तकनीक विकसित करने की आवश्यकता प्रतिपादित-अजिताभ शर्मा

राष्ट्रीय खनिज खोज न्यास की कार्यशाला
खनिज खनन की न्यूनतम अपव्यय-अधिकतम दोहन की

माइंस व पेट्रोलियम विभाग के प्रमुख शासन सचिव अजिताभ शर्मा ने कहा है कि खनिज खनन की न्यूनतम अपव्यय-अधिकतम दोहन की तकनीक विकसित करनी होगी ताकि खनि संपदा के अपशिष्ट के रुप में अनावश्यक अपव्यय को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि खनिज खोज से लेकर खनन कार्य की समाप्ति तक की सभी गतिविधियों को समग्र परिपे्रक्ष्य में देखना होगा।

प्रमुख सचिव माइंस शर्मा सोमवार को जयपुर में राष्ट्रीय खनिज खोज न्यास (एनएमईटी) की पश्चिमी जोन की कार्यशाला के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। कार्यशाला में राजस्थान और गुजरात के माइंस से जुड़े विषेषज्ञ अधिकारी हिस्सा ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्यशालाओं में उद्योगों के प्रतिनिधियों की भी भागीदारी तय करनी चाहिए ताकि उनके अनुभवों को साझा किया जा सके।

शर्मा ने कहा कि खनन कार्य में लगी संस्थाओं व उद्योगों को क्षेत्र के प्रति सामाजिक सरोकारों को समझना होगा और खनन क्षेत्र के निवासियों, खनन श्रमिकों के लिए शिक्षा-स्वास्थ्य जैसी गतिविधियों व वहां के पर्यावरण संरक्षण, संरचनात्मक सुविधाओं के विकास आदि कार्यों के लिए आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि एनएमईटी और डीएमएफटी कोष में उपलब्ध राशि का उपयोग खनन क्षेत्र के निवासियों को आधारभूत सुविधाओं की उपलब्धता और पर्यावरण सुधार के लिए किया जाना चाहिए।

प्रमुख सचिव माइंस ने कहा कि राजस्थान में विपुल खनि संपदा है। राज्य सरकार सस्टेनेबल खनन पर जोर दे रही है। एनएमईटी द्वारा खनिज खोज कार्य में तेजी लाने और खनि संपदा से जुड़ा डेटा पब्लिक डोमेन में उपलब्ध कराने से इस क्षेत्र में बड़ी मात्रा में निवेश होगा। उन्होंने एमएमडीआर एक्ट के प्रावधानों के सरलीकरण की आवश्यकता प्रतिपादित की।

महानिदेशक जीएसआई और सीएमडी एमईसीएल रंजीत रथ ने कहा कि खनिज खोज का कार्य बेहद खर्चिला और जोखिम भरा होने के बावजूद देश में खनि संपदा के खोज का कार्य तेजी से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बड़े खनिज ब्लॉकों को छोटे छोटे ब्लॉकों में विकसित किया जाता है और अत्यधिक छोटे ब्लॉकों को कुछ ब्लॉकों को मिलाकर विकसित कर ऑक्शन किया जाता है तो बोलीदाताओं की भागीदारी बढ़ेगी और लाभकारी राजस्व भी प्राप्त हो सकेगा।

रंजीत रथ ने कहा कि कोविड के दौरान बेसलाइन डेटा संग्रहण का अच्छा काम हुआ है वहीं खनन क्षेत्र में खोज व इनोवेटिव आइडियाज को प्रोत्साहित किया जा रहा है। एडीजी जीएसआई आरवी रमणमूर्ति ने बताया कि राजस्थान व गुजरात मेन खनि संपदा का अथाह भण्डार है।

उन्होंने बताया कि खनि क्षेत्र में खोज गतिविधियों को बढ़ावा व इस क्षेत्र में समन्वय के लिए एनएमईटी का 2015 में गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि आधुनिकतम तकनीक के उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है वहीं एमएमडीआर एक्ट में आवष्यकता के अनुसार संशोधन कर उसे सरल बनाया गया है।