जिन स्कूलों ने आरटीई के तहत आने वाले बच्चों को पढ़ाया ही नही तो राशि किस बात की: संयुक्त अभिभावक संघ

जयपुर। पिछले 9 महीनों से प्रदेश का कोई भी स्कूल खुल नही रहा है, ऐसे में निजी स्कूल संचालक सरकार और अभिभावक दोनों पर लगातार दबाव बनाकर फीस वसूलने की साजिश को अंजाम देता आ रहा है। एक तरह स्कूल संचालक अभिभावकों पर फीस जमा करवाने का दबाव बना रहा है तो वही दूसरी तरफ स्कूल संचालक राज्य सरकार पर भी आरटीई की राशि की मांग कर रहा है। पिछले दिनों संयुक्त अभिभावक संघ ने शिक्षा में सुधार और फीस मुद्दे सहित 15 सूत्रीय मांगों को लेकर शहीद स्मारक पर 19 दिनों तक धरना दिया, जिसमे आरटीई की राशि भी शामिल थी।

प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने ये जानकारी देते हुए बताया कि संयुक्त अभिभावक संघ ने धरने के दौरान 15 सूत्रीय मांगों में आरटीई की राशि को भी प्रमुखता से रखा था। जिसमे कहा गया था कि जब पिछले 9 महीनों से कोई स्कूल खुला नही है, आरटीई के तहत पढ़ने वाले बच्चों को शिक्षा ही उपलब्ध नही करवाई गई है तो आरटीई राशि की मांग बेनामी है।

धरना स्थगित करने के दौरान मुख्य संचेतक महेश जोशी ने आश्वस्त किया था कि वह अभिभावकों की मांगों को लेकर शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री दोनों से बात कर हल निकालने के लिए कटिबद्ध है। जिसके बाद बुधवार को राज्य के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने बयान देकर स्पष्ट कर दिया है कि ‘स्कूल नहीं तो आरटीई की राशि का भी भुगतान नहीं।

लीगल सेल अध्यक्ष अमित छंगाणी ने कहा कहा, ‘जब बच्चे स्कूल गए ही नहीं है तो आरटीई की राशि किस बात की संयुक्त अभिभावक संघ शिक्षा मंत्री से यह मांग करता है कि जिन-जिन विद्यालयों ने फीस एक्ट 2016 के प्रभाव में आने के बाद फीस एक्ट की पालना नही की है और फीस बढ़ाई है उनको दी जाने वाली आरटीई अनुदान राशि पर रोक लगाकर पिछले 4 सालों में जो फीस राशि वसूली है उसकी निर्धारित जांच करवाकर आरटीई की राशि को एडजस्ट किया जाना चाहिए।

महिला प्रभारी दौलत शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि शुक्रवार को ” अभिभावक जागरूकता अभियान ” के छठे दिन संयुक्त अभिभावक संघ की टीम दुर्गापुरा स्थित सीडलिंग स्कूल के अभिभावकों के पास पहुंची। लीगल सेल अध्यक्ष एडवोकेट अमित छंगाणी, महिला प्रभारी अमृता सक्सेना और प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने राजस्थान हाईकोर्ट ने अभी हाल ही में दिए आदेश, फीस एक्ट 2016 सहित केंद्र व राज्य सरकार द्वारा शिक्षा को लेकर जारी गाइडलाइन की जानकारियों से अवगत करवाया, इस दौरान अभिभावकों की शंकाओं का भी समाधान किया गया।