
मिलेगी इलेक्ट्रिकल, प्लबिंग आदि की ट्रेनिंग
नई दिल्ली। केंद्र सरकार दिल्ली के एनडीएमसी के 75 हजार लोगों को अप स्किल करने जा रही है। स्किल इंडिया 18 से 45 आयु वर्ग के लोगों को खासकर कर्मियों को कंस्ट्रक्शन, इलेक्ट्रिकल और प्लबिंग आदि में प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षुओं को दो वर्ष के लिए दुर्घटना बीमा का अतिरिक्त लाभ भी मिलेगा।
75 हजार लोगों को प्रशिक्षित करने का फैसला

कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) के अधीनस्थ विभाग राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) ने नई दिल्ली नगर परिषद (एनडीएमसी) के सहयोग से 18-45 वर्ष के आयु वर्ग के 75 हजार लोगों को प्रशिक्षित करने का फैसला लिया है।
इसके लिए रिकॉग्रिशन ऑफ प्रायर लर्निंग (आरपीएल) नामक कार्यक्रम या परियोजना शुरू कर दी गई है। इन लोगों को प्रशिक्षित करने में एनडीएमसी और संकल्प, विश्व बैंक परियोजना द्वारा वित्त पोषित किया जाएगा। इस परियोजना का उद्देश्य परिवर्तनशील जॉब मार्केट में उनकी प्रासंगिकता बढ़ाने के लिए प्रमाणित करना है और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित करना है।
पहले चरण में 25 हजार कर्मियों के प्रशिक्षण

पहले चरण में 25 हजार कर्मियों के प्रशिक्षण का काम शुरू हो गया है। इन्हें कंस्ट्रक्शन, इलेक्ट्रिकल, प्लंबिंग, पॉटरी आदि में विभिन्न प्रकार का प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह न केवल उन्हें डिजिटल साक्षरता और उद्यमशीलता के अवसरों से अवगत कराएगा, बल्कि उन्हें तकनीकी कौशल में भी उन्नत करेगा। प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षुओं को दो वर्ष के लिए दुर्घटना बीमा का अतिरिक्त लाभ भी प्रदान किया जाएगा।

रिकॉग्निशन ऑफ प्रायर लर्निंग (आरपीएल)/अप स्किलिंग प्रोग्राम को तीन चरणों में सेक्टर स्किल काउंसिल (एसएससी) और उनके पैनल में शामिल प्रशिक्षण प्रदाताओं के माध्यम से लागू किया जाएगा। इसके अलावा, कार्यान्वयन के दो तरीके होंगे। कैंपस के माध्यम से आरपीएल, जिसके तहत इंडस्ट्रियल और ट्रेडिशनल कलस्टर को लक्षित किया जाएगा।
एनएसडीसी के चीफ़ ऑपरेटिंग ऑफिसर और ऑफिशिएटिंग सीईओ वेद मणि तिवारी ने कहा, हम पहचान और सर्टिफिकेशन के आधार पर स्किल्स के स्टैंडडाइजिंग और उन्हें ऑर्गेनाइज्ड सेक्टर का हिस्सा बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। एनडीएमसी के साथ हमारा सहयोग न केवल भारत में एक स्किल्ड वर्कफोर्स की आवश्यकता को पूरा करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है, बल्कि कुशल उम्मीदवारों की पहचान करने और उनके कौशल को उन्नत करने में मदद करने का प्रयास है, जिससे ऑर्गेनाइज्ड सेक्टर का हिस्सा बन सकें।
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