बच्चों में निमोनिया रोकेगा ‘सांस’ अभियान

आज से जिले में शुरू होगा अभियान, राज्यस्तर से दिए आवश्यक निर्देश

श्रीगंगानगर। राज्य में 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों में मृत्यु के कारणों में से निमोनिया एक प्रमुख कारण है। निमोनिया से शिशु मृत्यु दर कम करने के लिए श्रीगंगानगर जिले सहित प्रदेशभर में 12 नवंबर से 28 नवंबर तक सांस अभियान चलाया जाएगा। कोविड की तीसरी आशंकित लहर में भी बच्चों पर इसके दुष्प्रभाव की अधिक आशंका जताई गई है। ऐसे में इस अभियान के प्रति अधिक गंभीरता से कार्य करने एवं अभियान को सफल बनाने के निर्देश राज्य सरकार ने जारी किए हैं।

सीएमएचओ डॉ. गिरधारी मेहरड़ा ने बताया कि प्रदेश में हजारों बच्चे प्रतिवर्ष निमोनिया से संक्रमित हो जाते हैं। पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों में निमोनिया के कारण होने वाली मृत्यु अन्य संक्रामक रोगों से होने वाली मृत्यु की तुलना में काफी अधिक है। निमोनिया के कारण मृत्यु दर में, गरीबी से जुड़े कारक जैसे कि कुपोषण, सुरक्षित पेयजल की कमी और स्वच्छता एवं स्वास्थ्य देखभाल मुख्य है।

निमोनिया से होने वाली लगभग आधी मौतें वायु प्रदूषण से जुड़ी हैं, इसमें इनडोर वायु प्रदूषण भी मुख्य कारक है। निमोनिया एवं दस्त रोग के कारण होने वाली बाल मृत्यु को कम करने के लक्ष्य से सरकार ने यह योजना प्रारंभ की है।

आईईसी विनोद बिश्रोई ने बताया कि निमोनिया से बच्चों की सुरक्षा के लिए पहले छह माह में शिशु को केवल स्तनपान करवाने, छह माह बाद पूरक पोषाहार देने तथा विटामिन ए की खुराक देने, निमोनिया से बचाव के लिए बच्चों का टीकाकरण करवाने, साबुन से हाथ धुलवाने तथा घरेलू स्तर पर प्रदूषण को कम करके किया जा सकता है। इसी क्रम में सरकार की ओर से सांस अभियान शुरू किया गया है।

जिसका मुख्य उद्देश्य समुदाय में जागरूकता पैदा करना, निमोनिया की पहचान करने में सक्षम करने के लिए देखभालकर्ता को जागरूक करना, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के माध्यम से निमोनिया के मिथकों व धारणाओं के बारे में व्यवहार परिवर्तन करना है। निमोनिया फेफड़ों में होने वाला संक्रमण है। विभाग की ओर से 12 नवंबर से 28 नवंबर तक फेसबुक पेज आईईसी हेल्थ डिपार्टमेंट एसजीएनआर सहित अन्य सोशल मीडिया के माध्यम से आमजन को जागरूक किया जाएगा।

यह भी पढ़ें-टॉपर्स का किया सम्मान