
जयपुर। राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस कार्य समिति मेंबर सचिन पायलट अब पत्नी सारा पायलट से अलग हो चुके हैं। सचिन पायलट और सारा पायलट के बीच तलाक हो गया है। इस बात का खुलासा पायलट के चुनावी एफिडेविट से हुआ है। टोंक से कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर नामांकन दाखिल करने के बाद उन्होंने जो हलफनामा दिया है, उसमें उन्होंने अपनी पत्नी के नाम के आगे तलाकशुदा लिखा है।
पायलट ने शपथ पत्र में आश्रितों के रूप में दोनों बच्चों का नाम लिखा है। सचिन पायलट के दोनों बच्चे उनके साथ हैं। पिछले विधानसभा चुनाव नवंबर 2018 में दिए गए एफिडेविट में सचिन पायलट ने पत्नी के नाम वाले कॉलम में सारा पायलट का नाम लिखा था। इस बार पत्नी के नाम वाले कॉलम में तलाकशुदा लिखा है। सचिन पायलट ने दाखिल किया नामांकन राजस्थान कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने विधानसभा चुनाव के लिए मंगलवार को टोंक में अपना नामांकन दाखिल किया। नामांकन पत्र दाखिल करने से पहले पायलट ने मीडिया से कहा, मुझे सभी को माफ कर आगे बढ़ने के लिए कहा गया है, मैं इसी लाइन पर आगे बढ़ रहा हूं।
हमारे बीच कोई मतभेद नहीं है, कोई गुटबाजी नहीं है। पायलट हजारों कार्यकर्ताओं के साथ नामांकन करने पहुंचे और अपना शक्ति प्रदर्शन किया। सुबह करीब 11:30 बजे टोंक के सवाई माधोपुर चौराहे से रैली को रवाना करने से पहले उन्होंने भूतेश्वर महादेव मंदिर में पूजा-अर्चना की। पायलट की नामांकन रैली में विधायक डॉ. रघु शर्मा, प्रशांत बैरवा, राकेश पारीक, खिलाड़ी लाल बैरवा, टोंक प्रभारी अनिल चोपड़ा सहित हजारों कार्यकर्ता मौजूद रहे। रैली के लिए बाजार में जगह-जगह स्वागत द्वार बनाए गए थे। शर्मा को रैली में देख कर सभी को आश्चर्यच हुआ क्योंकि वो अशोक गहलोत खेमे से हैं।
पायलट ने अपना नामांकन दाखिल करने से पहले मीडिया से बात की और चुनाव जीतने के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए कांग्रेस की पसंद के बारे में सवालों के जवाब दिए। पायलट ने कहा, कांग्रेस कभी भी इन सब बातों की पहले से घोषणा नहीं करती। बहुमत मिलने के बाद पार्टी आलाकमान तय करता है कि नेतृत्व कौन करेगा। पार्टी हर उम्मीदवार के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि पार्टी में कोई गुटबाजी नहीं है और सोनिया गांधी, खड़गे और राहुल गांधी का केवल एक समूह है।