कैंसर की पहचान और उपचार से सरवाइवर रेट 85 से 90 फीसदी संभव

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विश्व हैड एंड नेक कैंसर डे आज

जयपुर। नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम इंडिया की ओर से जारी एक रिपोर्ट के अनुसार देश में मुंह एवं गले के कैंसर के (66.6 प्रतिशत) रोगी बीमारी की एडवांस स्टेज (बढ़ी हुई अवस्था) में उपचार के लिए हॉस्पिटल पहुंचते हैं। वहीं, राजस्थान में यह आंकडा 65 से 70 फीसदी है। नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम के तहत भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में संचालित कैंसर रजिस्ट्री के अनुसार 2021 में हॉस्पिटल में 14979 नए कैंसर रोगी रजिस्टर्ड हुए इनमें से 27 फीसदी रोगी मुंह एवं गले के कैंसर के सामने आए हैं। प्रदेश के युवाओं में तेजी से बढ़ती गुटखा, तंबाकू और सिगरेट की आदत के चलते प्रदेश में हर साल हैड एंड नेक कैंसर रोगियों की संख्या में बढ़ोतरी होती जा रही है। पहले 45 की उम्र में इस रोग के रोगी सामने आते थे, वहीं आज 35 वर्ष की उम्र में सैकड़ो युवा इस बीमारी की गिरफ्त मे आ चुके हैं।


भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के सीनियर ऑन्को सर्जन डॉ नरेश लेडवानी ने बताया कि हैंड एंड नेक कैंसर के प्रमुख कारणों में गुटखा, तंबाकू, सिगरेट, ओरल हाइजिन ना होने के साथ ही जीवन यापन में आता बदलाव है। राजस्थान में गुटखा, तंबाकू, सिगरेट की आदतों के कारण हैंड एंड नेक कैंसर के रोगी अन्य कैंसर के मुकाबले अधिक है। येह रोगी जानकारी के अभाव में कैंसर के शुरूआती लक्षणों को नजर अंदाज कर देते हैं और रोग की बढ़ी हुई अवस्था में हॉस्पिटल पहुंचते हैं।

ग्रामीण महिलाओं में यह केसेज अधिक

बीएमसीएचआरसी के सीनियर रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ तेज प्रकाश सोनी ने बताया कि शहर के मुकाबले ग्रामीण स्तर की महिलाओं में स्मोकिंग और तंबाकू की आदतों की वजह से ग्रामीण स्तर की महिलाओं मे हैंड एंड नेक कैंसर के केसेज अधिक पाए जाते हैं। डॉ.सोनी का कहना है कि अगर कैंसर के शुरूआती लक्षणों की पहचान रोगी समय पर करके चिकित्सक के पास पहुंचे तो रोगी के रोग मुक्त होने की संभावना अधिक होती है।

घट रहा सरवाइवर रेट

डॉ नरेश लेडवानी ने बताया कि कैंसर की चार स्टेज होती है। पहली स्टेज में कैंसर सरवाइवर रेट 85 से 90 फीसदी होती है। वहीं, दूसरी स्टेज में यह रेट 65 से 70 फीसदी पहुंच जाती है। तीसरी और चौथी स्टेज को एडवांस स्टेज कहा जाता हैै। इस स्टेज में रोगी का सरवाइवर रेट 25 से 40 फीसदी ही होता है। जागरूकता की कमी और लक्षणों की अनदेखी के कारण अधिकांष रोगियों में रोग की पहचान एडवांस स्टेज में हो पाती है। जिसकी वजह से इस रोग का सरवाइवर रेट भी घट रहा है।

एनसीआर ने भी जारी की रिपोर्ट


देश की 28 जनसंख्या आधारित कैंसर रजिस्ट्री की स्टडी के आधार पर नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम इंडिया की ओर से 2020 में एक रिपोर्ट जारी की गई। जिसमें बताया गया कि 2020 में देश 13. 92 लाख कैंसर रोगी हैं इनमें से सर्वाधिक कैंसर रोगी स्तन, लंग, मुंह, सर्विक्स और जीभ के है।

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