खरीद-फरोख्त मामले में संजय जैन के घर एसीबी ने की छापेमारी

विधायक खरीद-फरोख्त मामले में दलाल संजय के घर पर कोई नहीं मिला, पड़ोसियों से चाबी लेकर घर खोला गया

जयपुर। राजद्रोह, आपराधिक षडयंत्र की धाराओं में दर्ज तीनों मामलों में एसओजी द्वारा कोर्ट में फाइनल रिपोर्ट पेश करने के एक दिन बाद ही एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में दलाल संजय जैन के लूणकरणसर स्थित घर सहित बीकानेर और जयपुर में छापे मारे। संजय के बीकानेर जिले में लूणकरणसर स्थित घर पर एसीबी ने शनिवार सुबह छापा मारा। एसीबी ने लूणकरणसर, बीकानेर, जयपुर समेत कई जगह छापे मारे हैं। सुबह 8.30 बजे एसीबी की टीम अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश पूनिया के नेतृत्व में संजय के घर पहुंची।

पड़ोसियों से चाबी लेकर घर का ताला खोला

संजय के लूणकरणसर स्थित घर पर कोई नहीं था। इस पर एसीबी टीम ने पड़ोसियों से चाबी लेकर घर का ताला खोला। संजय यहां कम ही आता था। वह कई सालों से जयपुर शिफ्ट हो गया था। संजय अभी एसीबी की पांच दिन की रिमांड पर चल रहा है।

एसओजी की फाइनल रिपोर्ट से नेताओं को राहत

राज्य की कांग्रेस सरकार में जारी सियासी संकट के बीच शुक्रवार को एसओजी ने शुक्रवार को राजद्रोह, आपराधिक षडयंत्र की धाराओं में दर्ज तीनों मामलों में कोर्ट में एफआर यानी फाइनल रिपोर्ट पेश की। मतलब, इस मामले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट, बागी विधायक भंवर लाल शर्मा एवं विश्वेंद्र सिंह और 13 निर्दलीयों को सीधे तौर पर बड़ी राहत मिल गई है।

राहत मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कैंप में शामिल कांग्रेस विधायक महेंद्रजीत सिंह मालवीय को भी मिली है। क्योंकि, विधायकों की खरीद-फरोख्त को लेकर दर्ज पहली एफआईआर में मालवीय एवं निर्दलीय विधायक रमिला खडिय़ा के नाम का भी जिक्र था। एफआर लगाने से एसओजी की ओर से दर्ज तीनों मामले अब खत्म हो गए हैं। हालांकि, खरीद-फरोख्त से संबंधित प्रकरण की जांच एसीबी में जारी रहेगी।

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10 जुलाई को एक एफआईआर

एसओजी ने सरकार को गिराने की साजिश एवं आपराधिक षडयंत्र को लेकर दो मामले दर्ज किए थे। इसमें भरत मालानी एवं अशोक सिंह को गिरफ्तार किया था। एसओजी ने खुलासा किया था कि हथियारों की अवैध खरीद से संबंधित शिकायतों के बाद दोनों का फोन सर्विलांस पर था और उसी में दोनों सरकार गिराने एवं विधायकों की खरीद-फरोख्त की बातचीत कर रहे थे।

इसमें सीएम अशोक गहलोत के पायलट के बीच विवाद की बातें भी शामिल थी। कांग्रेस विधायक महेंद्रजीत मालवीय और निर्दलीय विधायक रमिला खडिय़ा का भी जिक्र किया गया था। इसी आधार पर एसओजी ने सीएम गहलोत, पायलट, मालवीय और निर्दलीय विधायक सुरेश टांक, ओम प्रकाश हुड़ला, खुशवीर सिंह, बाबूलाल नागर, लक्ष्मण मीणा, आलोक बेनीवाल, कांति प्रसाद, बलजीत यादव, महादेव सिंह, रमिला खडिय़ा, रामकेश मीणा, संयम लोढा, राजकुमार गौर को नोटिस दिया था।

अब आगे क्या…एसीबी की जांच का सामना करना होगा

एसओजी ने एफआर पेश कर दी है, लेकिन कोर्ट की मंजूरी बाकी है। ऐसे में कोर्ट तय करेगी कि एफआर मंजूर की जाये या नहीं। विधायक खरीद-फरोख्त के मामले की जांच एसीबी भी कर रही है। इसलिए, इन सभी को एसीबी की जांच का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि, एसीबी ने एक एफआईआर दर्ज की हुई है। एसओजी में दर्ज तीनों मामलों को भी एसीबी को रेफर कर दिया गया है।