वीजीयू में नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए ‘सारांश’ का आयोजन

वीजीयू
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जयपुर। विवेकानंद ग्लोबल यूनिवर्सिटी (नैक ए+) में 27-28 मई को दो दिवसीय ‘सारांश’ अखिल भारतीय कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है। जिसका उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी) के क्रियान्वयन के मुद्दों पर विचार-विमर्श के लिए एक मंच उपलब्ध कराना है। इस अवसर पर एनईपी पर विचार-विमर्श करने के लिए पूरे भारत के प्रतिष्ठित शिक्षाविदें और नियामक निकायों के सदस्य शामिल हुए।

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‘सारांश’ के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के सलाहकार और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के पूर्व चेयरमैन प्रो. डीपी सिंह, विशिष्ट अतिथि के रूप में निरमा विश्वविद्यालय के निदेशक प्रो.अनुप कुमार सिंह एवं बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एसी पांडेय उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत में वीजीयू के अध्यक्ष व कुलपति प्रो. विजयवीर सिंह ने स्वागत भाषण देते हुए सारांश में उपस्थित अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि भविष्य में शिक्षा हमारे लिए अर्थव्यवस्था हो सकती है। आज हमें ऐसे युवाओं की जरूरत है जो पूरी तरह से तैयार हों और इसके लिए शिक्षा नीति में बदलाव एक महत्वपूर्ण कदम है। आज विवि रोजगार योग्य छात्रों का सृजन नहीं कर रहे हैं और नई शिक्षा नीति छात्रों को शिक्षा देने के साथ रोजगार सृजन पर भी बल दे रही है।

अमेरिकी शिक्षा प्रणाली अत्यधिक प्रतिस्पर्धी

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विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित अनूप कुमार सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि एनईपी अमेरिकी शिक्षा प्रणाली से बहुत कुछ ले रही है। अमेरिकी शिक्षा प्रणाली अत्यधिक प्रतिस्पर्धी है और भारत की शिक्षा प्रणाली में ऐसी कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है। इस कारण हमें अपने ज्ञान को वैश्विक स्तर पर पहुंचाने के लिए नई शिक्षा नीति की जरूरत है।

छात्रों का सर्वांगीण विकास नई शिक्षा नीति का उद्देश्य

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वहीं, विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित बुंदेलखंड विवि के कुलपति डॉ. एसी पांडेय ने कहा कि तक्षशिला और नालंदा के समय से समग्र और बहु-विषयक शिक्षा की लंबी परंपरा रही है। प्राचीन भारत में समग्र व्यक्तित्व के विकास पर ध्यान दिया जाता था और इसी कारण से नई शिक्षा नीति का उद्देश्य यह है कि छात्रों में सर्वांगीण विकास हो सके।

डॉ. पांडेय ने शिक्षा के उस मॉडल को फिर से बनाने की आवश्यकता पर बल दिया जहां जीवन के हर पहलू को सशक्त किया जाता है। उन्होंने बहुविषयक शिक्षा पर पर जोर देते हुए कहा कि इससे छात्रों की क्षमता में विकास होगा औैर वे लीक से हटकर सोच पाएंगे।

नई शिक्षा नीति का उद्देश्य आत्मज्ञान पाना

मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के सलाहकार और विवि अनुदान आयोग (यूजीसी एवं नेक) के पूर्व चेयरमैन प्रो. डीपी सिंह ने कहा कि नई शिक्षा नीति का उद्देश्य केवल ज्ञान को प्राप्त करना नहीं है बल्कि आत्मज्ञान को प्राप्त करना है। और यदि हम अपने आत्मज्ञान को प्राप्त कर लिया तो भारत विश्व में ज्ञान की महाशक्ति बन पाएगा। उन्होंने शिक्षा के समग्र परिप्रेक्ष्य की कल्पना करने में शिक्षार्थियों को मूल्य आधारित शिक्षा पर बल दिया। प्रो. सिंह ने अपनी बात मल्टी एंट्री-एक्जिट प्रणाली के माध्यम से समग्र शिक्षा और लचीलेपन के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए खत्म किया।

वीजीयू भारत के अग्रणी निजी विश्वविद्यालयों की कतार में

वीजीयू आज भारत के अग्रणी बहु-विषयक निजी विश्वविद्यालयों में से एक है, जिसे सारांश’ के दौरान वीजीयू में संचालित हो रहे विविध विषयों के पाठ्यक्रम का नई शिक्षा नीति के अनुसार मूल्यांकन किया जाना है। वीजीयू के द्वारा नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए पिछले छह महीनों से तैयारी चल रही थी, जो अब 27-28 मई को ‘सारांश’ के आयोजन के साथ पूर्ण हुई। वीजीयू नार्थ इंडिया का पहला विवि है, जो नए सत्र से नई शिक्षा नीति का क्रियान्वयन सही मायने में करने के लिए तैयार है। भारतीय संस्कृति हमेशा से ही शिक्षा और शिक्षक केंद्रित रही है। यहां एक साधारण शिक्षक भी चाणक्य के रूप में स्थापित होकर सामाजिक हित में व्यवस्था में हस्तक्षेप कर सकता है। इसलिए नई शिक्षा नीति में शिक्षकों पर ही जोर है।

वीजीयू को नैक द्वारा ए+ ग्रेड प्राप्त

वीजीयू को नैक द्वारा ए+ ग्रेड प्राप्त है। राज्यों और 16 अन्य देशों के 6000 से अधिक छात्रों के साथ यूजी, पीजी और डॉक्टरेट स्तर पर 50 से अधिक कैरियर-उन्मुख कार्यक्रमों से संबंधित पाठ्यक्रमों को संचालित किया जा रहा है, जिसमें कृषि, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी, कंप्यूटर विज्ञान अनुप्रयोग, वास्तुकला और योजना, डिजाइन, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और वाणिज्य, प्रबंधन, कानून, मानविकी और सामाजिक विज्ञान, पत्रकारिता और जनसंचार जैसे पाठ्यक्रम शामिल है।

इनकी रही उपस्थिति

इस दो दिवसीय कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के साथ-साथ देश के अन्य विश्वविद्यालयों व शैक्षणिक संस्थानों के अन्य अतिथियों में एसी पाण्डेय (निदेशक आइयूएसी), प्रो. अनूप कुमार सिंह (निदेशक निरमा यूनिवर्सिटी अहमदाबाद), प्रो.विजय कुमार (कुलपति- नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट यूनिवर्सिटी, भोपाल), प्रो. संदीप संचेती (कुलपति, मारवाड़ी यूनिवर्सिटी राजकोट), प्रो. राजसिंह (कुलपति-जैन डीम्ड यूनिवर्सिटी, बैंगलोर), प्रो.कविता शर्मा (दिल्ली स्कूल ऑफ इक्नोमिक्स) जैसे 20 से अधिक शिक्षाव् िउपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में बिट्स पिलानी और विवेकानंद ग्लोबल यूनिवर्सिटी के बीच एमवोयू पर हस्ताक्षर किए गए, जिसके तहत वीजीयू के रिसर्च स्कॉलर बिट्स पिलानी में एक सेमेस्टर रिसर्च कर पाएंगे। वीजीयू के फाउंडर एवं वाईस चेयरपर्सन डॉ. केआर बगडिय़ा ने अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।

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