श्री हनुमान कथा से भक्तिमय हुआ वातावरण, आध्यात्मिक अनुभव का श्रद्धालुओं ने लिया भरपुर आनंद

स्वामी गोविंद देव गिरीजी महाराज
स्वामी गोविंद देव गिरीजी महाराज
  • श्री सीमेंट, ब्यावर में श्री हनुमान कथा आयोजन के अंतर्गत पवित्र कलश यात्रा और भक्तिमय अनुष्ठानों से गूंज उठा परिसर

  • स्वामी गोविंद देव गिरीजी महाराज द्वारा बहुप्रतीक्षित श्री हनुमान कथा का तीन दिवसीय प्रवचन सत्र का हुआ शुभारंभ

  • उपराष्ट्रपति-महामहिम जगदीप धनकड की धर्मपत्नी सुदेश धनकड़, विश्व हिन्दू परिषद के केन्द्रीय समिति सदस्य उमाशंकर , विधायक मसूदा विरेन्द्र कानावत, विधायक पाली ज्ञानचंद पारख एवं अजमेर संभागीय आयुक्त महेश चंद्र शर्मा

  • बांगड़ परिवार के प्रमुख बी.जी. बांगड़, एच.एम. बांगड, प्रशांत बांगड, कंपनी के प्रबंध निदेशक नीरज अखौरी एवं कम्पनी के समस्त अधिकारी, कर्मचारी, परिवारजन और गणमान्य व श्रद्धालु जन उपस्थित रहे

ब्यावर। सोमवार को श्री सीमेंट के ब्यावर संयंत्र में आयोजित हनुमान कथा आयोजन के तीसरे दिन का शुभारंभ आध्यात्मिक ऊर्जा और सामूहिक भक्ति के साथ हुआ। दिन की शुरुआत प्रातः 6 बजे प्रभात फेरी से हुई, जहां श्रद्धालुओं ने सामूहिक प्रार्थना में भाग लेते हुए मंगल आरती के साथ प्रभु का आह्वान किया। दिन के प्रमुख आकर्षणों में से एक कलश यात्रा रही, जो प्रातः 8:45 बजे मंदिर प्रांगण से कथा स्थल तक निकाली गई। इस दिव्य शोभायात्रा में समस्त श्रद्धालुगणों ने सिर पर पवित्र कलश लेकर कथा स्थल तक शोभायात्रा निकाली, जिससे संपूर्ण परिसर में भक्तिमय वातावरण का संचार हुआ।

स्वामी गोविंद देव गिरीजी महाराज
स्वामी गोविंद देव गिरीजी महाराज

इसके बाद प्रातः 9ः30 बजे से 11ः00 बजे तक मंदिर में विभिन्न शुभ अनुष्ठान संपन्न हुए, जिनमें देव स्थापना, आह्वान, पूजन और पवित्र स्त्रोतों का जाप शामिल था। इन अनुष्ठानों ने श्रद्धालुओं को आत्मचिंतन और आध्यात्मिक अनुभव का अवसर प्रदान किया। तत्पश्चात् स्वामी गोविंद देव गिरीजी महाराज के मुखारविंद द्वारा श्री परिवार के समस्त कर्मचारियों हेतु एक मोटीवेशन सेंशन का भी आयोजन किया गया, जिसमें उन्होनें कर्मचारियों को आध्यात्मिक दृष्टिकोण के तहत् लक्ष्य निर्धारण कर उसकी प्राप्ति हेतु मार्गदर्शन किया। सायं 7:30 बजे संध्या आरती के साथ सामूहिक भक्ति का माहौल बना, और इस शुभ दिन का समापन रात्रि 11:00 बजे शयन आरती के साथ हुआ।

श्री हनुमान कथा
श्री हनुमान कथा

आज दिनांक से ही इस आयोजन के अंतर्गत स्वामी गोविंद देव गिरीजी महाराज द्वारा बहुप्रतीक्षित श्री हनुमान कथा का तीन दिवसीय प्रवचन सत्र का शुभारंभ हुआ, जिसमें बांगड़ परिवार के प्रमुख श्रीयुत् बी.जी. बांगड़ ने श्रीयुत् एच.एम. बांगड, श्रीयुत् प्रशांत बांगड एवं समस्त परिवारजनों के साथ व्यासपीठ की पूजा-अर्चना कर स्वामी गोविंद देव गिरीजी महाराज का स्वागत किया एवं कंपनी के प्रबंध निदेशक-श्री नीरज अखौरी व पधारे हुऐ समस्त अतिथियों के साथ कथा का श्रवण किया। प्रथम दिन इन प्रवचनों में भक्तों को भगवान हनुमान की अपार भक्ति, शक्ति और धर्म के प्रति अटूट समर्पण की प्रेरणादायक कथाएं सुनने को मिली, जिसमें श्रद्धालुओं की भारी उपस्थिति रही एवं भक्तों ने भक्तिमय वातावरण और कथा के आध्यात्मिक अनुभव का गहराई से आनंद लिया। यह कथा 7 अप्रैल से 9 अप्रैल तक प्रतिदिन सायं 4ः00 बजे से 7ः00 बजे तक श्री रंगमंच, श्री सीमेंट, ब्यावर के श्री रंगमंच पर आयोजित होगें।

सुदेश धनकड़
सुदेश धनकड़

आज इस पवित्र आयोजन के दौरान कथा को श्रवण करने हेतु देश के ख्यातिप्राप्त गणमान्य अतिथि पंडाल में मौजूद रहे, जिसमें भारत के उपराष्ट्रपति-महामहिम  जगदीप धनकड की धर्मपत्नी सुदेश धनकड़, विश्व हिन्दू परिषद के केन्द्रीय समिति सदस्य उमाशंकर जी, विधायक मसूदा विरेन्द्र कानावत, विधायक पाली ज्ञानचंद पारख एवं अजमेर संभागीय आयुक्त महेश चंद्र शर्मा, आदि उपस्थित रहे। हनुमान कथा आयोजन के हर गुजरते दिन के साथ आस्था, समुदाय और सांस्कृतिक श्रद्धा की भावना और भी प्रगाढ़ होती जा रही है।

श्री हनुमान कथा
श्री हनुमान कथा

स्वामी गोविंद देव गिरीजी महाराज के बारे में

स्वामी गोविंद देव गिरीजी महाराज का जन्म 25 जनवरी 1949 को महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के बेलापुर गांव में एक धार्मिक ब्राह्मण परिवार में हुआ। उन्हें अपने माता-पिता से आध्यात्मिक अध्ययन और भक्ति की समृद्ध परंपरा विरासत में मिली। स्वामीजी ने 17 वर्ष की आयु में अपने गांव बेलापुर में पहली बार श्रीमद्भागवत कथा का प्रवचन दिया। पिछले लगभग 50 वर्षों से वे श्रीमद्भागवत, रामायण, महाभारत, ज्ञानेश्वरी, दासबोध, योग वशिष्ठ, श्री देवी भागवत, शिव पुराण, हनुमान कथा और बुद्ध कथा जैसे अनेक ग्रंथों पर अपने गहन आध्यात्मिक ज्ञान से प्रवचन देते आ रहे हैं।
स्वामीजी श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष हैं और भारत की धार्मिक एवं सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

श्री हनुमान कथा
श्री हनुमान कथा