एपीएम टर्मिनल्‍स पिपावाव के बोर्ड ने 700 करोड़ रु. की विस्‍तार योजना को स्‍वीकृति दी

  • बड़ी शिप्‍स की हैंडलिंग के लिए मौजूदा फैसिलिटीज को अपग्रेड करने और कंटेनर क्षमता को बढ़ाकर 1.6 मिलियन ट्वेंटी – फूट इक्विवैलेंट यूनिट्स (टीईयू) करने में उपयोग की जायेगी राशि 

पिपावाव एपीएम टर्मिनल्‍स पिपावाव (गुजरात पिपावाव पोर्ट लिमिटेड) ने कंपनी की विस्‍तार योजना के अनुरूप 700 करोड़ रु. की राशि की स्‍वीकृति मिलने की घोषणा की है। कथित राशि का उपयोग बड़ी शिप्‍स की हैंडलिंग के लिए मौजूदा फैसिलिटीज को अपग्रेड करने और कंटेनर क्षमता को बढ़ाकर 1.6 मिलियन ट्वेंटी – फूट इक्विवैलेंट यूनिट्स (टीईयू) करने में किया जायेगा।

अनुमान है कि सप्‍लाई चेन और इनलैंड लॉजिस्टिक्‍स से विश्‍वसनीयता काफी बढ़ेगी और आगे वेस्‍टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) के लागू किये जाने के साथ ट्रांजिट समय कम होगा। इससे आयात और निर्यात के लिए कुल कार्गो वॉल्‍यूम बढ़ेगा। कुल 1535 किमी. लंबे डीएफसी में कुल निवेश का लगभग 40 प्रतिशत गुजरात में होने की संभावना है जहां कुल लंबाई का लगभग 37 प्रतिशत हिस्‍सा है। 

खुशी जाहिर करते हुए, एपीएम टर्मिनल्‍स पिपावाव के प्रबंध निदेशक, जैकॅब फ्रिस ने कहा, ”इस निवेश से, हमारा उद्देश्‍य हमारे नेटवर्क को मजबूत करना और हमारे सभी शेयरधारकों को सर्वो‍त्‍तम कोटि की सेवाएं उपलब्‍ध कराते रहना है। हालांकि, हमें विस्‍तार योजना के क्रियान्‍वयन हेतु गुजरात मैरिटाइम बोर्ड (जीएमबी) से कंसेशन एक्‍सटेंशन की पुष्टि की प्रतीक्षा है। डीएफसी के शुरू होने के बाद कार्गो वृद्धि दिखाई देने पर कंटेनर यार्ड की क्षमता बढ़ाई जायेगी। हमें 2021 की दूसरी तिमाही में विश्‍व अर्थव्‍यवस्‍था और बिजनेस में विस्‍तारित ‘U’ कर्व में होने और कारोबार के सामान्‍य स्थिति में लौटने की उम्‍मीद है।

सप्‍लाई चेन्‍स को अबाध रखने और अत्‍यावश्‍यक आपूर्तियों की उपलब्‍धता बनाये रखने हेतु, पोर्ट का परिचालन अत्‍यावश्‍यक है। बंदरगाह, समुद्री आपूर्ति श्रृंखला की जीवनरेखा हैं। लॉकडाउन के दौरान भी, एपीएम टर्मिनल्‍स पिपावाव के एक भी व्‍यक्ति में पॉजिटिव का मामला नहीं पाया गया और इसका सफलतापूर्वक परिचालन जारी रहा, जो कि हमारे कर्मचारियों एवं आसपास के समुदाय का हमारे द्वारा ख्‍याल रखे जाने का प्रमाण है। 

एपीएम टर्मिनल्स पिपावाव के विषय में एपीएम टर्मिनल्स पिपावाव (गुजरात पिपावाव पोर्ट लिमिटेड), कंटेनर्स, आरओ/आरओ (पैसेंजर कार्स), लिक्विड बल्क और ड्राई बल्क कार्गो के लिए भारत का एक प्रमुख प्रवेश-द्वार रूपी बंदरगाह है, जो गुजरात के ग्राहकों को सड़क एवं रेलमार्ग के जरिए भारत के भीतरी क्षेत्र और उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र को जोड़ता है। इसकी वर्तमान वार्षिक कार्गो हैंडलिंग क्षमता 1.35 मिलियन टीईयू कंटेनर्स, 250,000 पैसेंजर कार्स, 2 मिलियन मीट्रिक टन लिक्विड बल्क और 4 मिलियन मीट्रिक टन ड्राई बल्क की है। एपीएम टर्मिनल्स पिपवाव भारत का पहला पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) बंदरगाह है और यह एपीएम टर्मिनल्स वैश्विक टर्मिनल नेटवर्क का एक घटक है।