रंग दर्पण’ में रूबरू हुईं चित्रकला, संगीत और रंगमंच की तीन हस्तियां

जाने-माने चित्रकार संजीव शर्मा ने बनाया रवीन्द्र उपाध्याय का लाइव पोट्रेट

डॉ. सालेहा गाजी ने बातचीत से जीवंत किया संजीव का कलात्मक सफर

जयपुर। शहर के कला फलक पर पिछले डेढ़ साल से भी अधिक समय से चल रही ऑनलाइन कार्यक्रमों की श्रंखला ‘नेट’ थिएट का मंच शनिवार को चित्रकला, संगीत और रंगमच के तीन नामी कलाकारों की उपस्थिति से रोशन रहा। इस मौके पर चित्रकार संजीव शर्मा, पार्श्व गायक रवीन्द्र उपाध्याय और रंगकर्मी डॉ. सालेहा गाजी ने एक-दूसरे कलात्मक आदान-प्रदान के जरिए संगीत ‘तिगुलबंदी’ जैसा नजारा जीवंत कर दिया। मौका था नेट थिएट की ओर से  कार्यक्रम ‘रंग दर्पण’ के आयोजन का। कार्यक्रम के दौरान संजीव शर्मा ने रवीन्द्र उपाध्याय को सामने बिठाकर मात्र आधा घंटे की अवधि में ही उनका हूबहू चित्र बनाकर चित्रकला की तरह ही ‘लाइव डेमोस्ट्रेशन’ विधा में भी अपनी मजबूत पकड़ की अनुभूति करवाई। लाइव डेमोंस्ट्रेन के दौरान रवींद्र उपाध्याय के चेहरे पर खेलती मुस्कान देखने वालों को सुकून दे रही थी ।

डॉ. सालेहा गाजी ने जीवंत किया संजीव का कलात्मक सफर

जानी-मानी उद्घोषक और रंगकर्मी डॉ. सालेहा गाजी ने संजीव शर्मा से उनके कलात्मक सफर पर विभिन्न रोचक सवालों के जरिए बात की।

कार्यक्रम की शुरूआत में जानी-मानी उद्घोषक और रंगकर्मी डॉ. सालेहा गाजी ने संजीव शर्मा से उनके कलात्मक सफर पर विभिन्न रोचक सवालों के जरिए बात की। संजीव ने कहा चित्रकला के संस्कार उनको अपनी माता से मिले। बचपन से रंगों से दोस्ती हो गई और उनके साथ खेलता खेलता कब बडा हो गया पता ही नहीं चला। घर के आंगन से लेकर क्लास रूम तक बस चित्र बनाना ही मेरा नित्यकर्म था, क्लास गणित की होती थी पर कॉपी में मैं आकृतियाँ बनाता रहता। घर में मेहमान आते तो उनका भी चित्र बना देता था। बस इसी जुनून ने मुझे इस मुकाम पर ला खडा किया। शो के दौरान संजीव की पत्नी प्रतिभा शर्मा भी दर्शकों से रूबरू हुई। प्रतिभा शिक्षाविद् होने के साथ एक अच्छी शायरा भी हैं। उन्होंने इस मौके पर अपनी एक रचना “बरसों से खामोश कलम” सुनाकर दर्शकों की दाद बटोरी। नेट थिएट के संयोजक अनिल मारवाड़ी और राजेन्द्र शर्मा राजू ने बताया कि पिछले डेढ़ साल से भी अधिक समय से चल रही नेट थिएट की साप्ताहिक श्रंखला में यह पहला मौका था जब कार्यक्रम में चित्रकला, संगीत और रंगमंच की तीन हस्तियों ने एक साथ शिरकत कर इस श्रंखला को नए आयाम दिए।