65 तक ऑक्सीजन लेवल पहुंचने के बावजूद कोरोना को दी मात, वीडियो शेयर कर बताया कैसे जीती जंग

कोरोना को मात देने वाली रुचि खंडेलवाल ने बताया कि जब वह कोरोना पॉजिटिव हुई थीं तो ऑक्सीजन लेवल 65 था, लेकिन अब उनका ऑक्सीजन 90 से ऊपर आ चुका है

देश में कोरोना की दूसरी लहर ने भयावह स्थिति पैदा कर दी है। हर दिन कोरोना के लाखों की संख्या में पॉजिटिव सामने आ रहे हैं और 4-5 हजार तक मौतें हो रही हैं। ऐसे में खुद को सुरक्षित रखना ही कोराना से बचा जा सकता है। कोरोना को मात देने वाले मरीज भी अपने अनुभव बताकर लोगों को कोरोना से बचने के लिए जागरुक कर रहे हैं। ऐसा ही एक वीडियो सामने आया है, जिसमें इंदौर के एक अस्पताल में भर्तीे रुचि खण्डेलवाल कोरोना से रिकवर होने के बाद अपने अनुभव के जरिये लोगों को यह बता रही हैं कि छोटे-छोटे तीन फॉर्मूले अपनाकर कोरोना से खुद को सुरक्षित रखा जा सकता है। रुचि खंडेलवाल ने बताया कि जब वह कोरोना से पॉजिटिव हुई थीं तो ऑक्सीजन लेवल 65 था, लेकिन अब उनका ऑक्सीजन 90 से ऊपर आ चुका है और वह पूरी तरह स्वस्थ हैं। रुचि ने यह भी बताया कि उन्हें जल्द ही ग्रीन जोन वाले वार्ड से ग्रीन वार्ड में शिफ्ट किया जायेगा।

प्रोन वेंटीलेशन

रुचि ने एक वीडियो शूट करते हुए प्रोन वेंटीलेशन के बारे में बताया, उन्होंने कहा कि अगर आप पॉजिटिव हैं तो घबराने की जरूरत नहीं है, आप उल्टे यानि पेट के बल पर लेट जाएं और जितना तक हो सके लंबे लंबे सांस लें इससे आपके फेफड़ों को ऑक्सजीन मिलेगी ओर ऑक्सीजन ग्रहण करने की क्षमता को बढ़ावा मिलेगा।

गर्म पानी पियें

रुचि ने बताया कि हर दस से पंद्रह मिनट में गुनगुना या सादा पानी पियें और जिससे पर्याप्त मात्रा में आपकी बॉडी को पानी मिलता रहे जिससे हमारी बॉडी का ऑक्सीजन मजबूत होता है। क्योंकि, पानी एचटूओ ओर यह टूटकर एचटूओ ओर एचटू बनाता है। जितना पानी पियेंगे उतना ही बॉडी में पानी ओर ऑक्सीजन मजबूत होगा।

फिटकड़ी का पानी

रुचि खण्डेलवाल ने बताया कि कोरोना को मात देने के लिए सबसे मजबूत फैक्टर फिटकड़ी पानी है। थोड़े गुनगुने पानी में फिटकड़ी का टुकड़ा डालकर थोड़ा घोल लें ओर इस मिश्रण से गरारे करें। यह पानी हलक में भी जाना चाहिए। खाना खाने के बाद यह जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से गले रुकी सारी कफ को हटा देता है जिससे लंग्स में जाकर फंसने का खतरा नहीं होता है। इससे गले और सीने में रुका बलगम पूरी तरह साफ हो जाता है ओर इस तरह हम खुद को कोराना से काफी हद तक बचा सकते हैं।

क्या होता है प्रोन वेंटीलेशन, जानिए इसकी प्रक्रिया

कोरोना पीडि़त होने के बाद सबसे ज्यादा खतरा फेफड़ों के संक्रमित होने का होता है। इस कारण सांस लेने में तकलीफ होती है। ऐसे में प्रोन वेंटीलेशन बेहतर पद्धति कारगार पद्धति मानी गई है। इसे प्रोन पोजीशन या सेल्फ वेंटीलेटर भी कहते हैं। जोधपुर नगर निगम उत्तर और जोधपुर जिला प्रशासन ने भी इस पोजीशन को कारगर मानते हुए लोगों में जनचेतना जगाने के लिए पोस्टर के जरिये लोगों में इस प्रोन वेंटीलेशन को अपनाने की सलाह दी है, इसमें प्रोन वेंटीलेशन को अपनाने का तरीका बताया गया है। जोधपुर नगर निगम उत्तर द्वारा जनहित में जारी पोस्टर में बताए गए तरीकों के मुताबिक सबसे पहले पेट के बल पर लेट जाएं और सके तो कम से कम 40 मिनट तक इसी मुद्रा में लेटे रहने की कोशिश करें। लेटने के बाद एक तकिया गर्दन के नीचे, एक तकिया सीने के नीचे और एक हिप बोन के नीचे लगाएं। कम से कम इस मुद्रा में 40 मिनट ओर ज्यादा से ज्यादा 2 घंटे तक लेटने की कोशिश करें। और इस दौरान गहरी सांसे लें। यदि आपका एसपीओ२ लेवल 90 से 93 प्रतिशत है तो घबराने की जरूरत नहीं है। इस लेवल में मरीज खतरे से बाहर होता है और यह लेवल सामान्य होता है। इस पोजीशन से आपको ऑक्सीजन लेवल बढ़ता है और आपके सांस लेने की क्षमता को फेफड़े मजबूत बनाते हैं।