राजपूतों का विरोध ही कटारिया का मूल मकसद, निष्कासित होने तक करेंगे विरोध : क्षत्रिय महासभा

उदयपुर। राजसमंद विधानसभा उपचुनाव में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया द्वारा महाराणा प्रताप पर की गई टिप्पणी का मामला एक बार फिर से गर्माता नजर आ रहा है। इस टिप्पणी सहित कई अन्य मुद्दों पर आक्रोशित मेवाड़ क्षत्रिय महासभा ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कटारिया की गिरफ्तारी की मांग की।

केंद्रीय महामंत्री तनवीर सिंह कृष्णावत बोले- मेवाड़ के स्वाभिमान के प्रतीक महाराणा प्रताप के लिए हर व्यक्ति किसी भी हद तक गुजरने को तैयार है। लेकिन कोविड के नियमों की पालना करते हुए राजपूत समाज के तमाम संगठनों और सर्व समाज ने महारैली को स्थगित कर दिया था।

इसी बात का फायदा उठाते हुए कटारिया ने तीन बार माफी मांग मामले को रफादफा करने की कोशिश की। भाजपा की आईटी सेल से जुड़े दर्जनों लोगों ने समर्थन में कई मैसेज भी वायरल किए। ताजा विवाद में कटारिया ने वल्लभनगर के पूर्व विधायक रणधीर सिंह भींडर को भाजपा में शामिल नहीं करने और टिकट नहीं देने की अनुशंसा की है। इससे साफ जाहिर होता है कि मेवाड़ में कटारिया का मूल मकसद सिर्फ और सिर्फ राजपूतों की खिलाफत करना ही है।

अब कोरोना की स्थिति सामान्य हो चुकी है। ऐसे में महासभा की ओर से स्थगित हो चुकी महा आक्रोश रैली को निकालने की तैयारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि जब तक कटारिया जैसे नोटंकी बाज नेता को भाजपा निष्कासित नहीं करेगी, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। अब महासभा की ओर से हर गांव, हर ढाणी में कटारिया की सभाओं का बहिष्कार किया जाएगा।

क्षत्रिय महासभा की नाथद्वारा इकाई के अध्यक्ष लक्ष्मणसिंह झाला ने कहा कि कटारिया अपने रिश्तेदार महावीर सुराणा, महेंद्र सुराणा, कपिल सुराणा के साथ मिलकर 25 आदिवासी परिवारों के घरों को उजाडऩा चाहते हैं। जमीन के लिए उन्हें डराया-धमकाया जा रहा है। इस दौरान प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद आदिवासी परिवार के लोगों ने भी जमीन के दस्तावेज बताते हुए कहा कि महेंद्र सुराणा, महावीर सुराणा और कपिल सुराणा आए दिन कटारिया के नाम की धमकी देते हैं।

मकान खाली नहीं करने पर उन्हें तोडऩे की भी चेतावनी भी दी है। भू-माफिया उनकी पुश्तैनी जमीन हड़पना चाहते हैं। लेकिन पुलिस की मिलीभगत से उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। झाला ने कहा कि असली भू-माफिया तो कटारिया है। उन्हीं के इशारे पर क्षत्रिय समाज के नेताओं पर मुकदमे दर्ज करवाए गए। लेकिन वे सभी केस झूठे साबित हुए।

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