राजस्थान विधान सभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी 77 वर्ष की आयु में भी निरन्तर सक्रिय रहते हैं

Rajasthan Legislative Assembly Speaker Vasudev Devnani remains active even at the age of 77.
Rajasthan Legislative Assembly Speaker Vasudev Devnani remains active even at the age of 77.

लोगों का दिल जीत लेते हैं देवनानी

जयपुर. लगातार कार्य में व्यस्त होने के बाद भी राजस्थान विधान सभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी के चेहरे पर कभी थकान की शिकन तक नहीं आती है बल्कि वे प्रत्येक यात्रा के बाद ऊर्जावान दिखाई देते हैं। विधान सभा अध्यक्ष निर्वाचित होने के बाद कार्य दिवसों पर यदि वे जयपुर में है तो विधान सभा प्रातः 10:15 बजे पहुँचेंगे और सांय 6:15 बजे ही विधान सभा के कार्यालय से अपने निवास पर लौटते है। अजमेर विधान सभा क्षेत्र में उनके कार्यक्रमों, समारोह, मुलाकातें, बैठकों की श्रंखला वाकई देखने लायक होती है। उनके द्वारा प्रत्येक शनिवार व रविवार को अपने विधानसभा क्षेत्र में किये जाने वाले अपार कार्यक्रम तो शायद कोई अन्य चुनाव आने के समय भी इतने कार्यक्रम नहीं करते होंगे। गरीब, दलित, असहाय, जरूरतमंद जो भी उनके पास पहुँच जाता है, उसकी मदद वे अवश्य करते हैं। यही कारण है कि उनसे मिलकर आने वाला आमजन कभी निराश होकर नहीं लौटता है और वे बहुत जल्द ही लोगों के दिल में अपना स्थान बना लेते है। अपने सरकारी निवास पर हो या विधानसभा उनसे मिलने वालों का तांता लगा ही रहता है। लोगों की आत्मीयता से मदद करके उन्हें बहुत अच्छा लगता है। प्रातः 4 बजे से रात्रि 11 बजे तक प्रतिदिन सक्रिय रहने वाले देवनानी बताते है कि एकादशी के दिन उनका जन्म होने के कारण उनकी जन्म तिथि 11 जनवरी की गई।

11 जनवरी, 1948 को राजस्थान की हृदयस्थली अजमेर में जन्मे, 1958 से राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ एवं 1972 से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से सक्रिय रूप से जुड़े वासुदेव देवनानी ने अपने राजनैतिक जीवन में निरन्तर 5 बार विधान सभा चुनाव जीतकर विधायक, मंत्री और विधान सभा अध्यक्ष रहकर प्रदेश की उल्लेखनीय सेवा कर रहे है। वर्तमान में विधान सभा अध्यक्ष के रूप में वे लोकतन्त्र के सुदृढीकरण के लिए अनेक नवाचार कर रहे है। पेशे से शिक्षक रहे देवनानी स्वयं अनुशासन में रहते है और लोगों से भी वे अनुशासन की अपेक्षा रखते है। कई बार ये समारोह में निर्धारित समय पर आयोजकों से पहले पहुँच जाते है।

एम.बी.एम इंजीनियरिंग कॉलेज जोधपुर से इलेक्ट्रिकल विषय में बी.ई. की उपाधि प्राप्त करने वाले देवनानी ने विद्याभवन पॉलिटेक्निक कॉलेज, उदयपुर में प्राचार्य के रूप में सेवाएं प्रदान की है और 2023 में प्रथम बार 12वी विधान सभा (2003 से 2008) में अजमेर पश्चिम से विधायक निर्वाचित हुए। उसके पश्चात 2008 से 2013, 2013 से 2018 और 2018 से 2023 और दिसम्बर, 2023 में पुनः अजमेर उत्तर से देवनानी विधायक निर्वाचित हुए है।

देवनानी ने मई 2004 से दिसम्बर, 2008 तक राज्य के प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा, संस्कृत शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, भाषा, भाषायी अल्पसंख्यक चिकित्सा एवं कृषि जैसे महवपूर्ण विभागों के राज्यमंत्री के रूप में उल्लेखनीय सेवाएं प्रदान की है। चौदहवीं विधान सभा के कार्यकाल के दौरान पुनः दिसम्बर, 2014 से दिसम्बर, 2018 तक प्राथमिक शिक्षा एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग के स्वतंत्र प्रभार एवं ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज के राज्यमंत्री के रूप में भी सेवाएं दी है।

