अतीक के बेटे असद की कहानी, स्कूल में गुंडागर्दी

असद
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चाचा अशरफ का चहेता, भाइयों के जेल जाने के बाद संभाली थी गैंग

उमेश पाल हत्याकांड में यूपी एसटीएफ ने बड़ी कार्रवाई की है। माफिया अतीक अहमद के बेटे और इस हत्याकांड के आरोपी असद अहमद को पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया है। असद के साथ दूसरे आरोपी शूटर गुलाम अहमद को भी पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया है।

अतीक का तीसरे नंबर का बेटा असद अहमद लखनऊ से पूरी गैंग ऑपरेट करता था। असद ने लखनऊ के टॉप स्कूल से इसी साल 12वीं कक्षा पास की थी। उमेश पाल केस में असद द्वारा गोली चलाए जाने का वीडियो भी सामने आया था। इसके बाद से ही वह पुलिस के निशाने पर था। आज हम असद की पूरी कहानी बताएंगे। कैसे उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा और अपने पिता के नक्शेकदम पर आगे बढ़ा।

स्कूल में ही शुरू कर दी थी गुंडागर्दी, पिता के नक्शेकदम पर चलने लगा

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अतीक के बेटे असद ने स्कूल से ही गुंडागर्दी शुरू कर दी थी। रिपोर्ट के मुताबिक, अतीक के पांचों बेटे प्रयागराज के एक प्रतिष्ठित स्कूल में पढ़ते थे। कुछ साल पहले स्कूल में एक प्रतियोगिता हारने पर उसने न सिर्फ जीतने वाले सहपाठियों बल्कि बीच बचाव करने वाले अध्यापकों को भी पीट दिया था। अतीक के अन्य बेटे भी कम नहीं थे। कॉलेज में क्रिसमस मेले पर जब वे चलते थे तो पीछे सौ डेढ़ सौ लड़कों का हुजूम चलता था। किसी भी स्टाल पर मुफ्त में खा लेना। किसी भी झूले पर एक डेढ़ घंटे के लिए कब्जा कर लेना आम बात थी।

असद मारपीट करने में काफी कुख्यात था। उससे बड़ी उम्र के लड़के आपस के विवाद उसके सामने लेकर जाते तो वह मामलों को सुलझाता था। बड़ी-बड़ी महंगी गाडिय़ों से असद स्कूल पहुंचता तो उसे लड़के घेर लेते। कुछ साल पहले स्कूल के स्पोट्र्स डे पर रस्साकशी प्रतियोगिता में एक टीम को असद लीड कर रहा था।

उसकी टीम हार गई। वह हार से इतना बौखला गया कि जीतने वाली टीम के लड़कों को वह पीटने लगा। जब अध्यापकों ने उसे रोकने की कोशिश की तो उसने अध्यापकों पर हाथ उठा दिया था। उस दिन स्कूल का मैदान अभिभावकों से भरा था। लोगों में काफी आक्रोश भी था लेकिन, अतीक का नाम सामने आने के बाद सब शांत हो गए थे। यहां तक स्कूल के प्रधानाचार्य ने भी मामला दबाने की काफी कोशिश की। किसी ने भी थाने में शिकायत नहीं दर्ज कराई थी। उस समय सोशल मीडिया पर मामले को दबाने के लिए प्रधानाचार्य को काफी खरी खोटी सुनाई गई थी।

खुलेआम फायरिंग का वीडियो हुआ था वायरल

असद का एक वीडियो आज भी वायरल होता है। ये 2017 का बताया जाता है। तब उसने एक शादी समारोह में खुलेआम फायरिंग की थी। उस समय वह नाबालिग था। पीछे से तमाम लोग उसकी सराहना करते हुए चलाओ-चलाओ की आवाज लगा रहे थे।

बड़े भाइयों के जेल जाने के बाद असद ने संभाला गैंग

साल 2018 में अतीक का सबसे बड़ा बेटा उमर सुर्खियों में आया था। उस समय उमर ने लखनऊ में एक प्रॉपर्टी डीलर मोहित जायसवाल का अपहरण किया था। मोहित जायसवाल का अपहरण करके उमर उसे देवरिया जेल ले गया था, उस समय अतीक अहमद इसी जेल में बंद था। अतीक के दूसरे नंबर के बेटे अली के खिलाफ भी हत्या के प्रयास और जबरन वसूली के मामले दर्ज हैं। जांच एजेंसियों ने दोनों भाइयों पर इनाम घोषित किया था। दोनों भाइयों ने जुलाई में पकड़े जाने और एंकाउटर के डर से आत्मसमर्पण कर दिया था। बताया जाता है कि दोनों भाइयों के सरेंडर करने के बाद असद ने गिरोह की बागडोर संभाल ली थी।

महंगी घडिय़ों और फोन का शौकीन था असद

उमेश पाल हत्याकांड का मुख्य शूटर असद अहमद मंहगी गाडिय़ों और फोन का शौकीन था। वो विदेशी घडिय़ां पहनता था और मंहगे फोन इस्तेमाल करता था। कुछ रिपोर्ट ये भी दावा करती हैं कि छापे के दौरान असद के पास से एक एप्पल आईफोन मिला था। असद ने फोन ट्रैक होने के डर से अपना फोन लखनऊ वाले फ्लैट में ही छोड़ दिया था। असद के पास स्विट्जरलैंड की ब्राडेंड सेंट्रिक्स घड़ी थी। इस घड़ी की कीमत एक लाख से ज्यादा है।

चाचा अशरफ से ट्रेनिंग लेता था असद

रिपोट्र्स के मुताबिक, असद चाचा अशरफ का सबसे चहेता भतीजा था। अशरफ ने ही उसे गोली चलाना, कार रेसिंग और घुड़सवारी में महारत दिलवाई थी। उमेश पाल हत्याकांड के बाद सामने आए सीसीटीवी फुटेज में साफ देखा जा सकता है कि क्रेटा कार से एक युवा सदरी पहने हुए तेजी से निकलता है और धड़ाधड़ गोली चलाना शुरू कर देता है। गोली चलाता हुआ शख्स असद ही था।

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