रतन टाटा ने किया खौफनाक घटना का खुलासा, प्लेन में यात्रा करते समय विमान का इंजन समुद्र के ऊपर अचानक बंद हो गया था

रतन टाटा 17 साल की उम्र में विमान में यात्रा कर रहे थे

नई दिल्ली। रतन टाटा ने एक खौफनाक घटना का खुलासा किया है। देश के बड़े औद्योगिक घरानों में शुमार और सादगी के लिए मशहूर टाटा समूह के चेयरमैन रतन टाटा का एक प्रमोशनल क्लिप 27 सितंबर को ऑन एयर हो रहा है। इस क्लिप में रतन टाटा ने बताया कि कैसे उनका प्लेन टूटने से बचा और कैसे वे वहां से सुरक्षित निकले। उनके साथ तीन और यात्री इस प्लेन में थे।

टाटा ने कहा कि अचानक इंजन बंद हो गया

रतन टाटा ने कहा कि जब वे तीन दोस्तों के साथ प्लेन में सफर पर थे उसी समय प्लेन का इंजन बंद हो गया। नेशनल जियोग्राफिक के मेगा आइकन्स सीजन दो के एपिसोड के प्रमोशनल क्लिप में रतन टाटा की यह घटना दिखेगी। यह क्लिप 27 सितंबर को ऑन एयर होगी। इसमें रतन टाटा ने बताया कि वे उस समय 17 साल की उम्र के थे, जो पायलेट के लाइसेंस के लिए जरूरी उम्र थी।

उस समय उनके लिए ये संभव नहीं था कि वे खुद से प्लेन को किराये पर लें। इसलिए उन्होंने अपने दोस्तों से उड़ान भरने को लेकर बात की और उन्हें फ्लाइट में उड़ाने के लिए वॉलेंटियर किया।

प्लेन के उडऩे के बाद जल्द ही इंजन खराब हो गया

रतन टाटा ने तीन दोस्तों को इक_ा किया जो उनके साथ उड़ान भरने के लिए तैयार थे। लेकिन जल्द ही प्लेन का इंजन खराब हो गया। रतन टाटा ने कहा कि पहले प्लेन बहुत तेजी से हिला और इंजन बंद हो गया।

टाटा ने कहा कि वे इंजन के बिना थे और उन्हें इस बात पर ध्यान देना था कि वे नीचे कैसे आएंगे। उन्होंने बताया कि इस घटना से ऐसी दहशत फैल गई थी कि किसी भी दोस्त ने भी प्लेन से नीचे आने तक एक शब्द नहीं कहा।

मुश्किल से बाहर निकले टाटा

मुश्किल से बाहर निकलकर टाटा ने आगे कहा कि एक हल्के प्लेन में इंजन खत्म होना बड़ी बात नहीं है। इससे प्लेन क्रैश होने से बच भी सकता है। टाटा ने कहा कि यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप कितनी ऊंचाई पर हैं।

जहां आप प्लेन को उतारना चाहते हैं वह जमीन आपने पहले से देखी है या बाद में देखनी है और उसके लिए पर्याप्त समय भी है क्या? उस समय जब प्लेन क्रैश होने वाला था, रतन टाटा शांत रहे और उन्होंने अपनी हिम्मत बनाए रखी। उन्होंने हंसते हुए अपनी बात खत्म की और कहा कि आप हंस नहीं सकते कि इंजन बंद हो गया है।

आर्किटेक्ट के दफ्तर में काम करते थे टाटा

रतन टाटा ने बताया कि शुरुआती दिनों के दौरान वे अमेरिका के लॉस एंजलिस में एक आर्किटेक्ट के दफ्तर में काम करते थे। लेकिन उन्हें भारत वापस आना पड़ा। क्योंकि उनकी दादी बीमार थीं और वे 4-5 साल तक बीमार रहीं। उनके करीब रहने के लिए टाटा वापस नहीं गए और टाटा मोटर्स (तब का टेलको) की शॉप प्लोर पर काम किया। टाटा समूह के चेयरमैन जेआरडी टाटा ने रतन टाटा को कहा कि वे केवल बैठ नहीं सकते। उन्हें काम में शामिल होना होगा।

रतन टाटा को लगा कि वहां रहना समय की बर्बादी है क्योंकि कोई भी चीज अच्छी तरह प्लान नहीं की गई थी। रतन टाटा ने अपना खुद का ट्रेनिंग प्रोग्राम बनाया। टाटा ने कहा कि ये उनके सबसे मूल्यवान छह महीने थे। लंबे समय बाद वे टेलको के चेयरमैन बने।