केबीसी में करोड़पति बने सुशील कुमार की जिंदगी में आया बुरा समय

टेलीविजन का गेम रियलिटी शो कौन बनेगा करोड़पति 12 जल्द ही सोनी टीवी पर दस्तक देने वाला है। इस शो में हर प्रतिभागी करोड़पति बनने की उम्मीद के साथ अमिताभ बच्चन के सामने हॉटसीट में बैठता है। पिछले 11 सीजनों में कई कंटेस्टेंट्स करोड़पति बने हैं लेकिन बिहार के सुशील कुमार ने 5 करोड़ जीतकर हर किसी को हैरान किया था। सुशील कुमार की मानें तो उनकी जिंदगी का सबसे बुरा समय शो जीतने के बाद ही शुरू हुआ था। पहली बार खुद सुशील ने अपनी जिंदगी के इस मुश्किल दौर पर खुलकर बात की है।

बिना अनुभव के बिजनेस किए जो कुछ दिनों में डूब गए: सुशील

हाल ही में सुशील कुमार ने फेसबुक के जरिए जीवन के सबसे बुरे दौर का किस्सा सुनाया है। केबीसी 5 विनर ने लिखा, 2015-16 का समय मेरे जीवन का सबसे चुनौतीपूर्ण समय था। उस वक्त कुछ समझ नहीं आ रहा था। एक लोकल सेलिब्रिटी होने के नाते मुझे महीने में 10-15 दिनों तक बिहार में कार्यक्रम में शामिल होना पड़ता था।

ऐसे में पढ़ाई धीरे-धीरे दूर हो गई। मैं मीडिया को लेकर बेहद सीरियस था और वो लोग मुझसे लगातार पूछते थे कि आप क्या कर रहे हैं। ऐसे में मैं बिना अनुभव के ही नए नए बिजनेस करता था जिससे मीडिया को बता सकूं कि मैं बेकार नहीं हूं। लेकिन परिणाम ये होता कि बिजनेस कुछ दिनों में डूब जाता था।

हर महीने के 50 हजार रुपए डोनेशन में जाते थे

सुशील आगे लिखते हैं, केबीसी जीतने के बाद मुझे डोनेशन का चस्का लग गया था। हर महीने 50 हजार रुपए से ज्यादा ऐसे कार्यों में जाते थे। इस दौरान कुछ चालू लोग भी मिले और मुझे खूब ठगा गया। ठगी के बारे में दान करने के कई दिनों बाद पता चलता।

पत्नी के साथ संबंध खराब हो रहे थे

केबीसी विनर लिखते हैं, मेरे और पत्नी के संबंध धीरे धीरे खराब होते जा रहे थे। वो अक्सर कहा करती थी कि आपको सही गलत लोगों की पहचान नहीं है और भविष्य की कोई चिंता नहीं है। ये सुनकर मुझे लगता था कि वो मुझे नहीं समझते जिस कारण दोनों के खूब झगड़े होते थे।

दिल्ली में शुरू किया कैब बिजनेस

सुशील आगे लिखते हैं, इस दौरान कुछ अच्छा भी हुआ। दिल्ली मे मैेंने अपने दोस्त के साथ कुछ कार लेकर चलवानी शुरू की। इस काम से मुझे महीने में कुछ दिनों के लिए दिल्ली आना होता था। इस दौरान मेरी पहचान जेएनयू के स्टूडेंट्स से हुई। उन लोगों से मिलकर पता चला कि मैं तो कुएं का मेंढक हूं जिसे बहुत सारी बातों की जानकारी नहीं थी।

सिगरेट और शराब की लत के साथ जुड़ गया

जब जेएनयू के स्टूडेंट्स के साथ बैठना होता था तो सिगरेट और दारू भी साथ होती थी। फिर ऐसा समय आया कि सात दिन अगर दिल्ली में रुका तो सातों दिन अलग अलग ग्रुप के साथ बैठता था। इन लोगों को सुनना अच्छा लगता था।

कैसे आई कंगाल होने की खबर

एक दिन पत्नी से झगड़े के बाद मैं ठहल रहा था इसी दौरान अंग्रेजी अखबार के पत्रकार का फोन आया। कुछ देर अच्छे से बात करने के बाद उन्होंने कुछ ऐसा पूछा जिससे मैं चिढ़ गया। मैंने कह दिया कि मेरे सभी पैसे खत्म हो गए हैं और दो गाय पाली हैं जिनका दूध बेचकर गुजारा कर रहे हैं। इस खबर को जा असर हुआ उससे सभी वाकिफ हैं।

इस खबर के बाद चालू लोगों ने मुझसे किनारा करना शुरू कर दिया। मुझे प्रोगामों में बुलाना बंद कर दिया। मैं सभी अवॉर्ड विनिंग फिल्में देखता था जिससे मुझे डायरेक्टर बनने का मन हुआ। मैं मुंबई आ गया। एक दोस्त में मुझे टीवी के प्रोडक्शन हाउस में काम दिलवाया जिससे मैं बहुत जल्दी बोर हो गया और वापस घर आ गया।

मैं वापस आकर दिनभर सिगरेट पीता था। मुझे एहसास हुआ, मैं मुंबई में कोई डायरेक्टर बनने नही आया था,मैं एक भगोड़ा हूं जो सच्चाई से भाग रहा है। असली खुशी अपने मन का काम करने में है। घमंड को कभी शांत नही किया जा सकता। बड़े होने से हजार गुना ठीक है अच्छा इंसान होना। खुशियां छोटी छोटी चीजों में छुपी होती है।