5 हजार साल पुरानी है चाय की कहानी, 1884 में आई थी भारत

चाय का इतिहास
चाय का इतिहास

चाय एक ऐसा पेय है, जो अमीर-गरीब सब बड़े चाव से पीते हैं। चाय का इतिहास बड़ा पुराना है। आपको बता दें कि देश के 28 रा’यों में से 15 में चाय का उत्पादन होता है। चाय के कई फ्लेवर होते हैं। ग्रीन-टी, ब्लैक टी के अलावा व्हाइट टी भी लोग पसंद करते हैं। दुनिया में चाय की कहानी करीब 5000 साल पुरानी है। चीन में एक सम्राट थे शेन नुग्न। वो रोज सुबह टहलने के बाद बगीचे में बैठकर गर्म पानी पीते थे। एक दिन पानी में कुछ पत्तियां गिर गईं। उनके कर्मचारियों ने पानी फेंकने की कोशिश, लेकिन सम्राट ने उन्हें रोक दिया। उन्हें पानी से बढिय़ा महक आ रही थी। सबकी बात को नकारते हुए सम्राट ने वो पानी पीया। उन्हें स्वाद बढिय़ा लगा। ये पत्तियां चाय की थीं। तो इंटरनेशनल टी डे को मौके पर जानते हैं चाय के दिलचस्प इतिहास के बारे में…

भारत में ऐसे हुई चाय की शुरुआत

दरअसल, बिट्रेन से आए अंग्रेज चाय को भारत लेकर आए थे। आपने कई बार यह कहावत सुनी होगी कि अंग्रेज तो चले गए, लेकिन अंग्रेजी यहीं छोड़ गए। हालांकि, अंग्रेजी के अलावा वह चाय भी हमारे यहां छोड़ गए हैं। बात करें भारत में चाय के इतिहास की, तो देश में चाय की शुरुआत की कहानी काफी दिलचस्प है। साल 18&4 में जब गवर्नर जनरल लॉर्ड बैंटिक भारत आए, तो उन्होंने असम में कुछ लोगों को चाय की पत्तियों को उबालकर दवाई की तरह पीते हुए देखा। इसके बाद बैंटिक ने असम के लोगों को चाय की जानकारी दी और इस तरह भारत में चाय की शुरुआत हुई।

1885 में शुरू हुए चाय के बागान

चाय का इतिहास
चाय के बागान

इसके बाद साल 1885 में असम में चाय के बाग लगाए गए और फिर 1881 में इंडियन टी एसोसिएशन की स्थापना की गई। इससे भारत ही नहीं, बल्कि अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में भी चाय के उत्पादन को फैलाया गया। भारत में उगने वाली यह चाय अंग्रेजों की कमाई का एक अ‘छा जरिया बन गई थी। वह भारत में उगाई गई चाय को विदेशों में भेजकर मोटी कमाई करते थे। ये तो हो गई भारत में चाय के इतिहास की बात, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर सबसे पहले चाय की शुरुआत कहां और कैसे हुई थी। अगर नहीं तो चलिए हम आपको बताते हैं इसके इतिहास के बारे में-

गलती से हुई चाय की खोज

चाय का इतिहास
चाय का इतिहास

बेहद कम लोग ही जानते होंगे कि चाय का इतिहास करीब 5000 साल पुराना है। चाय का इतिहास चीन से जुड़ा है। ऐसा माना जाता है कि 27&2 बीसी में चीन के शासक शेंग नुंग ने गलती से चाय की खोज की थी। दरअसल, एक बार राजा के उबलते पानी में कुछ जंगली पत्तियां गिर गई, जिसके बाद अचानक पानी की रंग बदलने लगा और पानी से अ‘छी खुशबू आने लगी। जब राजा ने इस पानी को पिया तो उन्हें इसका स्वाद काफी पसंद आया है। साथ ही इसे पीते ही उन्हें ताजगी और ऊर्जा का अहसास है और इस तरह गलती से चाय की शुरुआत हुई, जिसे राजा ने चा.आ नाम दिया था।

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