जेएचएफ द्वारा ’प्रिवेंशन इज़ बेटर दैन क्योर’ विषय पर सेमिनार आयोजित

जयपुर। वैश्विक महामारी और आज की भाग दौड़ भरी जिन्दगी के इस दौर में हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट स्ट्रोक का खतरा एक आम बीमारी है इससे लडने के लिये जरूरी है हमारे इम्युनिटी सिस्टम का मजबूत होना। लोगों को जागरूक करने हेतू ’प्रिवेंशन इज़ बेटर दैन क्योर’ विषय पर एक सेमिनार जेएचएफ द्वारा प्री-इवेंट्स के अन्तंरगत राजस्थान के विभिन्न हिस्सों जैसे जयपुर, कोटा, अजमेर, भरतपुर, टोंक, अलवर और सीकर में आयोजित किये गये थे। बदलती जीवन शैली के कारण प्रतिकूल प्रभाव डालते दिल के दौरे और न्यूरोलॉजिकल संबंधी विकारों के लिए लोगों को जागरूक करना जो भारत में बहुत प्रमुख हैं। जेएचएफ के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी, हिम्मत सिंह ने बताया कि भारत में जानलेवा बीमारीयों के तीन प्रमुख कारण हैं पहला दिल का दौरा, दूसरा सड़क दुर्घटना और तीसरा न्यूरोलॉजिकल रोग। भारत में हर साल 4.77 मिलियन रोगी हृदय की समस्याओं के साथ पाए जाते हैं।

भारत में इन बीमारियों के मरीज पश्चिमी देशों में पाए जाने वाले मरीजों से 10 साल छोटे हैं। इस अवसर पर उपस्थित विशेषज्ञ डॉ सचिन गुप्ता, वरिष्ठ संयुक्त प्रतिस्थापन; डॉ महेश जांगिड़, बैरिएट्रिक और एडवांस लेप्रोस्कोपिक सर्जन; डॉ मोहित वोहरा, गैस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट और हेपेटोलॉजिस्ट; डॉ. हिमांशु तिवारी, एमपीटी स्पोर्ट्स; डॉ ध्रुव तनेजा, पीएच.डी., एमपीटी ऑर्थो एंड स्पोर्ट्स; डॉ. नेहा सैनी, एमपीटी कार्डियो-पल्मोनटरी; डॉ अविनाश सैनी, एमपीटी स्पोर्ट्स; डॉ रजत जांगीर, एम.एस. ऑर्थो, स्पोर्ट्स इंजरी ने लोगों को इन बीमारियों के इलाज और रोकथाम के बारे में जागरूक किया। आमतौर पर पुराने दिनों में डॉक्टर 40 साल की उम्र के बाद कार्डियो टेस्ट प्रिस्क्राइब करते थे, लेकिन महामारी के बाद बीमारी की उम्र में बहुत कुछ बदल गया है और ब्लड प्रेशर, शुगर और कोलेस्ट्रॉल के मामलों के बढ़ने के कारण यह बीमारी 25 साल में होने लगा है।

वैश्विक महामारी के चलते पिछले 2 वर्षों में न्यूरोलॉजिकल संबंधी रोग बढ़े हैं जो हइपर्टेंशन, काम के तनाव और सुररौनडिंग के कारण हो रहा है। बिरला सभागार में 12 व 13 मार्च को आयोजित होने वाले जेएचएफ की बेहतर जीवन शैली पर चर्चा और व्याख्या करने के लिए इस उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। उत्सव स्वास्थ्य विशेषज्ञों, आध्यात्मिक नेताओं, बॉलीवुड हस्तियों, शिक्षाविदों, मनोवैज्ञानिकों और फिटनेस के प्रति उत्साही लोगों के बीच विचारों का एक भव्य मैराथन होगा। कार्यक्रम में एक हजार से अधिक चिकित्सक भाग लेंगे।