादलों छाए रहेंगे। 26 और 27 अगस्त को राज्य में बारिश की संभावना नहीं है।

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