आखर में 3 जनवरी को होगा लेखक डॉ. गजेसिंह राजपुरोहित की किताब ‘पळकती प्रीत’ का लोकार्पण

जयपुर। प्रभा खेतान फाउंडेशन की ओर से ग्रासरूट मीडिया फाउंडेशन के सहयोग से 3 जनवरी, रविवार को सुबह 11 बजे आखर राजस्थान के फेसबुक पेज पर डॉ. गजेसिंह राजपुरोहित की सद्य प्रकाशित पुस्तक “पळकती प्रीत” का लोकार्पण होगा। राजस्थानी साहित्य, कला और संस्कृति से परिचय करवाने के लिए “आखर” नाम से आयोजित पहल के अंतर्गत राजस्थानी भाषा के ंसाहित्य और लोकार्पित पुस्तक ‘पळकती प्रीत’ पर चर्चा की जाएगी। श्री सीमेंट की ओर से समर्थित इस डिजीटल लाइव कार्यक्रम में बीज वक्तव्य राजूराम बिजारणियां देंगे और समीक्षा अतुल कनक करेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. आईदान सिंह भाटी करेंगे। महेंद्र सिंह छायण पुस्तक की प्रस्तावना से अवगत कराएंगे।

गौरतलब है कि आखर कार्यक्रम में फेसबुक पर ही इससे पहले साहित्यकार लेखक मोहन पुरी की पुस्तक “अचपळी बातां” का लोकार्पण हो चुका है। इसके अतिरिक्त प्रतिष्ठित राजस्थानी साहित्यकारों डॉ. आईदान सिंह भाटी, डॉ. अरविंद सिंह आशिया, रामस्वरूप किसान, अंबिका दत्त, मोहन आलोक, कमला कमलेश, भंवरसिंह सामौर, डॉ. गजादान चारण आदि के साथ साहित्यिक चर्चा की जा चुकी है।

डॉ. गजेसिंह राजपुरोहित एक परिचय:
14 जून, 1974 को पाली में जन्में डॉ. गजेसिंह राजपुरोहित राजस्थानी और हिन्दी के जाने-माने साहित्यकार और लेखक हैं। इन्होंने राजस्थान भाषा साहित्य में एम.ए और राजस्थानी उपन्यास साहित्य में पी.एच.डी. की उपाधि हासिल की है। इनके राजस्थानी काव्य में ‘जस रा आखर’, साहित्यिक शोध ‘राजहंस’, राजस्थानी शोध आलेख ‘राजस्थानी साहित्य री सौरम’ स्मृति ग्रंथ ‘आत्मदर्शन’ काफी चर्चित रहे हैं।

डॉ. राजपुरोहित को सन् 2020 में डॉ. नृसिंह राजपुरोहित साहित्य पुरस्कार, 2019 में राजस्थानी भाषा साहित्य सेवा सम्मान, 2008 में स्वामी आत्मानन्द सरस्वती साहित्य पुरस्कार, 2008 में मारवाड़ सीरोपाव सम्मान, 2004 में वीर दुर्गा दास राठौड़ पुरस्कार के साथ-साथ ओर भी बहुत से पुरस्कारों द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। डॉ. राजपुरोहित वर्तमान में जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर में राजस्थानी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत है।