जयपुर की दस गृह निर्माण सहकारी समितियों के पंजींयन निरस्त

ऑडिट नही होने एवं रिकॉर्ड उपलब्ध नही कराने पर की कार्यवाही

गृह निर्माण सहकारी समितियों से पट्टे लेने से पूर्व जानकारी अवश्य लें

जयपुर। रजिस्ट्रार सहकारिता मुक्तानन्द अग्रवाल ने मंगलवार को बताया कि जयपुर जिले की 10 गृह निर्माण सहकारी समितियों के पंजीयन निरस्त कर दिये गए हैं। इन समितियों द्वारा ऑडिट नही कराने, रिकॉर्ड उपलब्ध नही कराने एवं अन्य अनियमितिताओं के कारण पंजीयन निरस्त करने की कार्यवाही की गई है।

अग्रवाल ने बताया कि गृह निर्माण सहकारी समितियों द्वारा आमजन के साथ की जा रही धोखाधड़ी की शिकायतों के संदर्भ में प्रमुख शासन सचिव कुंजीलाल मीणा अवसायनाधीन गृह निर्माण सहकारी समितियों एवं अनियमितता वाली गृह निर्माण सहकारी समितियों के खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश दिए थे।

इन निर्देशों के क्रम में निरीक्षकों को लक्ष्य आवंटित कर ऎसी समितियों को चिन्हि्त करने एवं कार्यवाही करने के लिए निर्देशित किया गया था।

रजिस्ट्रार ने बताया कि पंजीयन निरस्त की गई गृह निर्माण सहकारी समितियों में किशनगढ़, रेनवाल आदर्श गृह नि.स.स.लि., बनेठी गृह नि.स.स.लि., जमवारामगढ़ नवभारत गृह नि.स.स.लि. सिरसली गृह नि.स.स.लि.,लखेर गृह नि.स.स.लि., देवदानी गृह.नि.स.स.लि., अचरोल गृह.नि.स.स.लि., गोविन्दगढ़ गृह नि.स.स.लि.,बोबाडी गृह नि.स.स.लि.एवं रूपवास मॉडल गृह नि.स.स.लि.शामिल है।

उन्होंने बताया कि पंजीयन निरस्त की गई इन समितियों से इनकी नई योजनाओं के पट्टे किसी भी स्थिति में नही खरीदें।

अग्रवाल ने बताया कि सोसायटी संबंधित सोसायटी से पट्टा लेने से पूर्व उप रजिस्ट्रार सहकारी समितियां के कार्यालय से जानकारी प्राप्त करनी चाहिए। बेकडेट व पूर्व दिनांकित पट्टों के जगह वर्तमान दिनांक, जिसको आप पट्टा ले रहे अंकित होनी चाहिए। भुगतान की राशि चैक के जरिए देनी चाहिए। उन्होंने बताया कि अवसायनाधीन गृह निर्माण सहकारी समितियों जिनमें कांट आदर्श गृृह नि.स.स.लि., नांगल बोहरा गृह नि.स.स.लि. एवं राजकिरण गृह नि.स.स.लि में किसी भी प्रकार की कार्यवाही केवल समिति अवसायक ही कर सकते है।

रजिस्ट्रार ने बताया कि यह भी पाया गया है कि कुछ व्यक्ति समितियों के मिलते जुलते नामों से भी अवैध भूमि/भूखण्ड़ की खरीद फरोख्त कर रहे हैं, जबकि उक्त समितियों का वैधानिक अस्तित्व नही है।

अतः इनके नाम से जारी पट्टे केवल जालसाजी एवं धोखाधड़ी है, ऎसे पट्टे आपको स्वामित्व प्रदान नही करते है, बिना पूछताछ के एवं बिना पर्याप्त जानकारी, समितियों की योजनाओं के पट्टों को कभी न खरीदे अन्यथा आपकी पूँजी डूब जाएगी एवं आप कभी भी अतिक्रमी के रूप में बेदखल किए जा सकते है।