तीन दशकों तक अध्यापन के क्षेत्र में सकारात्मक और सार्थक भूमिका में रहे वासुदेव देवनानी ने प्रकाशन और लेखन के क्षेत्र में भी अपनी अमिट छाप छोड़ी है। देवनानी ने अनन्य एवं अनेक पत्र-पत्रिकाओं के साथ-साथ विभिन्न समाचार पत्रों में सारगर्भित आलेख लिखे हैं। शिक्षाविद् के रूप में पहचान रखने वाले देवनानी शिक्षा क्षेत्र की विशेषताओं व खामियों से भली-भांति परीचित है। देवनानी ने शिक्षा क्षेत्र की खामियों का निदान करने के साथ-साथ शिक्षा व्यवस्था में काउन्सिलिंग द्वारा पदस्थापन शाला दर्पण अपडेशन और स्टाफिंग पैटर्न जैसे महत्वपूर्ण सुधार किए।

सुदीर्घ संसदीय अनुभव रखने वाले देवनानी विधान सभा के कार्यकाल के दौरान प्राक्कलन समिति क प्राक्कलन समिति ख, विशेषाधिकार समिति, अधीनस्थ विधान संबंधी समिति, स्थानीय निकायों और पंचायतीराज संस्थाओं संबंधी समितियों के सदस्य एवं सभापति भी रहे है। देवनानी ने इन समितियों के माध्यम से कार्यपालिका को विधायिका के प्रति उत्तरदायित्व बनाने के सिद्धान्त को परिपुष्ट किया है। 13वीं और 15वीं विधान सभा में प्रतिपक्ष के दायित्व का भी देवनानी ने बखूबी निर्वहन किया। क्षेत्रीय कार्य समिति, कपार्ट के सदस्य और रूरल डेवलपमेंट एवं रिकंस्ट्रक्शन एक्टिविटीज के देवनानी अध्यक्ष भी रहे 12

सोलहवीं विधान सभा के गठन के उपरांत देवनानी 21 दिसम्बर, 2023 को राजस्थान विधान सभा के अध्यक्ष पद पर सर्वसम्मति से निर्वाचित हुए है। अध्यक्ष पद पर निर्वाचन के बाद देवनानी ने विधान सभा कार्यप्रणाली के सुदृढीकरण के प्रयास प्रारम्भ कर विधान सभा को पेपरलैस बनाने, नेवा प्रोजेक्ट को लागू करने, पर्ची व्यवस्था पुनः आरम्भ करने, कार्यवाही के दौरान भोजनावकाश देने का और सत्र से पूर्व सर्वदलीय बैठक जैसे नवाचार करते हुए अनेक सुधारात्मक कदम उठाये है। विधान सभा में वाट्‌सअप चैनल, ई-बुलेटिन सहित कई नवीन सुविधायें भी देवनानी ने शुरू की है। विधान सभा में बने डिजिटल म्यूजियम का प्रसारित करने, इसकी विषयवस्तु को और अधिक प्रासंगिक बनाने के लिये परिवर्तन एवं परिवर्धन जैसे कदम उठाने के साथ-साथ विधान सभा जनदर्शन कार्यक्रम की शुरुआत देवनानी ने की है। वर्तमान में अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों की कार्यकारिणी समिति के सदस्य पद पर देवनानी को लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने मनोनित किया है।

जनवरी, 2024 में मुम्बई में आयोजित 64वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन में देवनानी ने भाग लिया। राजस्थान विधान सभा के अध्यक्ष देवनानी 3 से 8 नवम्बर, 2024 तक न्यू साउथवेल्स ऑस्ट्रेलिया में 674 राष्ट्रमण्डल संसदीय सम्मेलन में राजस्थान का प्रतिनिधित्य करते हुए सम्मिलित हुए तथा पोस्ट स्टडी ट्यूर के तहत इण्डोनेशिया, सिंगापुर और जापान की बाजारों की।

सनातन और राष्ट्र भावना से ओतप्रोत देवनानी लगभग 10 वर्ष की आयु में ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के स्वयं सेवक बन गये तथा वर्ष 2000 में संघ के प्रान्त प्रचार प्रमुख बने। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश मंत्री, प्रदेश उपाध्यक्ष एवं प्रदेश अध्यक्ष भी रहे है। समाजसेवी देवनानी राजस्थान सिंधी साहित्य समिति के अध्यक्ष, आरतीय सिंधु सभा के केन्द्रीय कार्यकारिणी के सदस्य तथा सिंधी संगीत समिति के संरक्षक एवं सिंधी भाषा विकास समिति के मुख्य संरक्षक भी रह चुके है। देवनानी को वर्ष 2003 में सर्वोत्तम पॉलिटेक्निक अवार्ड, सिंधु गौरव अवार्ड तथा सिंधु रन अवार्ड से भी सम्मानित हुए है।