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Friday, April 19, 2024
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आर्टलवर्स के लिए 1 से 5 अक्टूबर तक रहेगी ये पांच...

 जवाहर कला केंद्र के अलंकार आर्ट गैलरी में पेंटिंग एग्जीबिशन का भव्य आरम्भ 17 दक्षिण आर्टिस्ट्स ने साउथ इंडिया के कंटेम्प्ररी आर्ट को 150 पेंटिंग्स...

इंडियन फॉरेन सर्विसेज के वरिष्ठ अधिकारियों ने जवाहर कला केंद्र का...

जयपुर। इंडियन फॉरेन सर्विसेज के वरिष्ठ अधिकारियों ने सोमवार को जवाहर कला केंद्र का दौरा किया। जेकेके का दौरा करने आए इन अधिकारियों में संजय...

राजस्थानी कलाकारों के पोर्टफोलियो का विमोचन

जयपुर। राजस्थान सरकार के कला, संस्कृति एवं ऊर्जा मंत्री, डॉ. बीडी कल्ला ने जयपुर स्थित ऊर्जा भवन में जवाहर कला केंद्र (जेकेके)...

10 दिवसीय पिंकसिटी फेस्टिवल : जेकेके में लोक नृत्य, नाट्य व...

जयपुर।जवाहर कला केंद्र (जेकेके) में चल रहे 10 दिवसीय पिंकसिटी फेस्टिवल के दूसरे दिन शिल्पग्राम में रंगारंग लोक नृत्यों, नाट्य व संगीत प्रस्तुतियों का संयोजन देखने को मिला।साथ ही, आगंतुकों को हस्तनिर्मित वस्तुओं विभिन्न हस्तशिल्प कलाओं के बारे में जानने का मौका मिला।लोगों ने शाम को यहां बीकानेर की प्राचीन लोक कला ‘रम्मत‘ का वैभव देख उसे खूब सराहा। इस प्रस्तुति में नागौर के अमर सिंह राठौड़ के शाही दरबार की झलक दिखाई गई। इसके कलाकारों में उमेश, रामनारायण, हरिनारायण, आनंद, गौतम, विशोधा, बाबूलाल व सुनील शामिल थे। इनके अलावा अक्षय (हारमोनियम) और विजय (नगाड़ा) का भी सहयोग रहा। इसके बाद फेस्टिवल में जयपुर के गोपाल सिंह ने जेकेके परिसर को नगाड़ा की धमचक ने गुंजायमान कर दिया। इसके साथ ही मुश्ताक खान के ‘मांगणियार सिम्फनी‘ की ओर से विशेष प्रस्तुति दी गई। उन्होंने सिम्फनी द्वारा लोकप्रिय राजस्थानी लोक गीत ‘निम्बूड़ा निम्बूड़ा‘ और ‘केसरियो हजारी गुल रो फूल‘ गाया गया। दर्शकों ने राजस्थान के विभिन्न पारंपरिक नृत्यों व संगीत का आनंद भी उठाया, जिनमें चूरू के लादूराम की डेरू, बाड़मेर के पारस की लाल अंगी गैर, डीग के अशोक की मयूर, उदयपुर के प्रेमप्रकाश की भवई और अलवर के यूसुफ की मनोरंजक भपंग प्रस्तुति शामिल थी। जेकेके में दोपहर में राज्य के विभिन्न भागों की लोक कला की प्रस्तुतियां दी गई।आगंतुकों ने कठपुतली शो का आनंद लिया जिसमें कठपुतलियां चमकीली व रंग-बिरंगी पोशाक पहने हुए थीं।‘बहरूपिया’ बने युवक-युवतियों को कृष्ण, शिव जैसे पौराणिक किरदारों व शिकारी सहित विभिन्न रूपों में तैयार किया गया था।फेस्टिवल में जादूगर ने आगंतुकों के लिए मनोरंजक श्भ्रमश् का प्रदर्शन किया गया।फेस्टिवल के तीसरे दिन (22 जनवरी को) दोपहर 2 बजे से शाम 5.30 बजे तक कठपुतली, बहुरूपिया, जादूगर, अलगोजा प्रस्तुति, भोपा गायन एवं कच्छी घोड़ी की प्रस्तुतियां दी जाएगी।शाम 4 बजे से शाम 5.30 बजे तक ‘कुचामणी ख्याल’ की प्रस्तुति होगी,शाम 6.30 बजे से रात 8.30 बजे तक जालोर के मयूर, गरासिया, लंगा गायन, भपंग, चरी एवं जालोर के बिजली गेर प्रस्तुत किए जाएंगे। आयोजित की जाएगी म्यूरल पेंटिंग वर्कशॉप जवाहर कला केंद्र (जेकेके) की ओर से यहां के ग्राफिक स्टूडियो में कल...