केन्द्र सरकार ने बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव अलपन को तलब करने के अपने कदम को संवैधानिक बताया

केंद्र सरकार ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय को तलब करने के अपने कदम का बचाव किया और सूत्रों के अनुसार अपने स्थानांतरण आदेश को संवैधानिक बताया है।

मंगलवार को अलापन को गृह मंत्रालय से आपदा प्रबंधन एक्ट के तहत कारण बताओ नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब मांगा। केंद्र सरकार के सूत्रों ने एएनआई को बताया, आदेश पूरी तरह से संवैधानिक है क्योंकि मुख्य सचिव एक आईएएस अधिकारी हैं।

उन्होंने अपने संवैधानिक कर्तव्यों की उपेक्षा करना चुना, जिसके परिणामस्वरूप पश्चिम बंगाल सरकार का कोई भी अधिकारी प्रधानमंत्री की समीक्षा बैठक में शामिल नहीं हुआ।

बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी को राज्य सरकार के अधिकारियों के लिए 15 मिनट इंतजार करना पड़ा। इसके बाद मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आए और तुरंत ही चले भी गए।

इसके बाद मुख्य सचिव अलपन को कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी), नई दिल्ली को रिपोर्ट करने के लिए कहा गया। लेकिन इसके एक दिन बाद ही उन्होंने मुख्य सचिव के रूप में अपने पद से सेवानिवृत्ति का विकल्प चुना और ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार में उनके मुख्य सलाहकार के रूप में शामिल हो गए।

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