बाजार में भी तिरंगे ने लहराया परचम, रिकॉर्ड तीस करोड़ ध्वज का निर्माण, 500 करोड़ रुपये का हुआ कारोबार

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हर घर तिरंगा अभियान से देशभर में इस बार 30 करोड़ से ज्यादा राष्ट्रीय ध्वज की बिक्री हुई है, जिससे करीब 500 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) का कहना है कि राष्ट्रभक्ति और स्व-रोजगार से जुड़े इस अभियान ने पूरे देश में लोगों के बीच देशभक्ति की एक अद्भुत भावना और को ऑपरेटिव व्यापार की बड़ी संभावनाएं खोल दी हैं। तिरंगा के प्रति लोगों के समर्पण और उत्साह को देखते हुए कैट ने प्रधानमंत्री मोदी से 15 अगस्त, 2022 से 15 अगस्त 2023 तक की अवधि को भारत की स्वतंत्रता के समाप्त होने पर स्वराज वर्ष के रूप में घोषित करने की अपील की है।

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने रविवार को कहा कि पिछले 15 दिनों के दौरान, पूरे देश में कैट के झंडे तले बड़ी संख्यां में व्यापारी संगठनों ने 3 हजार से अधिक तिरंगा कार्यक्रम आयोजित किए, जिनमें बड़ी संख्या में लोगों ने ऊर्जा और स्वेच्छा से भाग लिया। जिन्होंने देश के लोगों की तिरंगे की अभूतपूर्व मांग को पूरा करने के लिए लगभग 20 दिनों के रिकॉर्ड समय में 30 करोड़ से ज्यादा राष्ट्र ध्वज तिरंगे का निर्माण किया। कैट के आह्वान पर देशभर में व्यापारी संगठनों ने सभी राज्यों में रैलियां, मार्च, मशाल जुलूस, तिरंगा गौरव यात्रा, सार्वजनिक सभाओं और सम्मेलनों सहित बड़े तिरंगा कार्यक्रम आयोजित कर देशभक्ति का भावना का प्रवाह किया।

ध्वज संहिता में संशोधन, 10 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिला

खंडेलवाल ने कहा कि केंद्र सरकार के फ्लैग कोड में पॉलिएस्टर और मशीनों से झंडे बनाने की अनुमति में किए गए बदलाव ने भी देश में झंडों की आसान उपलब्धता में बहुत योगदान दिया है। इससे पहले भारतीय तिरंगे को केवल खादी या कपड़े में बनाने की अनुमति थी। ध्वज संहिता में इस संशोधन ने देश में 10 लाख से अधिक लोगों को रोजगार दिया, जिन्होंने अपने घर में या छोटे स्थानों पर स्थानीय दर्जी की सहायता से बड़े पैमाने पर तिरंगा झंडा बनाया।