महोत्सव के लिए तैयार हो रहा है शिल्पग्राम, प्रशासन से मंजूरी के लिए सांस्कृतिक केंद्र ने शुरू की कार्रवाई

उदयपुर। पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र की ओर से शिल्पग्राम महोत्सव को लेकर तैयारियां शुुरू हो गई हैं। राज्य सरकार ने मेले, सांस्कृतिक कार्यक्रमों सहित शादियों में मेहमानों की संख्या पर लगी पाबंदियां हटा दी हैं। महोत्सव हर साल 21 से 30 दिसंबर तक लगता है। पिछले साल कोविड के चलते मेले का आयोजन नहीं हो सका था।

इस बार कोरोना संक्रमण घटने के साथ कोरोना काल के 19 माह बाद पाबंदियां हटने से मेला होने की उम्मीद दिखाई दे रही है। वहीं केंद्र ने जिला प्रशासन से मेले को लेकर परमिशन के लिए कागजी कार्रवाई शुरू कर दी है। इसके तहत शिल्पग्राम में पारंपरिक झोपडिय़ों की लिपाई-पुताई और मांडणा बनाने का काम शुरू कर दिया है। शिल्पग्राम में लिपाई-पुताई का काम कर रही लीला बाई ने बताया कि बारिश के चलते तीन तक काम बंद रखा था। अब मौसम साफ होने के बाद फिर से काम शुरू कर दिया है। वहीं बारां से आए लोक कलाकारों का ग्रुप लोकनृत्य चकरी की प्रस्तुति देते नजर आया।

मेले में 23 राज्यों के कलाकार दिखाते हैं कला

महोत्सव में हर साल 23 राज्यों के कलाकार अपनी संस्कृति और कला का प्रदर्शन शिल्पग्राम में करते हैं। यहां राजस्थान, मणिपुर, मिजोरम, असम, त्रिपुरा, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तेलगांना, कर्नाटक, पांडिचेरी, झारखंड, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, पंजाब, नागालैंड, उत्तराखंड, लद्दाख, गुजरात, महाराष्ट्र, दमन-दीव आदि राज्यों के कलाकार आते हैं।

साल 2019 में 1.50 लाख देशी-विदेशी पर्यटक मेला देखने पहुंचे थे। पर्यटन विभाग की ओर से 1 से 3 दिसंबर तक कुंभलगढ़ फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है। पिछले साल कोविड के चलते फेस्टिवल नहीं हो सका था। फेस्टिवल में तीन दिनों तक राजस्थानी संस्कृति के कार्यक्रमों की धूम रहेगी।

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