आलेख: राष्ट्र निर्माण में संघ ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई

दर्शन सिंह नरुका

संघ की स्थापना 1925 में होना बताया जाता है। ये एक ऐसी धार्मिक संस्था स्थापित हुई जो सिर्फ हिंदुत्व पर सबको जगाने लगी। संपूर्ण भारत ही भी नहीं विश्व स्तर पर अपनी पहचान बनाने में कामयाब हुई। हिंदू धर्म में जात पात के कारण जो समाज में बिखराव था उसको मिटाकर सिर्फ हिंदुत्व पर सबको जोड़कर एक मंच पर लाने का काम करने लगी। देश में आजादी का दौर जारी था । उसमे भी प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष भरपूर योगदान दिया और राष्ट्र विरोधी ताकतों को बेनकाब करने देश को आजाद करने का काम किया। देश को आजादी संयुक्त रूप से सामूहिक प्रयास रहा जिसमे कांग्रेस पार्टी के बैनर तले पूरा देश एक जाजम पर रहा। हालांकि सत्ता प्राप्ति के बाद देश में आजादी दिलाने वाले अनेक राष्ट्रीय नेता गोन हो गए ।

दर्शन सिंह नरुका

हो गए। सत्ता का आनंद लेने में एक राजनेतिक षडयंत्र रचने वाले जरूर देश की हुकूमत पर काबिज हुए। लेकिन राष्ट्र भक्ति का जो ज्वार था उसमे देश की 650 रियासतों के राजा रजवाड़ों ने भी देश राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। और लोकतंत्र की स्थापना में अपनी रियासती शक्तियां विलय करते हुए एक देश एक राष्ट्र भक्ति भाव में सब कुछ समर्पित किया गया। एक विशाल लोकतंत्र बना। लेकिन आजादी के बाद देश का बटवारा करने वाली कांग्रेस ने देश का विभाजन कर दिया। इसके बावजूद भी तुष्टिकरण की नीति की। और देश में धर्म और जातिवाद का जहर घोल दिया। जो मिट नही सकता । इसी चाल में देश का हिंदू समाज बिखराव पर आ गया। और जातियों में बटा रहा आरक्षण रूपी अभिशाप ने फिर से भेदभाव कर दिया । ये ही कांग्रेस की सबसे बड़ी चाल रही जो हिंदू समाज को जातियों में बांटकर एकजुट होने से रोकने के लिए काफी रही। वही हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई धर्म में आस्था रखने वाले लोग भी समझ नही पाए कांग्रेस की सबसे बड़ी चालाकी से आजतक अपने आपको निकाल नही पाए।

लम्बे अरसे तक आरएसएस सत्ता से दूर होकर राष्ट्र निर्माण में लगा रहा। लेकिन भाजपा को सत्ता दिलाकर देश में हिंदू समाज को लेकर जो मन में जिन ऊंचाई पर पहुंच कर देश में आजादी के बाद कांग्रेस की गन्दगी को साफ करने के लिए सत्ता प्राप्ति जरूरी था यही कारण रहा की आरएसएसएस की योजना से लाभान्वित होकर भारतीय जनता पार्टी देश की सबसे बड़ी बहुमत प्राप्त पार्टी बनी।

तदुप्रांत माननीय तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह जी संघ की मंशा को पूरा करते हुए देश में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी जी को देश का प्रधान मंत्री बतौर घोषित कर दिया जबकि वास्तविकता में अनेक इस देश में भारतीय जनता पार्टी को स्थापित करने वाले सींचने वाले देश में आजादी के बाद अनुभवी नेता जिनका बीजेपी में सत्ता की चाबी रखने का प्रथम अधिकार था।। लेकिन संघ की भावनाओ को आत्मसात करते हुए राष्ट्र निर्माण कार्य में सफलता के लिए श्री नरेंद्र मोदी जी को आगे कर दिया। प्रधानमंत्री बन कर नरेंद्र मोदी जी ने संघ की योजना के अनुसार सारे फैशले किए।।जिनमे धारा 370 राममंदिर निर्माण जैसे अनेक प्रमुख निर्णय हुए। जो इस देश को एक जीवट अवस्था प्रदान करते हुए राष्ट्र का गौरव बढ़ाने वाला रहा है। आज आरएसएस का मुख्य उद्देश्य जो हिंदू धर्म को एकजुट करना उनकी भावनाओं में सुरक्षा का भाव पैदा करना।साथ ही अन्य धर्म जैसे मुस्लिम समुदाय में तीन तलाक जैसी बुराई को ख़त्म करते हुए नारी शक्ति का सम्मान स्थापित करना। आज संपूर्ण विश्व में हिंदू समाज गर्व कर रहा है।

प्रदेश में नेतृत्व की कमी खली

ये सिर्फ संघ की योजना से ही संभव हुआ। एक संतोष सा झलक रहा है। देश में जो लगातार हिंदू समाज का बिखराव और वांग्रेश की नियत को आज खतरा नजर आने लगा है। उसी का परिणाम है की आज संघ की रीतिनीति से कांग्रेस सरकार बैचेन बेबस हो गई। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरएसएस के उपर उनके परिवारों को टारगेट बनाया है। जब भी राजस्थान में कांग्रेस सरकार बनी आरएसएस के परिवार जन चाहे जो भी राज्य कर्मचारी अधिकारी हो उनको परेशान किया गया। कई बार आरएसएस को बेन करने की आवाज भी उठी लेकिन गहलोत कभी कामयाब नही हो सके। चाहे राजस्थान में लम्बे अरसे से जब माननीय श्री भैरो सिंह शेखावत जी जैसे राजस्थान का नेतृत्व संभाल रहे । वो भी संघ परिवार का ही हिस्सा रहे। उन्होंने हमेशा राजस्थान प्रदेश में संघ पर कभी आंच आने नहीं दी । उनके बाद प्रदेश की राजनीती में पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे जी जो की पिछले तीस साल से राजस्थान की राजनीति को समझती है और खुद राजमाता के संघ के संस्कारों में पली बढ़ी है।

बीस साल से राजस्थान की राजनीति की कद्दावर नेता बनी संघ को टारगेट बनाने वालो को मुंह तोड़ जवाब दिया। कई बार माननीय श्री अशोक गहलोत ने संघ पर प्रतिबंध लगाने 1 संघ को सीधे सत्ता में शामिल रहकर सरकार चलाने की बात कही जिसका पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे जी ने मुंह तोड़ जवाब दिया। हो सकता है कुछ गुनी जन महारानी की धमाकेदार राजनीति और राजशाही मिजाज से भले नाराज हो लेकिन उन्होंने संघ पर कभी कोई आंच नही आने दी। आज राजस्थान प्रदेश कांग्रेस सरकार ने सिर्फ बीजेपी नेताओं, आमजन को ही नही बल्कि संघ को भी टारगेट बनाने का काम किया है। हो सकता है गहलोत जी आप बहुत चतुर चालाकी से आरएसएस जैसे पवित्र संगठन को लेकर टिप्पणी कर सकते है । आज आपका प्रदेश अध्यक्ष कांग्रेस जो की शिक्षा मंत्री भी है।

अपनी ही सरकार की अपनी ही पुलिस को मीडिया के माध्यम से पीसी कर अरेस्ट करने की बात कर रहे है।आज बीजेपी में पहली बार आरएसएस पर इस तरह आपको हावी होने का मोका मिला है। इसकी बानगी को बहादुरी मत समझना।अभी राजस्थान प्रदेश में संघ को कुछ नादानी और सस्ती लोकप्रियता वाले माननीय की कमजोरी को बड़ी उपलब्धि मत समझ लेना।

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