प्रशासन शहरों के संग शिविर में सुबह 11.30 बजे तक अधिकारी रहे नदारद

अजमेर। फाइव डे वीक के चलते सरकारी कार्यालयों का समय सुबह 9.30 बजे से शाम 5 बजे तक है। इस समय के अनुसार सभी कार्मिकों को सुबह सवा नौ बजे तक अपने कार्यालय पहुंचने के आदेश है। राज्य सरकार ने प्रशासन शहरों के संग शिविर का समय सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक का निर्धारित किया है, लेकिन नगर में प्रशासन शहरों के संग शिविर में सुबह 11.30 बजे तक अधिकारी, कर्मचारी व नगर मित्र पहुंचते ही नहीं हैं।

सोमवार को शिविर का पहला ही दिन था। पहले ही दिन अधिकारियों की लेटलतीफी सामने आ गई। शिविर से अधिकारियों के गायब होने व जानकारी नहीं मिलने पर पार्षदों ने हंगामा िकया। हंगामे के बाद साढ़े ग्यारह बजे निगम के अधिकारी शिविर में पहुंचे। पार्षदों ने इस मामले में महापौर से मुलाकात करके उन्हें भी आपत्ति जताई है।

नगर निगम में प्रशासन शहरों के संग शिविर के तहत पहले दिन सोमवार को निगम के वार्ड संख्या 1 से 4 तक के लोगों को पट?्टे देने के लिए शिविर लगाया गया। सुबह दस बजे पार्षद बनवारीलाल शर्मा, मनोज कुमार, प्रतिभा पाराशर व ज्ञान सारस्वत अपने क्षेत्र के लोगों की पत्रावलियां लेकर शिविर में पहुंचे।

तकरीबन आधा घंटा इंतजार करने के बावजूद सुबह साढ़े दस बजे तक कोई अधिकारी नहीं पहुंचा। दोपहर साढ़े तीन बजे कार्यवाहक आयुक्त अक्षय गोदारा नगर निगम पहुंचे। महापौर ब्रजलता हाड़ा से मुलाकात करने के बाद कुछ देर के लिए शिविर में बैठे। यहां पार्षद शयाम प्रजापति, नरेश सत्यावना व अन्य ने मुलाकात करके शिविर में व्यवस्थाएं सुधारने की मांग की।

पार्षदों ज्ञान सारस्वत ने कहा कि सरकार गरीबों को पट्टे देने के लिए प्रयास कर रही है लेकिन अधिकारी योजनाओं पर पलीता लगा रहे हैं। यहां 32 नगर िमत्रों को लगाया गया है, लेकिन मौके पर एक भी नगर मित्र नहीं है। नगर मित्र एक पत्रावली को ऑनलाइन करने के दो हजार रुपए वसूल रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके वार्ड संख्या 4 में क्षेत्रवासियों की ऐसी स्थिति नहीं है कि वह दो हजार रुपए दे सकें। इसी कारण उन्होंने तकरीबन 100 पत्रावलियां पूर्ण करवाकर यहां शिविर में लेकर आए हैं।

नगर निगम के वार्ड दो के पार्षद मनोज कुमार ने कहा कि 15 से 25 सितंबर तक प्री कैंप लगाया गया। किस दिन किस वार्ड का शिविर है इसकी जानकारी तक नहीं दी जाती है। सोमवार से शिविर की विधिवत शुुरुआत हो गई, लेकिन अभी भी यहां किस नियम से किस व्यक्ति को कौन सा पट्टा मिलेगा। क्या दस्तावेज लगाए जाने हैं इसकी जानकारी तक नहीं है। नए शिविर में पुराना बोर्ड लगा दिया : शिविर में प्री कैंप की जानकारी देने वाला ही बोर्ड लगा रहा। इसे लेकर पार्षदों ने आपत्ति भी जताई की कम से कम नया बोर्ड तो लगाया जाए ताकि आने वाले आमजन को पता चल सके कि इस शिविर में क्या-क्या काम होने वाले हैं।

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