2012 में हुई केरल के 2 मछुआरों की हत्या के केस को सुप्रीम कोर्ट ने क्लोज कर दिया। 9 साल पुराना ये मामला बेहद दिलचस्प था। इसमें इटली के 2 नौसैनिक आरोपी थे, जिन्हें बचाने के लिए इटली की सरकार ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया था। घटना के बाद इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।
ये नौसेनिक एक बार इटली जाकर वापस भी लौट आए, लेकिन दूसरी बार जब इटली गए तो वहां की सरकार ने उन्हें वापस भेजने से इंकार कर दिया था। कार्रवाई से नाराज इटली ने एक बार अपने राजदूत को भारत से वापस भी बुला लिया।
15 फरवरी 2012 को केरल के 2 मछुआरे अजीश पिंकू और जेलेस्टाइन केरल के अंबलापुझा तट के पास समुद्र में मछली पकडऩे पहुंचे। यहां उनकी नाव सिंगापुर से इजिप्ट जा रही इटली की ऑयल शिप एनारिका लेक्सी के नजदीक आ गई। शिप में 34 क्रू मेंबर्स थे, जिनमें से 19 भारतीय थे। शिप पर इटली के 2 नौसैनिक मसीमिलियानो लटोर और सल्वाटोर गिरोन भी थे। दोनों ने मछुआरों की गोली मारकर हत्या कर दी।
घटना का पता चलते ही इंडियन कोस्ट गार्ड ने शिप को अपने कब्जे में ले लिया और 17 फरवरी को शिप कोच्चि लाई गई। 19 फरवरी को केरल पुलिस ने इटली के दोनों सैनिकों को गिरफ्तार कर लिया। 22 फरवरी को इटली की सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का हवाला देते हुए केरल हाईकोर्ट से केस खत्म करने की अपील की।