क्या भारत को एक मौन व रबड़ स्टांप राष्ट्रपति चाहिए – यशवंत सिन्हा

गुवाहाटी। राष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी दलों के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने सवाल उठाया है कि क्या भारत को एक मौन रबड़ स्टांप राष्ट्रपति चाहिए। यह सवाल उन्होंने गुवाहाटी में बुधवार को एक पत्रकार सम्मेलन के दौरान उठाई। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के उम्मीदवार देश के मौजूदा मुद्दों पर वे क्या सोचते हैं, इससे अवगत होने का अधिकार जनता को है।

उन्होंने दावा किया कि वे राष्ट्रपति उम्मीदवार के रूप में नामित होने के बाद से लेकर अब तक 50 से अधिक पत्रकार सम्मेलन को संबोधित कर चुके हैं। जबकि, दूसरी ओर सत्ता पक्ष की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू अब तक एक भी पत्रकार सम्मेलन संबोधित करते हुए नहीं देखी गई हैं। सिन्हा ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी बीते 8 वर्षों के अपने प्रधानमंत्रित्व काल में एक भी पत्रकार सम्मेलन को संबोधित नहीं किया। उन्होंने आरोप लगाया कि देश अभी वन नेशन, वन पार्टी और चाइना के कम्युनिस्ट शासकों की तर्ज पर वन लीडर की ओर भारत के लोकतंत्र को ले जाने की कोशिशें हो रही है।

यशवंत सिन्हा ने आगाह किया कि लोकतंत्र खतरे में है। सीबीआई, ईडी समेत सभी लोकतांत्रिक संस्थाओं के साथ ही राज्यपाल पद तक का दुरुपयोग प्रतिपक्ष को परेशान करने के रूप में किया जा रहा है। अनैतिक तौर-तरीके से असम में जिस प्रकार महाराष्ट्र की सरकार को गिराने के लिए खेल किया गया, उसे सिन्हा ने दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। उन्होंने चिंता जताई कि देश की अर्थव्यवस्था धराशाई हो चुकी है। रसोई गैस से लेकर तमाम आवश्यक वस्तुओं की कीमतें आसमान को छू रही हैं, जिस कारण देश की जनता तबाह हो रही है।

यशवंत सिन्हा ने आरोप लगाया कि शैतानी तरीके से देश को धार्मिक आधार पर बांटा जा रहा है। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आज देश विभिन्न स्तर पर खतरों से घिरा हुआ है। देश की अर्थव्यवस्था बर्बाद हो चुकी है। डॉलर के मुकाबले रुपया लगातार लुढ़कता जा रहा है। उन्होंने कहा कि 27 जून को नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद से लगातार वे देश की मौजूदा स्थिति से जनता को आगाह कराने में लगे हुए हैं।