महात्मा गांधी के प्रत्येक कार्य में अहिंसा का संदेश निहित है: डॉ. बीडी कल्ला

जयपुर। महात्मा गांधी न केवल शारीरिक बल्कि आध्यात्मिक रूप से भी मन, कर्म और वाणी के माध्यम से ‘अहिंसा’ का पालन करने में विश्वास करते थे। पूरी दुनिया ‘गांधी जयंती’ को ‘अहिंसा दिवस’ के रूप में मना रही है। गांधी ने हमेशा यह उपदेश दिया है कि जो काम हथियारों से नहीं किया जा सकता, वह ‘अहिंसा’ से हासिल किया जा सकता है। यह बात राजस्थान सरकार के कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला ने कही। वे अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस पर आयोजित ‘ग्लोबल ई-कॉन्क्लेव ऑन पीस, हार्मनी एंड नॉन-वॉयलेंस’ को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन राजस्थान सरकार के कला एवं संस्कृति विभाग द्वारा किया गया था।

मुख्य सचिव, राजीव स्वरूप ने कहा कि शांति और अहिंसा हमेशा से ही एक दूसरे के पूरक रहे हैं। आज जब दुनिया साम्राज्यवाद, विस्तारवाद, पूंजीवाद, आतंकवाद और अहंकार के ग्रेनेड पर बैठी है तो इसे समय में महात्मा गांधी की परम आवश्यकता है।

राजस्थान सरकार के कला एवं संस्कृति विभाग की शासन सचिव श्रीमती मुग्धा सिन्हा ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि महात्मा गांधी ने पृथ्वी को विश्व शांति का मंत्र दिया था। सत्य से प्रेरित होकर, उन्होंने हमें विश्व विजय की मशीनरी दी और हमेशा पाप से मुक्ति के लिए कहा।

उद्घाटन भाषण देते हुए, एकता परिषद के अध्यक्ष, श्री पी.वी. राजगोपाल ने कहा कि जिस दुनिया में लोग महात्मा गांधी की शिक्षाओं को भूल रहे हैं, कोविड ने हमें उनकी शिक्षाओं का पालन करने और उनके सिद्धांतों से सीखने की याद दिलाई है।

अपने मुख्य भाषण में, लंदन से जुड़े भारतीय ब्रिटिश-कार्यकर्ता श्री सतीश कुमार ने कहा कि अहिंसा और महात्मा गांधी एक दूसरे के पर्यायवाची हैं। लेकिन महात्मा गांधी के लिए, अहिंसा केवल प्रतिरोध या विरोध का एक माध्यम नहीं, यह उनके लिए जीवन जीने का एक तरीका था।

फ्रांस से जुड़े कृषि अर्थशास्त्री और शिक्षक, जीन लुईस बाटो, ने कहा कि वैश्वीकरण के कारण धन संचय, प्रतिस्पर्धा और प्राकृतिक संसाधनों, जैव विविधता एवं जलवायु का विनाश के दौर में एक नया प्रतिमान बनाने की आवश्यकता है।

इटैलियन सोशल-एक्टिविस्ट, सोनिया देओटो ने कहा कि ‘अहिंसा’ एक मौलिक अभिव्यक्ति है, जिसका अर्थ है संवाद, सहानुभूति और हमारे दिलों को शुद्ध करने के लिए आत्म-परिवर्तन की प्रक्रिया। यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि महात्मा गांधी ने अहिंसा के रचनात्मक कार्यक्रम के माध्यम से स्वराज हासिल किया जो विविधता में एकता के आधार पर स्थापित किया गया था।

दक्षिण अफ्रीका से जुड़े डॉ. रामफेले मताला ने कहा कि महात्मा गांधी ने हमें याद दिलाया कि सभी की जरूरतों के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध हैं लेकिन ये सभी के लालच के लिए पर्याप्त नहीं हैं। कोविड -19 एक ऐसा विघटनकारी अनुस्मारक है कि हम अनेक ऐसे संकटों का सामना कर रहे हैं जो खुद हमारे द्वारा लाया गया है।

महात्मा गांधी कैनेडीयन फ़ाउंडेशन फ़ॉर वर्ल्ड पीस की सह-अध्यक्ष, रीवा जोशी, जो कनाडा से जुड़ी हुई थी, ने कहा कि राजस्थान का शांति और अहिंसा विभाग, शिक्षा को सबसे आगे रखते हुए, गांधी के विचारों को लोगों तक पहुंचाने के लिए प्रभावी ढंग से काम कर रहा है।

इसके अलावा, मंत्री द्वारा पोस्टकार्ड ‘गांधी और विज्ञा’ का अनावरण किया गया। गांधी के जीवन पर हवा महल, आमेर और अल्बर्ट हॉल में एक लेजर शो दिखाया गया। इसके अलावा, वीसी के माध्यम से गांधी के प्रसिद्ध भजन भी प्रस्तुत किए गए।