भारत में पहली बार मिला स्ट्रेन डेल्टा कहा जाएगा, डब्ल्यूएचओ ने कहा-किसी देश को नए वैरिएंट की जानकारी देने की सजा न मिले

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना के नए वेरिएंट ऑफ कंसर्न वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट का नाम ग्रीक अल्फाबेट्स का इस्तेमाल करते हुए रखने की घोषणा की है। इसके तहत सबसे पहले जो कोरोना वेरिएंट भारत में मिला, उसे डेल्टा कहा जाएगा। जबकि, इससे पहले मिले वर्जन को कप्पा कहा जाएगा।

डब्ल्यूएचओ की कोविड-19 टैक्निकल हेड डॉ. मारिया वेन करखोवे ने कहा कि इन लेवल से मौजूदा वैज्ञानिक नामों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उनसे अहम वैज्ञानिक जानकारियां मिलती हैं और रिसर्च में इनका इस्तेमाल जारी रहेगा। किसी भी देश को कोरोना के वेरिएंट खोजने या उसकी जानकारी देने की सजा नहीं मिलनी चाहिए।

कोरोना के नए स्ट्रेन को भारतीय बताने पर सरकार ने आपत्ति जताई थी। सरकार की तरफ से कहा गया था कि बी.1.617 वैरिएंट को दुनिया के लिए चिंताजनक बताने वाले विश्व स्वास्थ्य संगठन के बयान को कई मीडिया रिपोर्ट्स में कवर किया गया।

इनमें से कुछ रिपोर्ट्स में इस वैरिएंट को भारतीय कहा गया, लेकिन ये रिपोर्ट्स बेबुनियाद हैं। सरकार का दावा है कि डब्ल्यूएचओ ने अपने 32 पेज के डॉक्यूमेंट्स में बी.1.617 वैरिएंट के साथ कहीं भी इंडियन नहीं जोड़ा है।

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