सुशांत सुसाइड केस : 30 लोगों से पूछताछ के बाद खाली हाथ है पुलिस

अभिनेता शेखर सुमन ने सनसनीखेज दावा किया है कि सुशांत ने मरने से पहले 50 से ज्यादा सिम कार्ड बदले थे

मुंबई। सुशांत सिंह राजपूत के निधन को 17 दिन से ज्यादा हो चुके है। पुलिस शुरुआती जांच और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर इसे आत्महत्या बता रही है, जबकि सुशांत के फैन्स, परिवार के सदस्य और कुछ दिग्गज अभिनेता, पॉलिटिशियन इसे मर्डर बता रहे हैं। बिहार से ताल्लुक रखने वाले अभिनेता शेखर सुमन ने सनसनीखेज दावा किया है कि सुशांत ने मरने से पहले 50 से ज्यादा सिम कार्ड बदले थे।

राजनीति की भेंट चढ़ रहा केस

शेखर इस मामले को नेक्स्ट लेवल पर ले गए हैं और लालू के छोटे बेटे और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के साथ उनके घर पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके उन्होंने इसे राजनीतिक रंग दे दिया। दूसरी ओर, लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान ने यह कहकर मामले को हवा दे दी कि आने वाले बिहार चुनाव में सुशांत की मौत एक मुद्दा बन सकती है। सुशांत का परिवार भाजपा के करीब है और ऐसे में कहा जा रहा है कि उनके नाम को बिहार में भुनाने की तैयारी चल रही है। ये पूरा मामला मुम्बई बनाम पटना हो सकता है।
वहीं, मुम्बई में इस मामले में अब तक 30 से ज्यादा लोगों से पूछताछ हो चुकी है। लेकिन पुलिस के हाथ अभी ऐसा कोई सुराग नहीं लगा है, जिससे उनकी आत्महत्या की वजह पता चल सके। वहीं, दूसरी ओर उनकी मौत ने नेपोटिज्म बनाम ऑउटसाइडर्स की एक ऐसी लहर उठा दी ला दी है, जिससे पूरी एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री हिली हुई है।

केस में शुरुआत से लेकर अब तक क्या-क्या हुआ?

14 जून को दोपहर करीब ढाई बजे मीडिया में सुशांत के सुसाइड की खबर सामने आई। सुनकर हर कोई हैरान था। कोई यकीन नहीं कर पा रहा था कि हमेशा पॉजिटिव रहने वाले 34 साल के इस उभरते सितारे ने इस तरह मौत को गले लगा लिया। वे अपने मुंबई स्थित घर में सीलिंग फैन से लटके पाए गए थे। 14 जून को उनका पोस्टमॉर्टम हुआ और 15 जून को मुंबई के विले पार्ले स्थित पवन हंस श्मशान घाट परअभिनेता का अंतिम संस्कार कर दिया गया।

सुसाइड के बाद ऐसे सवाल उठे

कंगना रनोट ने 14 जून को यह आरोप लगाकर सनसनी फैला दी कि सुशांत की सुसाइड के पीछे करन जौहर और उनकी नेपोटिस्ट गैंग है। उन्होंने दैनिक भास्कर से बातचीत में कहा था कि सुशांत ने यह कदम उठाकर उन लोगों को जीत दिलवा दी, जो भाई-भतीजावाद को बढ़ावा देते हैं। फिल्म माफिया हैं और खेमेबाजी में यकीन रखते हैं।